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शिमला ! मुख्य संसदीय सचिव (वन) सुंदर सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में आज वन विभाग के मुख्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में वनों में सालवेज लॉट मार्किंग के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने वन सम्पदा के समुचित दोहन के लिए वनों में सूखे पेड़ों को चिन्हित कर इनके समयबद्ध कटान का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि वनों में अनेक सूखे व गिरे वृक्ष पड़़े रहते हैं जिन्हें समय पर चिन्हित न करने के कारण वन सम्पदा का नुकसान व सरकार को वित्तीय हानि होती है। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने मार्किंग प्रक्रिया में बदलाव लाने की आवश्यकता जताई है। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जंगलों में सूखे व गिरे पेड़ों की सूची तैयार की जाए। वनरक्षक से लेकर वन मंडल अधिकारी स्तर के सभी अधिकारी प्रतिदिन सूची तैयार कर मार्किंग की प्रक्रिया को पूरा करेंगे। इस कार्य को नीतिगत स्वरूप प्रदान करने के लिए प्रधान मुख्य अरण्यपाल को मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने के आदेश भी दिए गए हैं। आरम्भिक स्तर पर विभाग के अधिकारी आगामी 31 मई तक सूखे व गिरे पेड़ों की सूची विभागीय स्तर पर तैयार कर इसे 15 जून, 2023 तक सरकार को सौंपेंगे। इस प्रकार की सालवेज मार्किंग से वन विभाग लगभग 50 पेड़ों की मार्किंग कर निविदा के माध्यम से विक्रय कर सकता है। इससे वन संपदा को होने वाली हानि से बचने के साथ-साथ स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। उन्होंने कहा कि स्थानीय युवाओं की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए कौशल विकास निगम द्वारा प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन बल प्रमुख) राजीव कुमार और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला ! मुख्य संसदीय सचिव (वन) सुंदर सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में आज वन विभाग के मुख्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में वनों में सालवेज लॉट मार्किंग के बारे में विस्तृत चर्चा की गई।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने वन सम्पदा के समुचित दोहन के लिए वनों में सूखे पेड़ों को चिन्हित कर इनके समयबद्ध कटान का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि वनों में अनेक सूखे व गिरे वृक्ष पड़़े रहते हैं जिन्हें समय पर चिन्हित न करने के कारण वन सम्पदा का नुकसान व सरकार को वित्तीय हानि होती है। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने मार्किंग प्रक्रिया में बदलाव लाने की आवश्यकता जताई है।
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उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जंगलों में सूखे व गिरे पेड़ों की सूची तैयार की जाए। वनरक्षक से लेकर वन मंडल अधिकारी स्तर के सभी अधिकारी प्रतिदिन सूची तैयार कर मार्किंग की प्रक्रिया को पूरा करेंगे। इस कार्य को नीतिगत स्वरूप प्रदान करने के लिए प्रधान मुख्य अरण्यपाल को मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने के आदेश भी दिए गए हैं।
आरम्भिक स्तर पर विभाग के अधिकारी आगामी 31 मई तक सूखे व गिरे पेड़ों की सूची विभागीय स्तर पर तैयार कर इसे 15 जून, 2023 तक सरकार को सौंपेंगे।
इस प्रकार की सालवेज मार्किंग से वन विभाग लगभग 50 पेड़ों की मार्किंग कर निविदा के माध्यम से विक्रय कर सकता है। इससे वन संपदा को होने वाली हानि से बचने के साथ-साथ स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। उन्होंने कहा कि स्थानीय युवाओं की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए कौशल विकास निगम द्वारा प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
इस अवसर पर प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन बल प्रमुख) राजीव कुमार और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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