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शिमला ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकारी सेवाओं को सुगम एवं सुलभ बनाने में आज के दौर में डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग से क्रांति आई है। डिजिटल सूचना और सेवाओं तक पहुंच के संबंध में नागरिकों की बढ़ती आकांक्षाओं के अनुरूप सरकारी विभागों के डिजिटल रूपान्तरण में तेजी लाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का नाम बदलकर डिजिटल प्रौद्योगिकी और गवर्नेंस विभाग करने को मंजूरी दी है। साथ ही इससे विभाग का दायरा भी व्यापक हुआ है। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी और गवर्नेंस विभाग ऑनलाइन सरकारी सेवाओं, डिजिटल भुगतान प्रणाली, विभिन्न ई-गवर्नेंस पहलों तथा अन्य डिजिटल सेवाओं को लागू करने और इनके प्रबन्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इन प्रयासों का उद्देश्य सरकारी सेवाओं में दक्षता, पारदर्शिता और इनके प्रति लोगों के समग्र अनुभव को बढ़ाना है। सरकार के इस कदम से यह विभाग अपनी जिम्मेदारियों पर और अधिक केन्द्रित होकर कार्य कर सकेगा। मुख्य रूप से शासन और सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। विभाग के नाम में यह बदलाव पर्याप्त संसाधनों और उपयुक्त संरचना के माध्यम से वर्तमान जरूरतों को प्रभावी ढंग से पूरा करने की दिशा में भी कारगर होगा। इसके अलावा, इससे सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॅानिक प्रणाली डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) क्षेत्र में निवेश के साथ उभरती प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिलेगा और निवेश भी आकर्षित होगा। उभरती डिजिटल प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के दृष्टिगत शिक्षा जगत, उद्योग और सरकार के बीच सहयोग और साझेदारी भी मजबूत होगी। राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पार्क स्थापित करने की दिशा में भी यह सहायक सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री ने विभाग में उभरते डिजिटल परिदृश्य और बदलती आवश्यकताओं के अनुसार बदलाव पर बल देते हुए कहा कि सरकार की इस पहल से न केवल महत्वपूर्ण सरकारी सूचना बुनियादी ढांचे की सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि दुर्गम क्षेत्रों के निवासियों सहित सभी नागरिकों के लिए सुलभ और किफायती डिजिटल बुनियादी ढांचा भी उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंनेे कहा कि हिमाचल प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार के सहयोग से एक वेंचर कैपिटल फंड स्थापित करने की भी योजना है। इससे वित्तीय संस्थानों को उभरती प्रौद्योगिकी और नवीन व्यवसाय मॉडल में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य विभिन्न विभागों में नवीनतम तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देना है, जिनमें ड्रोन, 5जी टेक्नोलॉजी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), कृत्रिम मेधा (एआई) कई डेटाबेस को एकीकृत करके पात्रता-आधारित लाभ वितरण और सूचना-राजमार्ग का निर्माण शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार डिजिटल परिवर्तन, विश्वसनीय डेटा, कनेक्टिविटी और समावेशी विकास पर विशेष ध्यान केन्द्रित कर रही है और प्रदेश के नागरिकों की बेहतरी के लिए उन्नत डिजिटल प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आईटी विभाग का नाम बदल कर डिजिटल प्रौद्योगिकी और गवर्नेंस विभाग करने एवं इसका दायरा व्यापक होनेे से हिमाचल को डिजिटल रूप से और अधिक सशक्त बनाने में मदद् मिलेगी। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकारी सेवाओं को सुगम एवं सुलभ बनाने में आज के दौर में डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग से क्रांति आई है। डिजिटल सूचना और सेवाओं तक पहुंच के संबंध में नागरिकों की बढ़ती आकांक्षाओं के अनुरूप सरकारी विभागों के डिजिटल रूपान्तरण में तेजी लाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का नाम बदलकर डिजिटल प्रौद्योगिकी और गवर्नेंस विभाग करने को मंजूरी दी है। साथ ही इससे विभाग का दायरा भी व्यापक हुआ है।
उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी और गवर्नेंस विभाग ऑनलाइन सरकारी सेवाओं, डिजिटल भुगतान प्रणाली, विभिन्न ई-गवर्नेंस पहलों तथा अन्य डिजिटल सेवाओं को लागू करने और इनके प्रबन्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इन प्रयासों का उद्देश्य सरकारी सेवाओं में दक्षता, पारदर्शिता और इनके प्रति लोगों के समग्र अनुभव को बढ़ाना है।
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सरकार के इस कदम से यह विभाग अपनी जिम्मेदारियों पर और अधिक केन्द्रित होकर कार्य कर सकेगा। मुख्य रूप से शासन और सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। विभाग के नाम में यह बदलाव पर्याप्त संसाधनों और उपयुक्त संरचना के माध्यम से वर्तमान जरूरतों को प्रभावी ढंग से पूरा करने की दिशा में भी कारगर होगा। इसके अलावा, इससे सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॅानिक प्रणाली डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) क्षेत्र में निवेश के साथ उभरती प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिलेगा और निवेश भी आकर्षित होगा। उभरती डिजिटल प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के दृष्टिगत शिक्षा जगत, उद्योग और सरकार के बीच सहयोग और साझेदारी भी मजबूत होगी। राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पार्क स्थापित करने की दिशा में भी यह सहायक सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने विभाग में उभरते डिजिटल परिदृश्य और बदलती आवश्यकताओं के अनुसार बदलाव पर बल देते हुए कहा कि सरकार की इस पहल से न केवल महत्वपूर्ण सरकारी सूचना बुनियादी ढांचे की सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि दुर्गम क्षेत्रों के निवासियों सहित सभी नागरिकों के लिए सुलभ और किफायती डिजिटल बुनियादी ढांचा भी उपलब्ध हो सकेगा।
उन्होंनेे कहा कि हिमाचल प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार के सहयोग से एक वेंचर कैपिटल फंड स्थापित करने की भी योजना है। इससे वित्तीय संस्थानों को उभरती प्रौद्योगिकी और नवीन व्यवसाय मॉडल में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य विभिन्न विभागों में नवीनतम तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देना है, जिनमें ड्रोन, 5जी टेक्नोलॉजी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), कृत्रिम मेधा (एआई) कई डेटाबेस को एकीकृत करके पात्रता-आधारित लाभ वितरण और सूचना-राजमार्ग का निर्माण शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार डिजिटल परिवर्तन, विश्वसनीय डेटा, कनेक्टिविटी और समावेशी विकास पर विशेष ध्यान केन्द्रित कर रही है और प्रदेश के नागरिकों की बेहतरी के लिए उन्नत डिजिटल प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आईटी विभाग का नाम बदल कर डिजिटल प्रौद्योगिकी और गवर्नेंस विभाग करने एवं इसका दायरा व्यापक होनेे से हिमाचल को डिजिटल रूप से और अधिक सशक्त बनाने में मदद् मिलेगी।
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