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शिमला , 10 जनवरी ! नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने क्रस्ना लैब द्वारा प्रदेश भर में जाँच के काम बंद करने पर राज्य सरकार पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर पहले से चल रही व्यवस्थाओं का कबाड़ा कर दिया गया है। पैसा बाक़ी रहने के कारण अस्पतालों में होने वाली नियमित जाँचे रोक दी गई हैं। कंपनियां अपने बकाए पैसे की माँग कर रही हैं। सरकार सो रही है और बीमार लोगों को दर-दर भटकने पर मजबूर होना पड़ रहा है। बिना जाँच के इलाज कैसे होगा? सरकार को इस बात का की जानकारी होनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से जाँच सुविधाओं को तुरंत बहाल करवाने की माँग की है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस तरह की लापरवाही बंद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भले ही सत्ता झूठ बोल कर हासिल की है तो लेकिन उसे चलाने में सरकार गंभीरता दिखाए तो बेहतर रहेगा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कभी पैसा न देने के कारण लोगों के ऑपरेशन नहीं हो रहे हैं तो कभी इलाज नहीं हो रहा है। सरकार की उदासीनता के कारण मरीज़ों की डायलिसिस बंद कर दी जा रही हैं तो कभी ऑक्सीजन प्लांट बंद कर दिए जा रहे हैं। प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं भगवान भरोसे नहीं चलेंगी। सरकार ज़िम्मेदारी से काम करे। सरकार प्रदेशवासियों को बताए कि आख़िर ऐसी नौबत क्यों आई। इसके अलावा हिमकेयर का पैसा भी सरकार द्वारा नहीं दिया गया है। अगर सरकार इसी ढर्रे पर चलती रही तो आने वाले समय में हालात और बिगड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों के स्वास्थ्य को गंभीरता से ले क्योंकि जान बहुत क़ीमती होती है। नेता प्रतिपक्ष कहा कि यह सभी मुद्दे सदन में उठाए गए थे और सरकार को आगाह किया था कि सरकार जिस ढर्रे पर चल रही है आने वाले दिनों में लोगों को इलाज लिए भटकना पड़ेगा। हमने कहा भी था कि प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य के साथ हम खिलवाड़ नहीं होने देंगे। सरकार की तरफ़ से हमें आश्वस्त भी किया गया था कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू ढंग से चलती रहेगी। स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही संस्थाओं के भुगतान किए जाएंगे। इसके बाद भी ऐसी नौबत आ रही है। इससे यह साफ़ है कि सरकार प्रदेश के लोगों के न स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है और न ही विकास और सुविधाओं को लेकर। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार अपना रवैया बदले और अपनी जिम्मदारियों को समझे नहीं तो प्रदेशव्यापी आंदोलन के लिए तैयार रहे।
शिमला , 10 जनवरी ! नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने क्रस्ना लैब द्वारा प्रदेश भर में जाँच के काम बंद करने पर राज्य सरकार पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर पहले से चल रही व्यवस्थाओं का कबाड़ा कर दिया गया है। पैसा बाक़ी रहने के कारण अस्पतालों में होने वाली नियमित जाँचे रोक दी गई हैं। कंपनियां अपने बकाए पैसे की माँग कर रही हैं। सरकार सो रही है और बीमार लोगों को दर-दर भटकने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
बिना जाँच के इलाज कैसे होगा? सरकार को इस बात का की जानकारी होनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से जाँच सुविधाओं को तुरंत बहाल करवाने की माँग की है।
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उन्होंने कहा कि सरकार को इस तरह की लापरवाही बंद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भले ही सत्ता झूठ बोल कर हासिल की है तो लेकिन उसे चलाने में सरकार गंभीरता दिखाए तो बेहतर रहेगा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कभी पैसा न देने के कारण लोगों के ऑपरेशन नहीं हो रहे हैं तो कभी इलाज नहीं हो रहा है। सरकार की उदासीनता के कारण मरीज़ों की डायलिसिस बंद कर दी जा रही हैं तो कभी ऑक्सीजन प्लांट बंद कर दिए जा रहे हैं। प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं भगवान भरोसे नहीं चलेंगी। सरकार ज़िम्मेदारी से काम करे।
सरकार प्रदेशवासियों को बताए कि आख़िर ऐसी नौबत क्यों आई। इसके अलावा हिमकेयर का पैसा भी सरकार द्वारा नहीं दिया गया है। अगर सरकार इसी ढर्रे पर चलती रही तो आने वाले समय में हालात और बिगड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों के स्वास्थ्य को गंभीरता से ले क्योंकि जान बहुत क़ीमती होती है।
नेता प्रतिपक्ष कहा कि यह सभी मुद्दे सदन में उठाए गए थे और सरकार को आगाह किया था कि सरकार जिस ढर्रे पर चल रही है आने वाले दिनों में लोगों को इलाज लिए भटकना पड़ेगा। हमने कहा भी था कि प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य के साथ हम खिलवाड़ नहीं होने देंगे। सरकार की तरफ़ से हमें आश्वस्त भी किया गया था कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू ढंग से चलती रहेगी।
स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही संस्थाओं के भुगतान किए जाएंगे। इसके बाद भी ऐसी नौबत आ रही है। इससे यह साफ़ है कि सरकार प्रदेश के लोगों के न स्वास्थ्य को लेकर गंभीर है और न ही विकास और सुविधाओं को लेकर। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार अपना रवैया बदले और अपनी जिम्मदारियों को समझे नहीं तो प्रदेशव्यापी आंदोलन के लिए तैयार रहे।
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