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हिमाचल में अब वाहनों का पंजीकरण करवाना महंगा हो जाएगा। निर्माण कार्यों के दौरान प्रयोग में लाई जाने वाली मशीनरी का पंजीकरण भी अब एक साल के लिए नहीं, बल्कि अन्य वाहनों की तरह 15 साल के लिए होगा। परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ने बुधवार को प्रदेश मोटर यान कराधान संशोधन बिल सदन के पटल पर रखा। इस बिल के तहत प्रदेश में वाहनों का पंजीकरण महंगा हो जाएगा। संशोधन के लिए लाए गए बिल में 50 हजार तक की मोटरसाइकिल पर 7 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन फीस देनी होगी। 51 हजार से 2 लाख तक की मोटरसाइकिल पर रजिस्ट्रेशन फीस 8 प्रतिशत और दो लाख से ऊपर की मोटरसाइकिल पर रजिस्ट्रेशन फीस 10 प्रतिशत होगी। इसी तरह 15 लाख रुपये कार की 8 प्रतिशत की दर से पंजीकरण फीस लगेगी। इससे अधिक कीमत के वाहन के पंजीकरण को 10 प्रतिशत फीस देनी होगी। पहले हिमाचल में मोटरसाइकिल, कारों पर 3 से 8 फीसदी रजिस्ट्रेशन फीस ली जा रही थी। अगर बाहरी राज्यों के लोग हिमाचल में गाड़ियों का पंजीकरण करवाते हैं तो उनसे 2 फीसदी अतिरिक्त पंजीकरण फीस वसूल की जाएगी। हिमाचल को छोड़कर प्रदेश के अन्य राज्यों में इसी दर से पंजीकरण फीस ली जाती है। बिल के तहत निर्माण कार्य में प्रयोग में लाई जाने वाली मशीनों का पंजीकरण अब अन्य वाहनों की तरह 15 साल के लिए होगा।
हिमाचल में अब वाहनों का पंजीकरण करवाना महंगा हो जाएगा। निर्माण कार्यों के दौरान प्रयोग में लाई जाने वाली मशीनरी का पंजीकरण भी अब एक साल के लिए नहीं, बल्कि अन्य वाहनों की तरह 15 साल के लिए होगा। परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ने बुधवार को प्रदेश मोटर यान कराधान संशोधन बिल सदन के पटल पर रखा। इस बिल के तहत प्रदेश में वाहनों का पंजीकरण महंगा हो जाएगा।
संशोधन के लिए लाए गए बिल में 50 हजार तक की मोटरसाइकिल पर 7 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन फीस देनी होगी। 51 हजार से 2 लाख तक की मोटरसाइकिल पर रजिस्ट्रेशन फीस 8 प्रतिशत और दो लाख से ऊपर की मोटरसाइकिल पर रजिस्ट्रेशन फीस 10 प्रतिशत होगी।
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इसी तरह 15 लाख रुपये कार की 8 प्रतिशत की दर से पंजीकरण फीस लगेगी। इससे अधिक कीमत के वाहन के पंजीकरण को 10 प्रतिशत फीस देनी होगी। पहले हिमाचल में मोटरसाइकिल, कारों पर 3 से 8 फीसदी रजिस्ट्रेशन फीस ली जा रही थी।
अगर बाहरी राज्यों के लोग हिमाचल में गाड़ियों का पंजीकरण करवाते हैं तो उनसे 2 फीसदी अतिरिक्त पंजीकरण फीस वसूल की जाएगी। हिमाचल को छोड़कर प्रदेश के अन्य राज्यों में इसी दर से पंजीकरण फीस ली जाती है। बिल के तहत निर्माण कार्य में प्रयोग में लाई जाने वाली मशीनों का पंजीकरण अब अन्य वाहनों की तरह 15 साल के लिए होगा।
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