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शिमला , 14 फरवरी [ विशाल सूद ] ! प्रदेश में चल रहा सीमेंट विवाद सुलझता हुआ नजर नहीं आ रहा है। ट्रांसपोर्टरों और अडानी समूह प्रबंधन के साथ कई दौर की बैठकों के बावजूद भी रेट पर सहमति नहीं बन पाई है। आज सरकार के साथ अदानी समूह के सीईओ और ट्रक ऑपरेटरों के साथ बैठक आयोजित की गई लेकिन मालभाड़े पर सहमति नहीं बन पाई है। बैठक के बाद उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सरकार की कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स के साथ मीटिंग हुई है। कल भी मुख्यमंत्री की कम्पनी से मीटिंग हुई है । अदानी कंपनी के सीईओ हिमाचल आए है। दोनो पार्टी से चर्चा हुई लेकिन बेनतीजा रही। प्रबंधन ने रेट 10 रुपए से कम बताए है जो कि कम है। बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। सरकार मध्यस्थ के रूप में काम कर रही हैं। ट्रक ऑपरेटर के हित देखना सरकार की जिम्मेदारी है। सीमेंट कंपनियों के बंद होने से सरकार को प्रतिदिन दो करोड़ का नुक्सान हो रहा है। सरकार इस विवाद को हल करने की कोशिश कर रही है। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि अडानी अपनी मनमानी कर रहा है और तय दाम से कम रेट दे रहा है जो उनको मान्य नहीं है। ट्रांसपोर्टर का कहना है कि वैसे तो ₹13 :20 पैसे के हिसाब से प्रति किलोमीटर रेट होना चाहिए, लेकिन सरकार की मध्यस्थता के बाद ट्रांसपोर्टर ₹10:70 पैसे प्रति किलोमीटर की दर पर मान गए थे। लेकिन अब अदानी समूह इससे भी कम 8:30 रुपए से दस रुपये देने पर की बात कर रहा है । यदि ट्रांसपोर्टरों कहना है कि 6 महीने भी ट्रक खड़े करने पड़े तो वह उसके लिए भी तैयार हैं। अडानी जब तक मांगे नही मानता है सीमेंट प्लांट नही चलने दिए जायेंगे। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 14 फरवरी [ विशाल सूद ] ! प्रदेश में चल रहा सीमेंट विवाद सुलझता हुआ नजर नहीं आ रहा है। ट्रांसपोर्टरों और अडानी समूह प्रबंधन के साथ कई दौर की बैठकों के बावजूद भी रेट पर सहमति नहीं बन पाई है। आज सरकार के साथ अदानी समूह के सीईओ और ट्रक ऑपरेटरों के साथ बैठक आयोजित की गई लेकिन मालभाड़े पर सहमति नहीं बन पाई है।
बैठक के बाद उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सरकार की कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स के साथ मीटिंग हुई है। कल भी मुख्यमंत्री की कम्पनी से मीटिंग हुई है । अदानी कंपनी के सीईओ हिमाचल आए है। दोनो पार्टी से चर्चा हुई लेकिन बेनतीजा रही। प्रबंधन ने रेट 10 रुपए से कम बताए है जो कि कम है। बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। सरकार मध्यस्थ के रूप में काम कर रही हैं। ट्रक ऑपरेटर के हित देखना सरकार की जिम्मेदारी है। सीमेंट कंपनियों के बंद होने से सरकार को प्रतिदिन दो करोड़ का नुक्सान हो रहा है। सरकार इस विवाद को हल करने की कोशिश कर रही है।
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ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि अडानी अपनी मनमानी कर रहा है और तय दाम से कम रेट दे रहा है जो उनको मान्य नहीं है। ट्रांसपोर्टर का कहना है कि वैसे तो ₹13 :20 पैसे के हिसाब से प्रति किलोमीटर रेट होना चाहिए, लेकिन सरकार की मध्यस्थता के बाद ट्रांसपोर्टर ₹10:70 पैसे प्रति किलोमीटर की दर पर मान गए थे। लेकिन अब अदानी समूह इससे भी कम 8:30 रुपए से दस रुपये देने पर की बात कर रहा है । यदि ट्रांसपोर्टरों कहना है कि 6 महीने भी ट्रक खड़े करने पड़े तो वह उसके लिए भी तैयार हैं। अडानी जब तक मांगे नही मानता है सीमेंट प्लांट नही चलने दिए जायेंगे।
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