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चम्बा ! भरमौर के विधायक आजकल अपनी नालायकी का ठीकरा दूसरे के सिर थोप रहे हैं। वह कह रहे हैं कि पठानकोट-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग की खस्ता हालत कांग्रेस के समय से है। यह बात पूर्व वनमंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उन्हें यह याद दिलाना चाहती है कि कांग्रेस के कार्यकाल के समय यह सड़क की हालत पूरी तरह से सही थी। लेकिन, जबसे भाजपा सरकार सत्ता में आई है, तब से सड़कों की ऐसी हालत हो गई है, जिसमें सड़क कम, गड्डे ज्यादा दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा कि विधायक आए दिन बोल रहे हैं कि जलशक्ति विभाग पांगी का प्रशासनिक नियंत्रण चंबा से जलशक्ति विभाग भरमौर शिफ्ट करके आपने लोगों को सहूलियत दी है। लेकिन, यह कैसी सहूलियत है, जिसमें लोगों को काम करवाने के लिए 700 किलोमीटर दूर आना पड़ता है। इससे अच्छा होता कि इसका नियंत्रण पांगी घाटी में ही जलशक्ति विभाग का डिवीजन खोलकर वहीं रखा जाता। उन्होंने कहा कि भरमौर विधायक की ऐसी अनिमताओं को देखते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र के माध्यम से अवगत करवाते हुए आग्रह किया है कि पांगी घाटी में जलशक्ति विभाग पांगी का प्रशासनिक नियंत्रण अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग के पास ही रहने दिया जाए, जैसा कि पहले था। साथ ही जल्द पांगी में जलशक्ति विभाग का डीवीजन खोला जाए, जिससे लोगों को काम करवाने के लिए 700 किलोमीटर दूर न आना पड़े।
चम्बा ! भरमौर के विधायक आजकल अपनी नालायकी का ठीकरा दूसरे के सिर थोप रहे हैं। वह कह रहे हैं कि पठानकोट-भरमौर राष्ट्रीय राजमार्ग की खस्ता हालत कांग्रेस के समय से है।
यह बात पूर्व वनमंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उन्हें यह याद दिलाना चाहती है कि कांग्रेस के कार्यकाल के समय यह सड़क की हालत पूरी तरह से सही थी। लेकिन, जबसे भाजपा सरकार सत्ता में आई है, तब से सड़कों की ऐसी हालत हो गई है, जिसमें सड़क कम, गड्डे ज्यादा दिखाई देते हैं।
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उन्होंने कहा कि विधायक आए दिन बोल रहे हैं कि जलशक्ति विभाग पांगी का प्रशासनिक नियंत्रण चंबा से जलशक्ति विभाग भरमौर शिफ्ट करके आपने लोगों को सहूलियत दी है। लेकिन, यह कैसी सहूलियत है, जिसमें लोगों को काम करवाने के लिए 700 किलोमीटर दूर आना पड़ता है। इससे अच्छा होता कि इसका नियंत्रण पांगी घाटी में ही जलशक्ति विभाग का डिवीजन खोलकर वहीं रखा जाता।
उन्होंने कहा कि भरमौर विधायक की ऐसी अनिमताओं को देखते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र के माध्यम से अवगत करवाते हुए आग्रह किया है कि पांगी घाटी में जलशक्ति विभाग पांगी का प्रशासनिक नियंत्रण अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग के पास ही रहने दिया जाए, जैसा कि पहले था।
साथ ही जल्द पांगी में जलशक्ति विभाग का डीवीजन खोला जाए, जिससे लोगों को काम करवाने के लिए 700 किलोमीटर दूर न आना पड़े।
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