
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला ! मैंने राज्यपाल के रूप में 11 सितम्बर, 2019 को अपना कार्यभार ग्रहण किया था। आज मेरा हिमाचल प्रदेश में एक वर्ष पूरा हो रहा है। गत एक वर्ष में मैंने जहाँ एक ओर हिमाचल प्रदेश को जानने-समझने की कोशिश की है वहीं दूसरी ओर प्रदेश हित के विषयों को केन्द्र सरकार के समक्ष रखा है और हिमाचल प्रदेश के पक्ष को मज़बूती के साथ प्रस्तुत किया है। मैं जब हिमाचल प्रदेश में आया था तो यहाँ की देव संस्कृति, प्राकृतिक सौन्दर्य, लोगों की सादगी और सरलता के बारे में मैंने बहुत कुछ सुन रखा था। पिछले एक वर्ष के अनुभव से मैंने यह पाया है कि जितना मैंने इस सम्बन्ध में सुना था, हिमाचल प्रदेश उससे कहीं अधिक समृद्ध, विविधतापूर्ण संस्कृति एवं धार्मिक रूप से पोशित राज्य है और यहाँ के लोग वास्तव में सन्तुष्ट, प्रसन्न और सरल प्रवृत्ति के हैं। क्योंकि मैं दक्षिण भारत से सम्बन्ध रखता हूँ इसलिए मैंने अपने मुख्य लक्ष्यों में से एक उत्तर भारत और दक्षिण भारत के बीच पर्यटन की दृश्टि से सम्बन्ध बेहतर करने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा। इसके अतिरिक्त मैंने अपनी प्राथमिकता निम्न क्षेत्रों में तय की:- कौषल विकास, प्राकृतिक कृशि, युवाओं में नषे की प्रवृत्ति को रोकना, स्वच्छता अभियान और सामाजिक समरसता। अपने एक वर्ष के अल्प कार्यकाल में मैंने इन सभी क्षेत्रों में निरन्तर व्यक्तिगत रूचि लेते हुए कार्य किया है और इन सभी क्षेत्रों में सरकार के कार्यक्रमों को गति देने का प्रयास किया है। हिमाचल प्रदेश भौगोलिक दृश्टि से एक कठिन राज्य है और यहाँ का मौसम आम तौर पर ठण्डा रहता है जो कि मुझ जैसे दक्षिण भारतीय व्यक्ति के लिए पूर्ण रूप से अनुकूल नहीं है। परन्तु फिर भी मैं धीरे-धीरे इस मौसम का अभयस्त हो रहा हूँ जिस का कारण हिमाचल की देवभूमि में रची-बसी प्राचीन संस्कृति की महक ही हो सकती है। हिमाचल प्रदेश के प्राकृतिक सौन्दर्य ने मुझे प्रकृति के विराट एवं समृद्ध परिदृष्य को जानने-समझने का अवसर दिया है और सृश्टि के प्रति और अधिक श्रद्धा से भर गया हूँ। हिमाचल में एक वर्श का कार्यकाल व्यक्तिगत तौर पर मेरे लिए अत्यधिक प्रेरणादायी रहा है और मैं प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत के प्रति श्रद्धा महसूस करता हूँ। मैं निःसंकोच यह कह सकता हूँ कि इस एक वर्श में मेरा मन चिंतन और मनन में पहले से अधिक रम सका है। मैंने पाया है कि हिमाचल के लोग संतुश्ट हैं और बहुत थोड़े में प्रसन्नता के साथ अपना जीवन जीते हैं। कोरोना महामारी के कारण मैं हिमाचल प्रदेश के सभी क्षेत्रों का विषेश रूप से जनजातीय जिलों एवं विकास खंड़ों का भ्रमण नहीं कर पाया हूँ परन्तु मैंने प्रदेष भर के लोगों से व्यक्तिगत रूप से वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से निरन्तर सम्पर्क और संवाद बनाये रखा है। कोरोना महामारी के कारण प्रदेष अथवा देश के अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर लोगों से बात-चीत सम्भव नहीं थी परन्तु लाॅक डाउन का एक लाभ मुझे जरूर हुआ। मैंने इस दौरान देश भर में विषेश रूप से तेलंगाना में अपने सभी परिचितों से तथा ऐसे लोगों से जिन्हें मैं वर्षों से नहीं मिला था दूरभाश पर सम्पर्क किया और कई लोगों के साथ कई दशकों के बाद बात-चीत की, उनके तथा उनके परिवार के बारे में जाना। मैंने इस अवधि मैं लगभग 5000 से अधिक लोगों से सम्पर्क किया जो समाज के सभी क्षेत्रों से आते हैं। इनमें विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता भी हैं और कार्यकर्ता भी, सामाजिक संगठनों से जुड़े हुए लोग भी हैं और गांवों के सामान्य व्यक्ति भी। ऐसे लोग भी हैं जो मेरे राजनीतिक जीवन के दौरान मेरे संपर्क में आये। मैं समझता हूँ कोरोना महामारी ने हमारे लिए यह अवसर प्रदान किए हैं। हम अधिक से अधिक समय अपने परिवार और प्रियजनों के साथ बितायें और ऐसे लोगों से सम्पर्क में रहें जो हमारा हित चाहते हैं। हालांकि मैं व्यक्तिगत तौर पर लगभग 7 माह से अपने परिवार और प्रियजनों से नहीं मिल पाया परन्तु मैंने दूरभाष पर और वीडियो काॅन्फ्रेंस के जरिये हजारों लोगों से सम्पर्क किया जिसने मुझे न केवल प्रसन्नता दी अपितु मानसिक एवं आध्यात्मिक तौर पर भी संतुश्टि प्रदान की। मुझे प्रसन्नता है कि हिमाचल प्रदेश आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और नैतिक दृश्टि से सम्पन्न राज्य है। मुझे भी इस बात से बहुत संतुश्टि प्राप्त हो रही है कि हिमाचल की विकास यात्रा में मैं भी अपना योगदान दे पाया हूँ।
शिमला ! मैंने राज्यपाल के रूप में 11 सितम्बर, 2019 को अपना कार्यभार ग्रहण किया था। आज मेरा हिमाचल प्रदेश में एक वर्ष पूरा हो रहा है। गत एक वर्ष में मैंने जहाँ एक ओर हिमाचल प्रदेश को जानने-समझने की कोशिश की है वहीं दूसरी ओर प्रदेश हित के विषयों को केन्द्र सरकार के समक्ष रखा है और हिमाचल प्रदेश के पक्ष को मज़बूती के साथ प्रस्तुत किया है।
मैं जब हिमाचल प्रदेश में आया था तो यहाँ की देव संस्कृति, प्राकृतिक सौन्दर्य, लोगों की सादगी और सरलता के बारे में मैंने बहुत कुछ सुन रखा था। पिछले एक वर्ष के अनुभव से मैंने यह पाया है कि जितना मैंने इस सम्बन्ध में सुना था, हिमाचल प्रदेश उससे कहीं अधिक समृद्ध, विविधतापूर्ण संस्कृति एवं धार्मिक रूप से पोशित राज्य है और यहाँ के लोग वास्तव में सन्तुष्ट, प्रसन्न और सरल प्रवृत्ति के हैं। क्योंकि मैं दक्षिण भारत से सम्बन्ध रखता हूँ इसलिए मैंने अपने मुख्य लक्ष्यों में से एक उत्तर भारत और दक्षिण भारत के बीच पर्यटन की दृश्टि से सम्बन्ध बेहतर करने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा। इसके अतिरिक्त मैंने अपनी प्राथमिकता निम्न क्षेत्रों में तय की:- कौषल विकास, प्राकृतिक कृशि, युवाओं में नषे की प्रवृत्ति को रोकना, स्वच्छता अभियान और सामाजिक समरसता। अपने एक वर्ष के अल्प कार्यकाल में मैंने इन सभी क्षेत्रों में निरन्तर व्यक्तिगत रूचि लेते हुए कार्य किया है और इन सभी क्षेत्रों में सरकार के कार्यक्रमों को गति देने का प्रयास किया है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
हिमाचल प्रदेश भौगोलिक दृश्टि से एक कठिन राज्य है और यहाँ का मौसम आम तौर पर ठण्डा रहता है जो कि मुझ जैसे दक्षिण भारतीय व्यक्ति के लिए पूर्ण रूप से अनुकूल नहीं है। परन्तु फिर भी मैं धीरे-धीरे इस मौसम का अभयस्त हो रहा हूँ जिस का कारण हिमाचल की देवभूमि में रची-बसी प्राचीन संस्कृति की महक ही हो सकती है। हिमाचल प्रदेश के प्राकृतिक सौन्दर्य ने मुझे प्रकृति के विराट एवं समृद्ध परिदृष्य को जानने-समझने का अवसर दिया है और सृश्टि के प्रति और अधिक श्रद्धा से भर गया हूँ। हिमाचल में एक वर्श का कार्यकाल व्यक्तिगत तौर पर मेरे लिए अत्यधिक प्रेरणादायी रहा है और मैं प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत के प्रति श्रद्धा महसूस करता हूँ। मैं निःसंकोच यह कह सकता हूँ कि इस एक वर्श में मेरा मन चिंतन और मनन में पहले से अधिक रम सका है। मैंने पाया है कि हिमाचल के लोग संतुश्ट हैं और बहुत थोड़े में प्रसन्नता के साथ अपना जीवन जीते हैं।
कोरोना महामारी के कारण मैं हिमाचल प्रदेश के सभी क्षेत्रों का विषेश रूप से जनजातीय जिलों एवं विकास खंड़ों का भ्रमण नहीं कर पाया हूँ परन्तु मैंने प्रदेष भर के लोगों से व्यक्तिगत रूप से वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से निरन्तर सम्पर्क और संवाद बनाये रखा है। कोरोना महामारी के कारण प्रदेष अथवा देश के अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर लोगों से बात-चीत सम्भव नहीं थी परन्तु लाॅक डाउन का एक लाभ मुझे जरूर हुआ। मैंने इस दौरान देश भर में विषेश रूप से तेलंगाना में अपने सभी परिचितों से तथा ऐसे लोगों से जिन्हें मैं वर्षों से नहीं मिला था दूरभाश पर सम्पर्क किया और कई लोगों के साथ कई दशकों के बाद बात-चीत की, उनके तथा उनके परिवार के बारे में जाना। मैंने इस अवधि मैं लगभग 5000 से अधिक लोगों से सम्पर्क किया जो समाज के सभी क्षेत्रों से आते हैं। इनमें विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता भी हैं और कार्यकर्ता भी, सामाजिक संगठनों से जुड़े हुए लोग भी हैं और गांवों के सामान्य व्यक्ति भी। ऐसे लोग भी हैं जो मेरे राजनीतिक जीवन के दौरान मेरे संपर्क में आये। मैं समझता हूँ कोरोना महामारी ने हमारे लिए यह अवसर प्रदान किए हैं। हम अधिक से अधिक समय अपने परिवार और प्रियजनों के साथ बितायें और ऐसे लोगों से सम्पर्क में रहें जो हमारा हित चाहते हैं। हालांकि मैं व्यक्तिगत तौर पर लगभग 7 माह से अपने परिवार और प्रियजनों से नहीं मिल पाया परन्तु मैंने दूरभाष पर और वीडियो काॅन्फ्रेंस के जरिये हजारों लोगों से सम्पर्क किया जिसने मुझे न केवल प्रसन्नता दी अपितु मानसिक एवं आध्यात्मिक तौर पर भी संतुश्टि प्रदान की। मुझे प्रसन्नता है कि हिमाचल प्रदेश आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और नैतिक दृश्टि से सम्पन्न राज्य है। मुझे भी इस बात से बहुत संतुश्टि प्राप्त हो रही है कि हिमाचल की विकास यात्रा में मैं भी अपना योगदान दे पाया हूँ।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -