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शिमला ! अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री नंद लाल शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से 1320 मेगावाट बक्सर ताप विद्युत संयंत्र चौसा, बक्सर, बिहार के प्रथम बॉयलर की बुनियादी संरचना की आधारशिला रखी। उन्होंने परियोजना स्थल पर नवनिर्मित प्रशासनिक भवन का डिजिटली उद्घाटन भी किया। डिजिटल अनावरण समारोह के दौरान निदेशक(कार्मिक), श्रीमती गीता कपूर, निदेशक(सिविल), श्री एस.पी.बंसल, निदेशक(वित्त), श्री ए.के.सिंह, निदेशक(विद्युत), श्री सुशील शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे तथा एसजेवीएन थर्मल प्राईवेट लिमिटेड के सीईओ, श्री संजीव सूद तथा एसटीपीएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी परियोजना स्थल पर उपस्थित थे। परियोजना का कार्यान्वयन एसजेवीएन लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी एसजेवीएन थर्मल प्राईवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। श्री नंद लाल शर्मा ने बताया कि परियोजना सुपर क्रिटिकल प्रौद्योगिकी, जीरो डिस्चार्ज संकल्पना के लिए क्लोज्ड़ सायकल वाटर री-सर्कुलेशन प्रणाली पर आधारित है। श्री नंद लाल शर्मा ने आगे बताया कि परियोजना की प्रत्येक 660 मेगावाट की दो ईकाईयों के लिए दो बॉयलर स्थापित किए जाने है। स्टेट ट्रांसमिशन यूटिलिटी, बिहार ने पहले ही इस परियोजना के लिए विद्युत निकास प्रणाली को स्वीकृति प्रदान कर दी है। जनवरी,2018 के मूल्य स्तर पर परियोजना की आकलित लागत 10,439 करोड़ रुपए है। श्री नंद लाल शर्मा ने आगे कहा कि बिहार सरकार के साथ विद्युत खरीद समझौते के अनुसार परियोजना, राज्य को उत्पादित विद्युत का कम से कम 85% प्रदान करेगी जो बिहार में विद्युत की मांग की आपूर्ति में सुधार करेगी। यह परियोजना बिहार के औद्योगिक विकास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है जो रोजगार सृजन के लिए मल्टीप्लायर का काम करेगी और इसके परिणामस्वरूप लगभग 2400 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। परियोजना स्थल पर प्रशासनिक कार्यालय का उद्घाटन करते हुए श्री शर्मा ने कहा कि यह परियोजना को समय पर पूरा करने की दिशा में सहायक सिद्ध होगा। श्री शर्मा ने कहा कि हालांकि कोविड-19 महामारी ने विश्वभर में निर्माण कार्यों को अत्याधिक प्रभावित किया है, परंतु एसजेवीएन कर्मचारियों की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए उन्होंने आश्वस्त किया कि परियोजना को मूलत: निर्धारित लक्ष्यों यथा पहली इकाई को जून,2023 तक कमीशन तथा दूसरी इकाई को दिसंबर,2023 तक कमीशन कर दिया जाएगा। यह परियोजना 2023 तक 5000 मेगावाट कंपनी,2030 तक 12000 मेगावाट कंपनी तथा 2040 तक 25000 मेगावाट कंपनी बनने के एसजेवीएन के सांझा विज़न को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। एसजेवीएन की वर्तमान स्थापित क्षमता 2016.51 मेगावाट है तथा 5674 मेगावाट की परियोजनाएं विकास के विभिन्न चरणों में है। एसजेवीएन की उपस्थिति विद्युत उत्पादन के विभिन्न क्षेत्रों में हैं जिसमें जलविद्युत, पवन एवं सौर विद्युत शामिल है। कंपनी की उपस्थिति विद्युत ट्रांसमिशन के क्षेत्र में भी है।
शिमला ! अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री नंद लाल शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से 1320 मेगावाट बक्सर ताप विद्युत संयंत्र चौसा, बक्सर, बिहार के प्रथम बॉयलर की बुनियादी संरचना की आधारशिला रखी। उन्होंने परियोजना स्थल पर नवनिर्मित प्रशासनिक भवन का डिजिटली उद्घाटन भी किया। डिजिटल अनावरण समारोह के दौरान निदेशक(कार्मिक), श्रीमती गीता कपूर, निदेशक(सिविल), श्री एस.पी.बंसल, निदेशक(वित्त), श्री ए.के.सिंह, निदेशक(विद्युत), श्री सुशील शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे तथा एसजेवीएन थर्मल प्राईवेट लिमिटेड के सीईओ, श्री संजीव सूद तथा एसटीपीएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी परियोजना स्थल पर उपस्थित थे। परियोजना का कार्यान्वयन एसजेवीएन लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी एसजेवीएन थर्मल प्राईवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।
श्री नंद लाल शर्मा ने बताया कि परियोजना सुपर क्रिटिकल प्रौद्योगिकी, जीरो डिस्चार्ज संकल्पना के लिए क्लोज्ड़ सायकल वाटर री-सर्कुलेशन प्रणाली पर आधारित है। श्री नंद लाल शर्मा ने आगे बताया कि परियोजना की प्रत्येक 660 मेगावाट की दो ईकाईयों के लिए दो बॉयलर स्थापित किए जाने है। स्टेट ट्रांसमिशन यूटिलिटी, बिहार ने पहले ही इस परियोजना के लिए विद्युत निकास प्रणाली को स्वीकृति प्रदान कर दी है। जनवरी,2018 के मूल्य स्तर पर परियोजना की आकलित लागत 10,439 करोड़ रुपए है।
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श्री नंद लाल शर्मा ने आगे कहा कि बिहार सरकार के साथ विद्युत खरीद समझौते के अनुसार परियोजना, राज्य को उत्पादित विद्युत का कम से कम 85% प्रदान करेगी जो बिहार में विद्युत की मांग की आपूर्ति में सुधार करेगी। यह परियोजना बिहार के औद्योगिक विकास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है जो रोजगार सृजन के लिए मल्टीप्लायर का काम करेगी और इसके परिणामस्वरूप लगभग 2400 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
परियोजना स्थल पर प्रशासनिक कार्यालय का उद्घाटन करते हुए श्री शर्मा ने कहा कि यह परियोजना को समय पर पूरा करने की दिशा में सहायक सिद्ध होगा। श्री शर्मा ने कहा कि हालांकि कोविड-19 महामारी ने विश्वभर में निर्माण कार्यों को अत्याधिक प्रभावित किया है, परंतु एसजेवीएन कर्मचारियों की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए उन्होंने आश्वस्त किया कि परियोजना को मूलत: निर्धारित लक्ष्यों यथा पहली इकाई को जून,2023 तक कमीशन तथा दूसरी इकाई को दिसंबर,2023 तक कमीशन कर दिया जाएगा। यह परियोजना 2023 तक 5000 मेगावाट कंपनी,2030 तक 12000 मेगावाट कंपनी तथा 2040 तक 25000 मेगावाट कंपनी बनने के एसजेवीएन के सांझा विज़न को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
एसजेवीएन की वर्तमान स्थापित क्षमता 2016.51 मेगावाट है तथा 5674 मेगावाट की परियोजनाएं विकास के विभिन्न चरणों में है। एसजेवीएन की उपस्थिति विद्युत उत्पादन के विभिन्न क्षेत्रों में हैं जिसमें जलविद्युत, पवन एवं सौर विद्युत शामिल है। कंपनी की उपस्थिति विद्युत ट्रांसमिशन के क्षेत्र में भी है।
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