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चम्बा , 26 नवंबर [ शिवानी ] ! जागोरी रूरल चैरिटेबल ट्रस्ट चम्बा की ओर से गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज लिलह कोठी में 100 करोड़ उमड़ते लोग अभियान का आयोजन परियोजना समन्वयक उमा कुमारी की अध्यक्षता में किया गया । यह अभियान महिला हिंसा के विरोध में पूरे विश्व में हर वर्ष चलाया जाता है। जगोरी संस्था हर वर्ष इस अभियान को 25 नवंबर से लेकर मार्च माह तक चलाती है। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों के साथ महिलाओं की आजादी, हिंसा, व जेंडर समानता पर चर्चा पर चर्चा की गई विद्यार्थियों का मानना है कि महिलाओं व बच्चियों को साथ हिंसा व छेड़छाड़ घर से ही शुरू होती है जिसका मुख्य कारण है महिलाओं की चुप्पी व झिझक का होना और महिलाओं व लड़कियों को अपनी बात रखने का मौका और अच्छा स्थान ना मिलना है । आज भी महिलाओं को घर के अंदर इज्जत व सम्मान नहीं मिलता है । महिलाएं दिन भर काम करती हैं। लेकिन उनके काम को आंका नहीं जाता है। पिरचर्चा के दौरान जागोरी टीम की ओर से यह जोड़ा गया कि जब तक खास करके पुरुषों में नारी सम्मान करने के साथ-साथ नारीवादी सोच जागृत नहीं होती तब तक महिलाओं पर हो रहे अत्याचार भेदभाव एवं हिंसा में कमी नहीं आ सकती जब तक यह चीजें नहीं हो पाती तब तक महिलाओं को आजादी मिलना मुश्किल है । परिचर्चा में यह भी निकल कर आया कि इसके विरोध में आज युवा पीढ़ी को आगे आने की आवश्यकता है। युवाओं को खास करके पुरुषों के अंदर यह भावना होनी चाहिए कि मैं मर्द नहीं इंसान बनने की कोशिश करूंगा। कार्यक्रम में कॉलेज के प्रिंसिपल मनोज कुमार जागोरी टीम से ललिता, मखणी, अक्षिका भी उपस्थित रही । Please Submit your Opinion Poll ? [yop_poll id="6"] https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
चम्बा , 26 नवंबर [ शिवानी ] ! जागोरी रूरल चैरिटेबल ट्रस्ट चम्बा की ओर से गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज लिलह कोठी में 100 करोड़ उमड़ते लोग अभियान का आयोजन परियोजना समन्वयक उमा कुमारी की अध्यक्षता में किया गया । यह अभियान महिला हिंसा के विरोध में पूरे विश्व में हर वर्ष चलाया जाता है। जगोरी संस्था हर वर्ष इस अभियान को 25 नवंबर से लेकर मार्च माह तक चलाती है।
इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों के साथ महिलाओं की आजादी, हिंसा, व जेंडर समानता पर चर्चा पर चर्चा की गई विद्यार्थियों का मानना है कि महिलाओं व बच्चियों को साथ हिंसा व छेड़छाड़ घर से ही शुरू होती है जिसका मुख्य कारण है महिलाओं की चुप्पी व झिझक का होना और महिलाओं व लड़कियों को अपनी बात रखने का मौका और अच्छा स्थान ना मिलना है । आज भी महिलाओं को घर के अंदर इज्जत व सम्मान नहीं मिलता है ।
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महिलाएं दिन भर काम करती हैं। लेकिन उनके काम को आंका नहीं जाता है। पिरचर्चा के दौरान जागोरी टीम की ओर से यह जोड़ा गया कि जब तक खास करके पुरुषों में नारी सम्मान करने के साथ-साथ नारीवादी सोच जागृत नहीं होती तब तक महिलाओं पर हो रहे अत्याचार भेदभाव एवं हिंसा में कमी नहीं आ सकती जब तक यह चीजें नहीं हो पाती तब तक महिलाओं को आजादी मिलना मुश्किल है ।
परिचर्चा में यह भी निकल कर आया कि इसके विरोध में आज युवा पीढ़ी को आगे आने की आवश्यकता है। युवाओं को खास करके पुरुषों के अंदर यह भावना होनी चाहिए कि मैं मर्द नहीं इंसान बनने की कोशिश करूंगा। कार्यक्रम में कॉलेज के प्रिंसिपल मनोज कुमार जागोरी टीम से ललिता, मखणी, अक्षिका भी उपस्थित रही ।
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