
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला , 12 सितम्बर [ विशाल सूद ] ! भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमित ठाकुर ने कांग्रेस की रोजगार यात्रा और आश्रय शर्मा के इस्तीफे को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष ने कांग्रेस की इस यात्रा को नौटंकी करार दिया, और कहा कि यह यात्रा वास्तव में सत्ता के लिए संघर्ष की यात्रा है और इसमें भी कांग्रेस नेताओं के बीच खुद को एक.दूसरे से बड़ा दिखाने की होड़ मची हुई है। अमित ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के बीच चल रही अंतर्कलह का ताजा उदाहरण मंडी में देखने को मिला है। यहां हिमाचल कांग्रेस के महासचिव आश्रय शर्मा ने पार्टी की युवा बेरोजगार यात्रा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। आश्रय शर्मा ने विक्रमादित्य सिंह पर पार्टी कार्यक्रमों को हाईजैक करके मनमर्जी से चलाने और मंडी जिले की राजनीति में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है। ठाकुर ने कहा कि परिवारवाद पर चलने वाली पार्टी के इन दो राजकुमारों की आपसी लड़ाई तो कांग्रेस में आने वाले समय में होने वाले गृहयुद्ध का ट्रेलर भर है अमित ठाकुर ने कहा कि अभी विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजी भी नहीं है और कांग्रेस की गुटबाजी सतह पर आ गई है। गुटबाजी का आलम यह है कि शीर्ष नेतृत्व से लेकर युवा चेहरों तक एक.दूसरे को फूटी आंख से भी नहीं सुहा रहे। हिमाचल कांग्रेस में बड़े से लेकर छोटे नेता तक आपस में ही उलझे हुए हैं। कहीं वरिष्ठ नेता युवा नेता की बात काट रहा है तो कहीं युवा नेता वरिष्ठ नेताओं को आइना दिखा रहा है। राजनीतिक शिष्टाचार तो छोड़िए इनके नेताओं में सामान्य शिष्टाचार भी नहीं बचा है। ठाकुर ने कहा कि आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि कांग्रेस के भीतर किस तरह की होड़ मची हुई है। जो लोग पहली बार विधायक बने हैं, वो किसी वरिष्ठ नेता की भांति या पार्टी अध्यक्ष की तरह निर्णय ले रहे हैं। ये दिखाता है कि कांग्रेस नेतृत्व विहीन है और उसकी अपने नेताओं पर कोई लगाम नहीं है। इसके अलावा आप यह भी जानते हैं कि सुखराम परिवार और वीरभद्र सिंह परिवार में छत्तीस का आंकड़ा रहा है। अमित ठाकुर ने कहा कि दोनों ही वरिष्ठ नेता अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन दोनों के ही परिवार एक.दूसरे को पसंद नहीं करते। सुखराम परिवार और वीरभद्र सिंह परिवार के बीच की खानदानी लड़ाई अब विरासत के रूप में उनकी अगली पीढ़ी संभाल रही है। स्व-वीरभद्र सिंह जब तक जिंदा रहे हमेशा उन्होंने सुखराम परिवार और उनके समर्थकों की उपेक्षा की। आज इसी रिवायत को विक्रमादित्य सिंह जिंदा रखने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस तीन पीढ़ियों की दुश्मनी अभी तक खत्म नहीं कर पाई है। इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इनका शीर्ष नेतृत्व कितना कमजोर है। कांग्रेस के इन्ही हालतों को देखते हुए हिमाचल की जनता ने इस बार रिवाज बदलकर फिर से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने का मन बना लिया है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -