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सोलन ,[ बद्दी ] 17 फरवरी [ पंकज गोल्डी ] ! तपोभूमि साई में साईश्वर महादेव मंदिर में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 10 फरवरी से 19 फरवरी तक राम कथा का आयोजन चल किया जा रहा है। जिसे शिव मंदिर प्रबंधक कमेटी क्षेत्र के लोगों व जन सहयोग द्वारा प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि के उपलक्ष में इस प्राचीन स्थान पर अलग-अलग कथाओं का आयोजन करती है। गौरतलब है कि इस प्राचीन शिव मंदिर में सन् 1969 में पहली भागवत कथा का आयोजन किया गया था। उसके बाद प्रतिवर्ष उसी मर्यादा को रखते हुए महाशिवरात्रि के उपलक्ष पर इस भव्य विशाल शिव मंदिर जिसे साईश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। इस भव्य विशाल शिव मंदिर की अपने क्षेत्र में अलग से पहचान है। वैसे तो इस क्षेत्र को तपोभूमि के नाम से जाना जाता है क्योंकि इस पूरे क्षेत्रा में वर्ष भर लगभग 15 से 20 कथाएं 1 वर्ष के अंदर विभिन्न स्थानों पर होती हैं और सभी धार्मिक कार्यक्रम मनाए जाते हैं। आज राम कथा के सत्य में कथा व्यास मानस ऋषि सुनीता शास्त्राी ने अपने प्रवचनों के दौरान सभी कथा सुनने वाले भक्तों को कहा कि हमें अपने जीवन में ऐसा रंग चढ़ाना चाहिए। जो कभी उतरे ना और जो पक्का हो क्योंकि इस मानव जीवन की मुक्ति का मुख्य साधन भगवान की भक्ति ही है। जिस प्रकार किसी कपड़े पर कोई रंग चढ़ जाता है तो कई बार वहां रंग कपड़े को झाड़ने से दूर हो जाता है और कई बार कपड़े को धोने से वहां रंग चला जाता है परंतु कई बार ऐसा पक्का रंग होता है। जिसे हम तेल पेट्रोल याने केमिकल से भी साफ करना चाहते हैं। परंतु वह रंग कपड़े को नहीं छोड़ता उसको साफ करते करते उस कपड़े की आयु भी खत्म हो जाती है। इसी प्रकार हम इस मानव जीवन में भगवान की भक्ति और कथाओं के माध्यम से अपने आत्मा रूपी कपड़े पर ऐसा पक्का रंग चढ़ा देना चाहिए जो कभी उतरे ना क्योंकि इस मानव जीवन का मुक्ति का साधन श्री भगवान की भक्ति ही है। इसलिए हमें अपनी आत्मा में दया की भावना का रंग ईमानदारी का रंग धार्मिक कार्य करने का रंग अपने मानव जीवन की आत्मा पर पक्का रंग चढ़ाना चाहिए। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
सोलन ,[ बद्दी ] 17 फरवरी [ पंकज गोल्डी ] ! तपोभूमि साई में साईश्वर महादेव मंदिर में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 10 फरवरी से 19 फरवरी तक राम कथा का आयोजन चल किया जा रहा है। जिसे शिव मंदिर प्रबंधक कमेटी क्षेत्र के लोगों व जन सहयोग द्वारा प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि के उपलक्ष में इस प्राचीन स्थान पर अलग-अलग कथाओं का आयोजन करती है। गौरतलब है कि इस प्राचीन शिव मंदिर में सन् 1969 में पहली भागवत कथा का आयोजन किया गया था।
उसके बाद प्रतिवर्ष उसी मर्यादा को रखते हुए महाशिवरात्रि के उपलक्ष पर इस भव्य विशाल शिव मंदिर जिसे साईश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। इस भव्य विशाल शिव मंदिर की अपने क्षेत्र में अलग से पहचान है। वैसे तो इस क्षेत्र को तपोभूमि के नाम से जाना जाता है क्योंकि इस पूरे क्षेत्रा में वर्ष भर लगभग 15 से 20 कथाएं 1 वर्ष के अंदर विभिन्न स्थानों पर होती हैं और सभी धार्मिक कार्यक्रम मनाए जाते हैं।
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आज राम कथा के सत्य में कथा व्यास मानस ऋषि सुनीता शास्त्राी ने अपने प्रवचनों के दौरान सभी कथा सुनने वाले भक्तों को कहा कि हमें अपने जीवन में ऐसा रंग चढ़ाना चाहिए। जो कभी उतरे ना और जो पक्का हो क्योंकि इस मानव जीवन की मुक्ति का मुख्य साधन भगवान की भक्ति ही है। जिस प्रकार किसी कपड़े पर कोई रंग चढ़ जाता है तो कई बार वहां रंग कपड़े को झाड़ने से दूर हो जाता है और कई बार कपड़े को धोने से वहां रंग चला जाता है परंतु कई बार ऐसा पक्का रंग होता है।
जिसे हम तेल पेट्रोल याने केमिकल से भी साफ करना चाहते हैं। परंतु वह रंग कपड़े को नहीं छोड़ता उसको साफ करते करते उस कपड़े की आयु भी खत्म हो जाती है। इसी प्रकार हम इस मानव जीवन में भगवान की भक्ति और कथाओं के माध्यम से अपने आत्मा रूपी कपड़े पर ऐसा पक्का रंग चढ़ा देना चाहिए जो कभी उतरे ना क्योंकि इस मानव जीवन का मुक्ति का साधन श्री भगवान की भक्ति ही है। इसलिए हमें अपनी आत्मा में दया की भावना का रंग ईमानदारी का रंग धार्मिक कार्य करने का रंग अपने मानव जीवन की आत्मा पर पक्का रंग चढ़ाना चाहिए।
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