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चम्बा ,08 फरवरी ! सुरक्षा, स्वच्छता, स्वाधीनता आकांक्षी जिला चम्बा की महिला व किशोरियों को मासिक धर्म के वक्त सेनेटरी पैड ना होने के या होने के कारण जिन समस्यो से गुजरना पड़ता है उससे मध्य नजर रखते हुए और उनके संपूर्ण विकास के लिए व जिला चम्बा की प्रगतिशीलता के लिए पिरामल फाउंडेशन के गांधी फेलो गोल्डी नेगी द्वारा गगला पंचायत में 'सुरक्षा, स्वच्छता, स्वाधीनता' नाम से एक कैंपेन की शुरुआत की गई, गोल्डी नेगी बताती है कि जब वह स्कूलों या कम्यूनिटी के महिलो से मिलने के बाद सेनिटेशन व हाइजीन की जब बात करती थी तो कई समस्या बाहर निकल कर आती थी। एक कारण था पैसे के कमी के कारण पैड नहीं करीद सकते थे। दूसरा था के पैड को कहां और कैसे डिस्पोज किया जाए उसका ज्ञान न होना।असुरक्षित व गलत तरीके से बनाया हुआ पैड वातावरण को भी दूषित करता है और इससे महिलाओ व लड़कियो को संक्रमण का सामना भी करना पड़ता है। महिलाएँ मासिकधर्म से जुड़ी हुई समस्याओं पर हर महीने बहुत सारा खर्च करती है जो उनकी मजबूरी भी है। स्कूलों में भी पैड की आपूर्ति की समस्या है इन सब समस्याओं का हल निकालने के लिए गोल्डी नेगी ने साफ़ व कॉटन से बने कपड़ों से बने पैड का इस्तेमाल करने के लिए महिलाओं व किशोरियों को सलाह दी तथा महिला कल्याण अधिकारी श्रीमती शिवानी सूद से भी इस विषय पर चर्चा की, जहां से उन्हें काफी मदद मिली और बताया की यदी कपड़े के पैड ही औरत व लड़कियो को बनाना सिखा दिया जाए जिस से वातावरण का भी सुधार होगा। महिला वर्ग की सुरक्षा भी जिसकी शुरुआत ग्राम पंचायत गागला से हुई स्वयसेवक नेहा व मनीषा के साथ मिल कर के कॉटन से बने 200 पैड सिलाई मशीन पर बना कर इस्तेमाल हेतु महिलाओ को वितरित किए। पंचायत प्रधान लालू राम व पंचायत के बाकी सदस्यों द्वारा इस काम को करने के लिए पूरा सहयोग मिला जिस के लिए पंचायत का सिलाई सेंटर फिर से खुलवाया गया। पीरामल फाउंडेशन के इस कदम से लड़कियो व महिलों के लिए 4 वर्कशाप भी की गई जिसमे पैड बनाना उसका इस्तेमाल कैसे किया जाए, कैसे हाइजीन रखना है, कैसे कपड़े का इस्तेमाल करना है वह सब बताया गया। 45 महिला और लड़कियो को इस विषय पर बताया गया है जिस से एक सकरात्मक परिणाम मिला है और महिलाओं में खुद से पैड बनाने के एक इच्छा जागरूक हुई है। पीरामल फाउंडेशन के जिला प्रमुख श्री नरेंद्र जोशी ने बताया कि यह पैड बहुत ही सस्ता व सुरक्षित है, यदी अच्छे से धोया और सुखाया जाए, यदि य़ह माडल कामयाब होता है तो इस तरह की शुरुआत दूसरी जगहों पर भी की जाएगी। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
चम्बा ,08 फरवरी ! सुरक्षा, स्वच्छता, स्वाधीनता आकांक्षी जिला चम्बा की महिला व किशोरियों को मासिक धर्म के वक्त सेनेटरी पैड ना होने के या होने के कारण जिन समस्यो से गुजरना पड़ता है उससे मध्य नजर रखते हुए और उनके संपूर्ण विकास के लिए व जिला चम्बा की प्रगतिशीलता के लिए पिरामल फाउंडेशन के गांधी फेलो गोल्डी नेगी द्वारा गगला पंचायत में 'सुरक्षा, स्वच्छता, स्वाधीनता' नाम से एक कैंपेन की शुरुआत की गई, गोल्डी नेगी बताती है कि जब वह स्कूलों या कम्यूनिटी के महिलो से मिलने के बाद सेनिटेशन व हाइजीन की जब बात करती थी तो कई समस्या बाहर निकल कर आती थी।
एक कारण था पैसे के कमी के कारण पैड नहीं करीद सकते थे। दूसरा था के पैड को कहां और कैसे डिस्पोज किया जाए उसका ज्ञान न होना।असुरक्षित व गलत तरीके से बनाया हुआ पैड वातावरण को भी दूषित करता है और इससे महिलाओ व लड़कियो को संक्रमण का सामना भी करना पड़ता है।
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महिलाएँ मासिकधर्म से जुड़ी हुई समस्याओं पर हर महीने बहुत सारा खर्च करती है जो उनकी मजबूरी भी है। स्कूलों में भी पैड की आपूर्ति की समस्या है इन सब समस्याओं का हल निकालने के लिए गोल्डी नेगी ने साफ़ व कॉटन से बने कपड़ों से बने पैड का इस्तेमाल करने के लिए महिलाओं व किशोरियों को सलाह दी तथा महिला कल्याण अधिकारी श्रीमती शिवानी सूद से भी इस विषय पर चर्चा की, जहां से उन्हें काफी मदद मिली और बताया की यदी कपड़े के पैड ही औरत व लड़कियो को बनाना सिखा दिया जाए जिस से वातावरण का भी सुधार होगा।
महिला वर्ग की सुरक्षा भी जिसकी शुरुआत ग्राम पंचायत गागला से हुई स्वयसेवक नेहा व मनीषा के साथ मिल कर के कॉटन से बने 200 पैड सिलाई मशीन पर बना कर इस्तेमाल हेतु महिलाओ को वितरित किए। पंचायत प्रधान लालू राम व पंचायत के बाकी सदस्यों द्वारा इस काम को करने के लिए पूरा सहयोग मिला जिस के लिए पंचायत का सिलाई सेंटर फिर से खुलवाया गया।
पीरामल फाउंडेशन के इस कदम से लड़कियो व महिलों के लिए 4 वर्कशाप भी की गई जिसमे पैड बनाना उसका इस्तेमाल कैसे किया जाए, कैसे हाइजीन रखना है, कैसे कपड़े का इस्तेमाल करना है वह सब बताया गया। 45 महिला और लड़कियो को इस विषय पर बताया गया है जिस से एक सकरात्मक परिणाम मिला है और महिलाओं में खुद से पैड बनाने के एक इच्छा जागरूक हुई है। पीरामल फाउंडेशन के जिला प्रमुख श्री नरेंद्र जोशी ने बताया कि यह पैड बहुत ही सस्ता व सुरक्षित है, यदी अच्छे से धोया और सुखाया जाए, यदि य़ह माडल कामयाब होता है तो इस तरह की शुरुआत दूसरी जगहों पर भी की जाएगी।
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