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सिरमौर , 06 फरवरी ! रेणुकाजी बांध प्रबंधन तथा विस्थापितों द्वारा गठित जन संघर्ष समिति के बीच करीब 2 घंटे से ज्यादा समय तक चली मीटिंग में पेड़ो की रिकाउंटिंग जैसे परियोजना के काम शुरू करने के मुद्दे पर बेनतीजा रही। बैठक में जीएम अथवा बांध प्रबंधन द्वारा समिति पदाधिकारियों से आग्रह किया गया कि, डूब क्षेत्र में आने वाले सरकारी अथवा वन विभाग के पेड़-पौधों की गिणती को सुचारू रूप से चलने दिया जाए, जिसे कुछ दिन पहले संघर्ष समिति द्वारा उनकी मांगे न माने जाने पर रोष जताते हुए रोक दिया गया था। संघर्ष समिति के अध्यक्ष योगेंद्र कपिला व पूर्ण चंद शर्मा, संजय चौहान, वरूण शर्मा तथा हरिचंद शर्मा आदि पदाधिकारियों ने इस पर दो टूक जवाब देते हुए कहा कि, जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा, तब तक समिति बांध प्रबंधन केे ऐसे कार्य नहीं होने देगी। बयान में उन्होंने कहा कि, बरसों से विस्थापितों की मांगों की एडमिनिस्ट्रेशन अथवा बांध प्रबंधन द्वारा अनदेखी किए जाने के चलते उन्हें कड़ा रुख अख्तियार करने पर मजबूर होना पड़ा। बैठक में परियोजना के महाप्रबंधक महेंद्र कपूर ने विस्थापित नेताओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि, हाउसलेस फैमिलीज की लिस्ट 1 माह मे संघर्ष समिति को दी जाएगी। अन्य मांगों पर भी गहनता से कार्य किया जा रहा है तथा भूमिहीन परिवारों की सूची निर्धारित करने के लिए डीसी सिरमौर को नाम भेज दिए गए है। अन्य मांगो को बीओडी/ बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में उठाया जाएगा। बैठक में परियोजना के जनरल मैनेजर महेंद्र कपूर उप महाप्रबंधक सुनील कुमार ठाकुर व वरिष्ठ प्रबंधक कपिल दत्त शर्मा आदि एचपीपीसीएल अधिकारियों के अलावा संघर्ष समिति के अध्यक्ष योगेंद्र कपिला, संयोजक पूर्ण चंद शर्मा, महासचिव संजय चौहान कानूनी सलाहकार वरुण शर्मा व कोषाध्यक्ष हरीचंद शर्मा आदि मौजूद रहे। 148 मीटर ऊंचा बांध निगल जाएगा 1508 हेक्टेयर भूभाग विशेष मुख्य सचिव बहुद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा राम सुभग सिंह की अध्यक्षता में गत 6 जनवरी को जिला उपायुक्त कार्यालय में प्रदेश में हुई पन विद्युत परियोजनाओं की प्रगति की रिवीयू बैठक मे रेणुका डैम के जनरल मैनेजर एमके कपूर ने यमुना नदी की सहायक नदी गिरी पर इस राष्ट्रीय परियोजना के निर्माण की प्रक्रिया जोरों पर होने की बात कही थी। अपनी प्रस्तुति में जीएम ने बताया कि, वर्ष 2018 में परियोजना का प्राक्कलन 6947 करोड़ रुपये का है, जिसमें पानी की आपूर्ति पर 6647.46 करोड़ तथा बिजली पर 299 करोड़ ₹ की लागत शामिल है। परियोजना परिव्यय का 90% यूनियन गवर्नमेंट अथवा भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। 148 मीटर ऊंचे इस बांध से 1,508 हेक्टेयर क्षेत्र जलमग्न होगा। 24 किलोमीटर लंबी सुंरग का निर्माण किया जाएगा और 2023 में पानी डाईवर्जन का कार्य आरंभ किया जाएगा। गौरतलब है कि, इस महत्वाकांक्षी परियोजना का शिलान्यास पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा 27, दिसंबर 2021 में किया जा चुका है तथा परियोजना के लिये भूमि अधीग्रहण का कार्य कर लिया है। कुल 2,800 करोड़ भूमि अधिग्रहण के एवज में देय है जिसमें से 1000 करोड़ रुपये प्रभावित परिवारों को वितरित किये जा चुके हैं। 630 करोड़ ₹ की राशि वन विभाग को दी जानी है। महाप्रबंधक के अनुसार परियोजना से क्षेत्र की 20 पंचायतों के 41 गांव तथा 7,000 की आबादी प्रभावित होगी जबकि 346 परिवार बेघर हो रहे हैं। गौरतलब है कि, मात्र 40 मेगावाट की इस परियोजना का वास्तविक निर्माण कार्य शुरू होना बाकी है, जबकि अरबों का बजट खर्च हो चुका है। करीब 26 किलो मीटर लंबे इस बांध से डूबने वाले संगड़ाह-नाहन मार्ग की वैकल्पिक सड़क के लिए भी बजट मिलना शेष है, हालांकि डीपीआर बनाने के लिए एक्सिन पीडब्लूडी संगड़ाह को कुछ राशि जारी की जा चुकी है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
सिरमौर , 06 फरवरी ! रेणुकाजी बांध प्रबंधन तथा विस्थापितों द्वारा गठित जन संघर्ष समिति के बीच करीब 2 घंटे से ज्यादा समय तक चली मीटिंग में पेड़ो की रिकाउंटिंग जैसे परियोजना के काम शुरू करने के मुद्दे पर बेनतीजा रही। बैठक में जीएम अथवा बांध प्रबंधन द्वारा समिति पदाधिकारियों से आग्रह किया गया कि, डूब क्षेत्र में आने वाले सरकारी अथवा वन विभाग के पेड़-पौधों की गिणती को सुचारू रूप से चलने दिया जाए, जिसे कुछ दिन पहले संघर्ष समिति द्वारा उनकी मांगे न माने जाने पर रोष जताते हुए रोक दिया गया था। संघर्ष समिति के अध्यक्ष योगेंद्र कपिला व पूर्ण चंद शर्मा, संजय चौहान, वरूण शर्मा तथा हरिचंद शर्मा आदि पदाधिकारियों ने इस पर दो टूक जवाब देते हुए कहा कि, जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा, तब तक समिति बांध प्रबंधन केे ऐसे कार्य नहीं होने देगी। बयान में उन्होंने कहा कि, बरसों से विस्थापितों की मांगों की एडमिनिस्ट्रेशन अथवा बांध प्रबंधन द्वारा अनदेखी किए जाने के चलते उन्हें कड़ा रुख अख्तियार करने पर मजबूर होना पड़ा। बैठक में परियोजना के महाप्रबंधक महेंद्र कपूर ने विस्थापित नेताओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि, हाउसलेस फैमिलीज की लिस्ट 1 माह मे संघर्ष समिति को दी जाएगी। अन्य मांगों पर भी गहनता से कार्य किया जा रहा है तथा भूमिहीन परिवारों की सूची निर्धारित करने के लिए डीसी सिरमौर को नाम भेज दिए गए है। अन्य मांगो को बीओडी/ बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में उठाया जाएगा। बैठक में परियोजना के जनरल मैनेजर महेंद्र कपूर उप महाप्रबंधक सुनील कुमार ठाकुर व वरिष्ठ प्रबंधक कपिल दत्त शर्मा आदि एचपीपीसीएल अधिकारियों के अलावा संघर्ष समिति के अध्यक्ष योगेंद्र कपिला, संयोजक पूर्ण चंद शर्मा, महासचिव संजय चौहान कानूनी सलाहकार वरुण शर्मा व कोषाध्यक्ष हरीचंद शर्मा आदि मौजूद रहे।
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