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शिमला ,19 जनवरी ! मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आम जनमानस की समस्याओं का त्वरित निदान सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज मंडी जिला स्थित धर्मपुर के धावली में जल शक्ति विभाग के किसान भवन में जन-समस्याएं सुनने के उपरांत कहा कि प्रदेश सरकार ने 101 करोड़ रुपये की धनराशि से मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष स्थापित किया है ताकि जरूरतमंद बच्चों एवं निराश्रित महिलाओं को उच्च शिक्षा प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों की कौशल विकास शिक्षा, उच्च शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण पर आने वाले खर्च को राज्य सरकार वहन करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बाल देखभाल संस्थानों, नारी सेवा सदनों, शक्ति सदनों और वृद्धाश्रमों के आवासियों को त्योहार मनाने के लिए उत्सव अनुदान भी प्रदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की ओपीएस की मांग को भी प्रदेश मंत्रिमंडल की पहली बैठक में बहाल करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के 1.36 लाख से अधिक एनपीएस कर्मचारी लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाएगा तथा इसमें किसी भी स्तर पर भेदभाव नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने जनप्रतिनिधियों तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों से विकास कार्यों की फीडबैक भी ली। इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक चन्द्र शेखर, डीआईजी मधुसूदन, उपायुक्त अरिंदम चौधरी, पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, पार्टी कार्यकर्ता तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला ,19 जनवरी ! मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आम जनमानस की समस्याओं का त्वरित निदान सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज मंडी जिला स्थित धर्मपुर के धावली में जल शक्ति विभाग के किसान भवन में जन-समस्याएं सुनने के उपरांत कहा कि प्रदेश सरकार ने 101 करोड़ रुपये की धनराशि से मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष स्थापित किया है ताकि जरूरतमंद बच्चों एवं निराश्रित महिलाओं को उच्च शिक्षा प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों की कौशल विकास शिक्षा, उच्च शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण पर आने वाले खर्च को राज्य सरकार वहन करेगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बाल देखभाल संस्थानों, नारी सेवा सदनों, शक्ति सदनों और वृद्धाश्रमों के आवासियों को त्योहार मनाने के लिए उत्सव अनुदान भी प्रदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की ओपीएस की मांग को भी प्रदेश मंत्रिमंडल की पहली बैठक में बहाल करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के 1.36 लाख से अधिक एनपीएस कर्मचारी लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाएगा तथा इसमें किसी भी स्तर पर भेदभाव नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने जनप्रतिनिधियों तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों से विकास कार्यों की फीडबैक भी ली।
इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक चन्द्र शेखर, डीआईजी मधुसूदन, उपायुक्त अरिंदम चौधरी, पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, पार्टी कार्यकर्ता तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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