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शिमला ! सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश के मुखिया बन गए हैं। उनका नाम तय कर दिया गया है। बस औपचारिक घोषणा का इंतज़ार किया जा रहा है। विधायकों का विधानसभा में पहुंचने का सिलसिला जारी है। सुखविंदर अपने समर्थक विधायकों के साथ विधानसभा पहुंच गए हैं। वहीं प्रतिभा सिंह के समर्थक सिसल के बाहर सड़क पर बैठे गए हैं। नारेबाजी की जा रही है कि अगर सुक्खू सीएम बने तो स्वीकार नहीं है। सिसल के बाहर प्रतिभा सिंह के हक में समर्थक नारेबाजी कर रहे हैं। गौरतलब है प्रतिभा सिंह ग्रुप का कोई भी विधायक अभी तक विधानसभा नहीं पहुंचा है। उसके अलावा आब्जर्वर भी अभी तक सिसिल होटल में ही हैं। कानून की ड्रिग्री हासिल करने वाले सुक्खू ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी। नादौन के एक मिडिल क्लास परिवार में जन्मे सुक्खू यहीं पले-बढ़े। 58 वर्षीय सुक्खू ने सियासी पारी की शुरुआत एनएसयूआई से की, 1989 में वह इसके प्रदेश अध्यक्ष बने। इसके बाद वह यूथ कांग्रेस से जुड़े और 1998 से लेकर 2008 तक प्रदेश यूथ कांग्रेस की कमान संभालते रहे। इस बीच वह दो बार शिमला म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन में पार्षद भी चुने गए। यूथ कांग्रेस के जमाने में ही वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव बन चुके थे। राज परिवार के विरोध के बावजूद अगर सुक्खू को प्रदेश अध्यक्ष का पद मिला, तो इसके पीछे वजह काडर में उनकी लोकप्रियता और समय प्रबंधन के उनके कौशल को दिया जा सकता है। उन्होंने साल 2003, 2007 और 2017 में नादौन का असेंबली में प्रतिनिधित्व किया। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला ! सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश के मुखिया बन गए हैं। उनका नाम तय कर दिया गया है। बस औपचारिक घोषणा का इंतज़ार किया जा रहा है।
विधायकों का विधानसभा में पहुंचने का सिलसिला जारी है। सुखविंदर अपने समर्थक विधायकों के साथ विधानसभा पहुंच गए हैं।
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वहीं प्रतिभा सिंह के समर्थक सिसल के बाहर सड़क पर बैठे गए हैं। नारेबाजी की जा रही है कि अगर सुक्खू सीएम बने तो स्वीकार नहीं है। सिसल के बाहर प्रतिभा सिंह के हक में समर्थक नारेबाजी कर रहे हैं।
गौरतलब है प्रतिभा सिंह ग्रुप का कोई भी विधायक अभी तक विधानसभा नहीं पहुंचा है। उसके अलावा आब्जर्वर भी अभी तक सिसिल होटल में ही हैं।
कानून की ड्रिग्री हासिल करने वाले सुक्खू ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी। नादौन के एक मिडिल क्लास परिवार में जन्मे सुक्खू यहीं पले-बढ़े।
58 वर्षीय सुक्खू ने सियासी पारी की शुरुआत एनएसयूआई से की, 1989 में वह इसके प्रदेश अध्यक्ष बने। इसके बाद वह यूथ कांग्रेस से जुड़े और 1998 से लेकर 2008 तक प्रदेश यूथ कांग्रेस की कमान संभालते रहे। इस बीच वह दो बार शिमला म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन में पार्षद भी चुने गए।
यूथ कांग्रेस के जमाने में ही वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव बन चुके थे। राज परिवार के विरोध के बावजूद अगर सुक्खू को प्रदेश अध्यक्ष का पद मिला, तो इसके पीछे वजह काडर में उनकी लोकप्रियता और समय प्रबंधन के उनके कौशल को दिया जा सकता है। उन्होंने साल 2003, 2007 और 2017 में नादौन का असेंबली में प्रतिनिधित्व किया।
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