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हिमाचल प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में शनिवार को नए साल के पहले दिन धूप खिलने से मौसम खुशगवार बना हुआ है। राजधानी शिमला में धूप खिलने से लोगों को ठंड से राहत मिल रही है। नए साल पर बर्फबारी न होने की वजह से सैलानी मायूस हुए हैं। इससे पहले क्रिसमस पर भी शिमला में सैलानियों को बर्फबारी के दीदार नहीं हुआ था। हालांकि मौसम विभाग ने आगामी दिनों में राज्य में बारिश-बर्फबारी की संभावना जताई है। पांच जनवरी को शिमला सहित पर्वतीय इलाकों में भारी-बर्फबारी का यलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से अगले 24 घंटों में मध्यपर्वतीय व उच्च पर्वतीय भागों में बारिश-बर्फबारी के आसार बन रहे हैं। तीन से पांच जनवरी तक प्रदेश में मौसम के खराब रहने की संभावना है। इस दौरान मैदानों में बारिश व पर्वतीय भागों में बर्फबारी के अनुमान है। राज्य के ऊंचाई वाले इलाकों में पांच जनवरी को भारी बर्फबारी की आशंका के मद्देनजर यलो अलर्ट जारी किया गया है। इस बीच राज्य में कड़ाके की ठंड का दौर जारी है और कई शहरों का रात का पारा माइनस में बना हुआ है। सामान्य से 60 फीसदी कम बरसे बादल !! प्रदेश में दिसंबर के दौरान सामान्य से 60 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड हुई। वर्ष 2020 में सामान्य से 20 फीसदी कम, वर्ष 2019 में 15 फीसदी अधिक, 2018 में 83 फीसदी कम, 2017 में 6 फीसदी अधिक और 2015 में 40 फीसदी कम बारिश हुई थी। इस वर्ष पोस्ट मानसून सीजन के दौरान अक्तूबर से दिसंबर तक प्रदेश में सामान्य से 18 फीसदी कम बारिश हुई। इस वर्ष दिसंबर में प्रदेश में सिर्फ चार दिन ही बर्फबारी हुई। तीन, सात, 17 और 18 दिसंबर को लाहुल-स्पीति, कुल्लू, शिमला, चंबा और किन्नौर जिले के कुछ क्षेत्रों में बर्फ गिरी। सबसे अधिक बर्फबारी कोकसर में 61 सेंटीमीटर छह दिसंबर को रिकॉर्ड हुई। इस माह चार, छह, सात और 27 दिसंबर को प्रदेश में बारिश भी हुई। सबसे अधिक बारिश मनाली में 24 मिलीमीटर हुई।
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