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चम्बा ,16 जनवरी ! हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ जिला चम्बा ने सरकार द्वारा प्रस्तावित व मत्रिमंडल से पारित गेस्ट टीचर भर्ती नीति के स्थान पर स्थायी रूप से लोक सेवा आयोग व राज्य चयन आयोग के माध्यम से अध्यापक भर्ती करने की मांग की है। संघ का तर्क है कि इस तरह अस्थायी रूप से की जाने वाली भर्तियों से शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी तथा शिक्षित व बेरोजगार युवा पीढ़ी की प्रतिभा से भी सरासर अन्याय होगा। पूर्व में सरकारों की इस तरह भर्ती नीतियों से भिन्न- भिन्न समय पर शिक्षित युवाओं का 10 से 12 वर्षों तक शोषण व हितों के साथ कुठाराघात हुआ है, जैसे 1986 , 1989 में एड्होक तथा टैन्यौर शिक्षिक भर्ती नीति, 1992 में वोलेंटियर शिक्षिक भर्ती नीति, 1997-98 में अनुबंध नीति, 2003 में पैरा शिक्षिक भर्ती नीति, 2006 में पी . टी . ए शिक्षिक नीति, 2012-13 में एस . एम . सी नीति से नियुक्ति प्राप्त शिक्षिकों से बरषों तक नियमितीकरण के लिए न्यायालय में लाखों रुपये खर्च करने से आथिर्क रूप से शोषण हुआ है। संघ का मानना है कि सरकार किसी भी संवैधानिक इकाई के माध्यम से ही नियुक्तियाँ करे ताकि शिक्षित और सालों से तैयारी कर रहे बेरोजगार युवाओं से न्याय हो सके। प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ जिला चंबा के अध्यक्ष दीप सिंह खन्ना, महासचिव राजेश ठाकुर, वरिष्ठ राज्य उपाध्यक्ष राजेश शर्मा , संचालन समिति के के चैयरमैन शौकत अली जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश बसंत , जिला संचालन समिति के मुख्य सलाहकार सूरज बली, मुख्य प्रेस सचिव जगजीत जरियाल, वित्त सचिव संजीव ठाकुर, राज्य कार्यकारिणी के सदस्य राजदीन, बालक राम शर्मा, राजीव सिंह, प्रताप नेगी, संजय शर्मा ,ओम प्रकाश शर्मा, भुवनेश्वर सुनील मांडला, जिला कार्यकारिणी के सदस्य आशीष ठाकुर ,हरविंदर सिंह, राजकुमार हेमराज खन्ना, धीरज कुमार, लेखराज, संजय कुमार तथा संजीव ठाकुर,संघ के अन्य पदाधिकारियों ने सरकार से प्रस्तावित भर्ती नीति पर पुनर विचार करने की पुरजोर माँग की है।
चम्बा ,16 जनवरी ! हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ जिला चम्बा ने सरकार द्वारा प्रस्तावित व मत्रिमंडल से पारित गेस्ट टीचर भर्ती नीति के स्थान पर स्थायी रूप से लोक सेवा आयोग व राज्य चयन आयोग के माध्यम से अध्यापक भर्ती करने की मांग की है। संघ का तर्क है कि इस तरह अस्थायी रूप से की जाने वाली भर्तियों से शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी तथा शिक्षित व बेरोजगार युवा पीढ़ी की प्रतिभा से भी सरासर अन्याय होगा।
पूर्व में सरकारों की इस तरह भर्ती नीतियों से भिन्न- भिन्न समय पर शिक्षित युवाओं का 10 से 12 वर्षों तक शोषण व हितों के साथ कुठाराघात हुआ है, जैसे 1986 , 1989 में एड्होक तथा टैन्यौर शिक्षिक भर्ती नीति, 1992 में वोलेंटियर शिक्षिक भर्ती नीति, 1997-98 में अनुबंध नीति, 2003 में पैरा शिक्षिक भर्ती नीति, 2006 में पी . टी . ए शिक्षिक नीति, 2012-13 में एस . एम . सी नीति से नियुक्ति प्राप्त शिक्षिकों से बरषों तक नियमितीकरण के लिए न्यायालय में लाखों रुपये खर्च करने से आथिर्क रूप से शोषण हुआ है। संघ का मानना है कि सरकार किसी भी संवैधानिक इकाई के माध्यम से ही नियुक्तियाँ करे ताकि शिक्षित और सालों से तैयारी कर रहे बेरोजगार युवाओं से न्याय हो सके।
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प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ जिला चंबा के अध्यक्ष दीप सिंह खन्ना, महासचिव राजेश ठाकुर, वरिष्ठ राज्य उपाध्यक्ष राजेश शर्मा , संचालन समिति के के चैयरमैन शौकत अली जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश बसंत , जिला संचालन समिति के मुख्य सलाहकार सूरज बली, मुख्य प्रेस सचिव जगजीत जरियाल, वित्त सचिव संजीव ठाकुर, राज्य कार्यकारिणी के सदस्य राजदीन, बालक राम शर्मा, राजीव सिंह, प्रताप नेगी, संजय शर्मा ,ओम प्रकाश शर्मा, भुवनेश्वर सुनील मांडला, जिला कार्यकारिणी के सदस्य आशीष ठाकुर ,हरविंदर सिंह, राजकुमार हेमराज खन्ना, धीरज कुमार, लेखराज, संजय कुमार तथा संजीव ठाकुर,संघ के अन्य पदाधिकारियों ने सरकार से प्रस्तावित भर्ती नीति पर पुनर विचार करने की पुरजोर माँग की है।
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