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सोलन ,[ बद्दी ] 19 फरवरी[ पंकज गोल्डी ] ! ओमेक्स कॉलोनी बद्दी में रेजिडेंटस वेलफेयर सोसायटी द्वारा करवाई जा रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन कथावाचक पंडित जगमोहन दत्त शास्त्री ने कृष्ण के जीवन में घटित अनेक वृतांत सुनाएं । उन्होंने कहा कि मनुष्य को सदैव काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार से दूर रहना चाहिए लेकिन बड़ी विडम्बना है बालक जैसे जैसे बडा होता है वह इन्हीं इंद्रिय भोगों के वशीभूत होता जाता है जोकि हमारे जीवन उत्थान में बहुत बडी बाधा उत्पन्न करता है और मनुष्य के पतन का कारण भी यही राग और द्वेष जैसे विषय बनते हैं । उन्होंने श्रीकृष्ण के जीवन का वृतांत सुनाते हुए कहा कि कन्हैया जब गोकुल में रहा करते थे । तो वहां पास से गुजरने वाली यमुना नदी को कालिया नाग ने अपना घर बना लिया और नदी के पानी को अपने विष से जहरीला कर दिया । उस पानी को पीकर पशु-पक्षी और गांव के लोग मरने लगे । एक दिन श्रीकृष्ण अपने दोस्तों के साथ खेलते-खेलते यमुना नदी के किनारे पहुंच गए और अचानक से उनकी गेंद नदी में गिर जाती है । अब यमुना नदी के पानी और उसमें रहने वाले कालिया नाग के बारे में सभी को मालूम था । इसलिए, मौत के डर से कोई भी नदी में जाने को तैयार नहीं हुआ । तब श्री कृष्ण ने कहा कि मैं गेंद लेकर आता हूं । सभी बच्चों ने उन्हें नदी में जाने से रोका, लेकिन वह नहीं माने और नदी में छलांग लगा दी । सभी बच्चे डर के मारे घर पहुंचे और यशोदा मैया को कंहैया के नदी में कूदने की बात बता दी । यह सुनते ही यशोदा मैया डर गईं और फूट-फूट कर रोने लगीं । यह बात धीरे-धीरे पूरे गोकुल धाम में जंगल की आग की तरह फैल गई । सभी दौडे-दौडे यमुना नदी किनारे आए गए, लेकिन कृष्ण अभी तक वापस नहीं आए थे । वहीं, नदी में श्री कृष्ण को देखकर कालिया नाग ने श्रीकृष्ण को मारने के इरादे से उन पर हमला कर दिया । श्री कृष्ण और कालिया नाग की जोरदार लड़ाई हुई । कुछ समय के बाद कालिया नाग हार गया और श्री कृष्ण उसके फन पर नाचने लगे । कालिया नाग थकने के बाद श्री कृष्ण से अपने प्राण बचाने के लिए प्रार्थना करने लगा। तब श्री कृष्ण ने उसे अपने स्थान पर वापस जाने को कहा । कालिया नाग के न मानने पर श्री कृष्ण ने कालिया नाग का संहार किया और गोकुल वासियों को उसके भय से मुक्त किया । शास्त्री ने कहा कि हर मानव को सदाचार का जीवन जीना चाहिए और अपने अहं भाव को हमेशा मारने का प्रयत्न करते रहना चाहिए । तभी हमारा जीवन उच्च बनता है । कथा श्रवण पान करने में रेजिडेंटस वेलफेयर सोसायटी प्रधान लक्की, सचिव अखिल दिक्षीत, कोषाध्यक्ष प्रदीप दुबे, विभाग गौ सेवा संयोजक नवीन शर्मा, अखिलेश करण, हमीश मग्गू, राहुल, गोपाल, ओम प्रकाश, सुनील बाजवा, आशीष घोष, वीरेन्द्र चैधरी, अनुपम अग्रवाल, सुनीता शर्मा, नीलम, सुदेश, नन्दनी, शालू, किरन, गुरप्रीत, रानी, रितिका, निशा, सृजा, कनक, साध्वी, जिज्ञासा, अनुष्का, आदि अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे । https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
सोलन ,[ बद्दी ] 19 फरवरी[ पंकज गोल्डी ] ! ओमेक्स कॉलोनी बद्दी में रेजिडेंटस वेलफेयर सोसायटी द्वारा करवाई जा रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन कथावाचक पंडित जगमोहन दत्त शास्त्री ने कृष्ण के जीवन में घटित अनेक वृतांत सुनाएं । उन्होंने कहा कि मनुष्य को सदैव काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार से दूर रहना चाहिए लेकिन बड़ी विडम्बना है बालक जैसे जैसे बडा होता है वह इन्हीं इंद्रिय भोगों के वशीभूत होता जाता है जोकि हमारे जीवन उत्थान में बहुत बडी बाधा उत्पन्न करता है और मनुष्य के पतन का कारण भी यही राग और द्वेष जैसे विषय बनते हैं ।
उन्होंने श्रीकृष्ण के जीवन का वृतांत सुनाते हुए कहा कि कन्हैया जब गोकुल में रहा करते थे । तो वहां पास से गुजरने वाली यमुना नदी को कालिया नाग ने अपना घर बना लिया और नदी के पानी को अपने विष से जहरीला कर दिया । उस पानी को पीकर पशु-पक्षी और गांव के लोग मरने लगे ।
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एक दिन श्रीकृष्ण अपने दोस्तों के साथ खेलते-खेलते यमुना नदी के किनारे पहुंच गए और अचानक से उनकी गेंद नदी में गिर जाती है । अब यमुना नदी के पानी और उसमें रहने वाले कालिया नाग के बारे में सभी को मालूम था । इसलिए, मौत के डर से कोई भी नदी में जाने को तैयार नहीं हुआ । तब श्री कृष्ण ने कहा कि मैं गेंद लेकर आता हूं । सभी बच्चों ने उन्हें नदी में जाने से रोका, लेकिन वह नहीं माने और नदी में छलांग लगा दी । सभी बच्चे डर के मारे घर पहुंचे और यशोदा मैया को कंहैया के नदी में कूदने की बात बता दी ।
यह सुनते ही यशोदा मैया डर गईं और फूट-फूट कर रोने लगीं । यह बात धीरे-धीरे पूरे गोकुल धाम में जंगल की आग की तरह फैल गई । सभी दौडे-दौडे यमुना नदी किनारे आए गए, लेकिन कृष्ण अभी तक वापस नहीं आए थे । वहीं, नदी में श्री कृष्ण को देखकर कालिया नाग ने श्रीकृष्ण को मारने के इरादे से उन पर हमला कर दिया । श्री कृष्ण और कालिया नाग की जोरदार लड़ाई हुई । कुछ समय के बाद कालिया नाग हार गया और श्री कृष्ण उसके फन पर नाचने लगे ।
कालिया नाग थकने के बाद श्री कृष्ण से अपने प्राण बचाने के लिए प्रार्थना करने लगा। तब श्री कृष्ण ने उसे अपने स्थान पर वापस जाने को कहा । कालिया नाग के न मानने पर श्री कृष्ण ने कालिया नाग का संहार किया और गोकुल वासियों को उसके भय से मुक्त किया । शास्त्री ने कहा कि हर मानव को सदाचार का जीवन जीना चाहिए और अपने अहं भाव को हमेशा मारने का प्रयत्न करते रहना चाहिए ।
तभी हमारा जीवन उच्च बनता है । कथा श्रवण पान करने में रेजिडेंटस वेलफेयर सोसायटी प्रधान लक्की, सचिव अखिल दिक्षीत, कोषाध्यक्ष प्रदीप दुबे, विभाग गौ सेवा संयोजक नवीन शर्मा, अखिलेश करण, हमीश मग्गू, राहुल, गोपाल, ओम प्रकाश, सुनील बाजवा, आशीष घोष, वीरेन्द्र चैधरी, अनुपम अग्रवाल, सुनीता शर्मा, नीलम, सुदेश, नन्दनी, शालू, किरन, गुरप्रीत, रानी, रितिका, निशा, सृजा, कनक, साध्वी, जिज्ञासा, अनुष्का, आदि अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे ।
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