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हिमाचल , 23 दिसंबर [ देवेंद्र धर ] ! हिमाचल प्रदेश में भी सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए विभिन्न संस्थानों के पेपर"लीक" होने की घटनाएं गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश की तरह आम हो गई है। परीक्षा तय होने से पहले या पर्चे छपने से पहले ही अभ्यर्थी के जेब में होते हैं। हिमाचल जैसे राज्य में पर्चे फूटना सामान्य बात नहीं हो सकती। लेकिन जैसै ये हो रहा है दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार चाहे बीजेपी की हो या कांग्रेस की पर्चे लीक होने के कारणों में न जा कर राजनैतिक दल एक दूसरे को लेकर तू -तू करने में लगे रहते हैं। सरकारे प्रदेश के होनहार युवाओं के भविष्य की चिंता किये बिना, इन परिक्षाओं के पर्चों को छपाने की प्रक्रियागत विधियों को चुस्त दरूस्त करने व सख्त गोपनीयता बनाए रखने की परवाह किये बिना या तो ऐसे कृत्यों को संरक्षण देतीं हैं या फिर बिना किसी विश्लेषण के पुलिस के हाथ जांच थमा कर मुक्त हो जातीं है। कुछ गिरफ्तारियों व मीडिया खबरों के बाद सबको शांत कर मुक्ति पा लेतीं हैं। धन्य है ये सरकारें जो पारदर्शिता से काम न करतीं हुई परीक्षार्थी के भविष्य से खेलतीं हैं। ऐसे कृत्यों के लिए क्या कठोर संदेश देना सरकार का दायित्व नहीं है। पिछली सरकार के कार्यकाल में पुलीस भर्ती के लिए लिये जाने वाला पर्चा भी "लीक" हुआ था। सरकार ने क्या किया । क्या ऐसी घटना को रोकने के लिए किसी टास्क फोर्स का गठन किया, अल्बता पुलिसिया अंदाज में ' एस आई टी' गठित कर दी । जनता के समक्ष कुछ भी नहीं आ सका। सिर्फ कुछ उच्च अधिकारियों जिनके जिम्मा यह परीक्षा करवाने का काम था उन्हें विधिवत संरक्षण देकर प्रदेश की जनता व परीक्षा तैयार कर रहे युवाओं की अनदेखी कर चुनाव आते देखकर झट से अपनों के लिए दोबारा परीक्षा करवा दी। क्या संदेश देता है यह सब हमें ! आज फिर वैसा ही मामला सामने आ गया। इस बार कर्मचारी चयन आयोग कटघरे में खड़ा है। आगामी रविवार को जे ओ ए आई टी की परीक्षा होनी थी वह पर्चा शुक्रवार को ही फूट गया। "लीक" कब हुआ होगा कहां कहां पहुंचा जांच जारी हैं। ऐसी सूचना है कि तीन कथित आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है। यह भी कहा जा रहा है कि आरोपी ने भी पर्चा खरीद कर पिछले वर्ष परीक्षा पास की है। जब बाड़ ही खेत को खा जाए तो खेत बचेगा कैसे। किसी आरोपी की माता जी आयोग में कार्यरत है। क्या गज़ब गोपनीय व्यवस्था है हिमाचल राज्य कर्मचारी चयन आयोग में ! कितने लोगों के भविष्य से खेलता रहा होगा यह आयोग व इसके बनने के औचित्य की समीक्षा करना जरूरी हो गया हैं, कितने पर्चे बिन आवाज किये फूटे होगें। छ्द्म उद्देश्य है आयोग का, पहले भी यह आयोग अपनी संदिग्ध कार्य प्रणाली के लिए जाना गया। "जो पकड़ा गया वो चोर"। कितने लीक पर्चों ने स्वार्थी, निक्कमे और नालायक लोगों को नौकरियां दिलवाकर योग्य, परिश्रमी युवाओं के भविष्य अंधकार में डाला होगा। कर्मचारी चयन आयोग की विश्वसनीयता को बनाये रखना अब आवश्यक हो गया है। लेख से संबंधित अग्ला अपडेट के लिए क्लिक करें ! हिमाचल ! सरकार का तीर सही निशाने पे, देर आए दुरूस्त आए – देवेन्द्र धर ! हमीरपुर ! 25 दिसंबर को होने वाला जेओआईटी (JOA IT) पेपर लीक, तीन आरोपी गिरफ्तार !
हिमाचल , 23 दिसंबर [ देवेंद्र धर ] ! हिमाचल प्रदेश में भी सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए विभिन्न संस्थानों के पेपर"लीक" होने की घटनाएं गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश की तरह आम हो गई है। परीक्षा तय होने से पहले या पर्चे छपने से पहले ही अभ्यर्थी के जेब में होते हैं। हिमाचल जैसे राज्य में पर्चे फूटना सामान्य बात नहीं हो सकती। लेकिन जैसै ये हो रहा है दुर्भाग्यपूर्ण है।
सरकार चाहे बीजेपी की हो या कांग्रेस की पर्चे लीक होने के कारणों में न जा कर राजनैतिक दल एक दूसरे को लेकर तू -तू करने में लगे रहते हैं। सरकारे प्रदेश के होनहार युवाओं के भविष्य की चिंता किये बिना, इन परिक्षाओं के पर्चों को छपाने की प्रक्रियागत विधियों को चुस्त दरूस्त करने व सख्त गोपनीयता बनाए रखने की परवाह किये बिना या तो ऐसे कृत्यों को संरक्षण देतीं हैं या फिर बिना किसी विश्लेषण के पुलिस के हाथ जांच थमा कर मुक्त हो जातीं है। कुछ गिरफ्तारियों व मीडिया खबरों के बाद सबको शांत कर मुक्ति पा लेतीं हैं। धन्य है ये सरकारें जो पारदर्शिता से काम न करतीं हुई परीक्षार्थी के भविष्य से खेलतीं हैं। ऐसे कृत्यों के लिए क्या कठोर संदेश देना सरकार का दायित्व नहीं है। पिछली सरकार के कार्यकाल में पुलीस भर्ती के लिए लिये जाने वाला पर्चा भी "लीक" हुआ था। सरकार ने क्या किया । क्या ऐसी घटना को रोकने के लिए किसी टास्क फोर्स का गठन किया, अल्बता पुलिसिया अंदाज में ' एस आई टी' गठित कर दी । जनता के समक्ष कुछ भी नहीं आ सका। सिर्फ कुछ उच्च अधिकारियों जिनके जिम्मा यह परीक्षा करवाने का काम था उन्हें विधिवत संरक्षण देकर प्रदेश की जनता व परीक्षा तैयार कर रहे युवाओं की अनदेखी कर चुनाव आते देखकर झट से अपनों के लिए दोबारा परीक्षा करवा दी। क्या संदेश देता है यह सब हमें !
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आज फिर वैसा ही मामला सामने आ गया। इस बार कर्मचारी चयन आयोग कटघरे में खड़ा है। आगामी रविवार को जे ओ ए आई टी की परीक्षा होनी थी वह पर्चा शुक्रवार को ही फूट गया। "लीक" कब हुआ होगा कहां कहां पहुंचा जांच जारी हैं। ऐसी सूचना है कि तीन कथित आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है। यह भी कहा जा रहा है कि आरोपी ने भी पर्चा खरीद कर पिछले वर्ष परीक्षा पास की है। जब बाड़ ही खेत को खा जाए तो खेत बचेगा कैसे। किसी आरोपी की माता जी आयोग में कार्यरत है। क्या गज़ब गोपनीय व्यवस्था है हिमाचल राज्य कर्मचारी चयन आयोग में ! कितने लोगों के भविष्य से खेलता रहा होगा यह आयोग व इसके बनने के औचित्य की समीक्षा करना जरूरी हो गया हैं, कितने पर्चे बिन आवाज किये फूटे होगें। छ्द्म उद्देश्य है आयोग का, पहले भी यह आयोग अपनी संदिग्ध कार्य प्रणाली के लिए जाना गया।
"जो पकड़ा गया वो चोर"। कितने लीक पर्चों ने स्वार्थी, निक्कमे और नालायक लोगों को नौकरियां दिलवाकर योग्य, परिश्रमी युवाओं के भविष्य अंधकार में डाला होगा। कर्मचारी चयन आयोग की विश्वसनीयता को बनाये रखना अब आवश्यक हो गया है। लेख से संबंधित अग्ला अपडेट के लिए क्लिक करें ! हिमाचल ! सरकार का तीर सही निशाने पे, देर आए दुरूस्त आए – देवेन्द्र धर ! हमीरपुर ! 25 दिसंबर को होने वाला जेओआईटी (JOA IT) पेपर लीक, तीन आरोपी गिरफ्तार !- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
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