
*कम से कम मुख्यमंत्री और सरकार प्रधानमंत्री का आभार जताए* *आपदा के दौरान प्रदेश का दौरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं नरेंद्र मोदी* *हिमाचल के हक में खड़े रहने के लिए प्रधानमंत्री का हार्दिक आभार* *प्रदेश को 1500 करोड रुपए की आपदा राहत राशि देने के लिए प्रधानमंत्री का आभार*
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
कांगड़ा , 09 सितंबर [ विशाल सूद ] ! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश भूस्खलन से हुए नुकसान का दौरा करने के लिए और हिमाचल प्रदेश को 1500 करोड रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि आपदा के समय प्रदेश के हालात का जायजा लेने वाले नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं। सर हिमाचल प्रदेश का दौरा ही नहीं किया गया बल्कि दिल्ली पहुंचने के पहले ही 1500 करोड रुपए की आर्थिक सहायता भी दी है। हमारा दुखता तो बांटने के साथ-साथ उन्होंने हमें हौसला और हिम्मत भी दी। उनका यह सहयोग हमें बड़ी से बड़ी मुश्किलों का सामना करने की ताकत देता है। हिमाचल प्रदेश के प्रति प्रधानमंत्री के मन में सदैव विशेष भावना रहती है। त्रासदी देखकर वह बहुत आहत थे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस त्रासदी ने हमसे हमारे अपने लोग छीन लिए। एक ही रात में 42 लोगों की जिंदगी चली गई। 41 लोग अभी भी लापता है। हजारों लोग बेघर हो गए। हजारों बीघा खेती और बागवानी की जमीन नष्ट हो गई। आज सड़कें बंद हैं। इस वजह से लोगों के आपदा से बच गई सेब, फसलें और सब्जियां नष्ट हो रही हैं। लोगों के पास अब घर बनाने के लिए जमीन नहीं है। लोगों को घर बनाने के लिए जमीन देने हेतु फारेस्ट कंजर्वेशन एक्ट में संशोधन करने के लिए हमने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है। जिस पर प्रधानमंत्री ने सहानुभूति पूर्वक विचार करने का भरोसा भी दिया है। अब जिम्मेदारी राज्य सरकार की भी है कि केंद्र से सभी प्रकार के समन्वय स्थापित करे। जिससे लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। राज्य सरकार के द्वारा भी हमारी कुछ मांगों को प्रेजेंटेशन के माध्यम से शामिल कर प्रधानमंत्री के सम्मुख प्रस्तुत किया गया। प्रकृति के साथ समन्वय करते हुए हमें विकास को अपनाना होगा। जिससे आपदा की स्थिति में भी कम से कम नुकसान हो। कानून के अनुपालन करवाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है जिसे उसे करना चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दिया गया 1500 करोड़ रूपया प्रभावित लोगों को मदद करने के लिए, लाभ पहुंचाने के लिए है। यह पैसा उन्हीं लोगों और क्षेत्र पर खर्च किया जाना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार जिम्मेदारी सुनिश्चित करेगी। केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई सहायता प्रभावी लोगों के बजाय प्रभावितों के पुनर्वास और उनको राहत प्रदान करने के काम में ही खर्च करेगी। मुख्यमंत्री को ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस पार्टी के सभी नेताओं को कम से कम प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करना चाहिए। हिमाचल प्रदेश को तत्काल राहत चाहिए थी और वह राहत 1500 करोड़ रुपए के रूप में तत्काल मिली है। हर प्रभावित तक समय से ईमानदारी से पहुंचनी चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार आपदा प्रभावितों का दर्द समझे और ईमानदारी के साथ काम करे। केंद्र सरकार हमेशा हिमाचल प्रदेश के साथ खड़ी थी और खड़ी है, आगे भी खड़ी रहेगी। हिमाचल प्रदेश के लोगों का दुख दर्द समझने और तत्काल राहत उपलब्ध कराने के लिए हिमाचल प्रदेश के लोगों की तरफ से उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार भी व्यक्त किया।
कांगड़ा , 09 सितंबर [ विशाल सूद ] ! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश भूस्खलन से हुए नुकसान का दौरा करने के लिए और हिमाचल प्रदेश को 1500 करोड रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री का आभार प्रकट किया। उन्होंने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि आपदा के समय प्रदेश के हालात का जायजा लेने वाले नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं।
सर हिमाचल प्रदेश का दौरा ही नहीं किया गया बल्कि दिल्ली पहुंचने के पहले ही 1500 करोड रुपए की आर्थिक सहायता भी दी है। हमारा दुखता तो बांटने के साथ-साथ उन्होंने हमें हौसला और हिम्मत भी दी। उनका यह सहयोग हमें बड़ी से बड़ी मुश्किलों का सामना करने की ताकत देता है। हिमाचल प्रदेश के प्रति प्रधानमंत्री के मन में सदैव विशेष भावना रहती है। त्रासदी देखकर वह बहुत आहत थे।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस त्रासदी ने हमसे हमारे अपने लोग छीन लिए। एक ही रात में 42 लोगों की जिंदगी चली गई। 41 लोग अभी भी लापता है। हजारों लोग बेघर हो गए। हजारों बीघा खेती और बागवानी की जमीन नष्ट हो गई। आज सड़कें बंद हैं। इस वजह से लोगों के आपदा से बच गई सेब, फसलें और सब्जियां नष्ट हो रही हैं। लोगों के पास अब घर बनाने के लिए जमीन नहीं है।
लोगों को घर बनाने के लिए जमीन देने हेतु फारेस्ट कंजर्वेशन एक्ट में संशोधन करने के लिए हमने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है। जिस पर प्रधानमंत्री ने सहानुभूति पूर्वक विचार करने का भरोसा भी दिया है। अब जिम्मेदारी राज्य सरकार की भी है कि केंद्र से सभी प्रकार के समन्वय स्थापित करे। जिससे लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
राज्य सरकार के द्वारा भी हमारी कुछ मांगों को प्रेजेंटेशन के माध्यम से शामिल कर प्रधानमंत्री के सम्मुख प्रस्तुत किया गया। प्रकृति के साथ समन्वय करते हुए हमें विकास को अपनाना होगा। जिससे आपदा की स्थिति में भी कम से कम नुकसान हो। कानून के अनुपालन करवाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है जिसे उसे करना चाहिए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दिया गया 1500 करोड़ रूपया प्रभावित लोगों को मदद करने के लिए, लाभ पहुंचाने के लिए है। यह पैसा उन्हीं लोगों और क्षेत्र पर खर्च किया जाना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार जिम्मेदारी सुनिश्चित करेगी। केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई सहायता प्रभावी लोगों के बजाय प्रभावितों के पुनर्वास और उनको राहत प्रदान करने के काम में ही खर्च करेगी।
मुख्यमंत्री को ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस पार्टी के सभी नेताओं को कम से कम प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करना चाहिए। हिमाचल प्रदेश को तत्काल राहत चाहिए थी और वह राहत 1500 करोड़ रुपए के रूप में तत्काल मिली है। हर प्रभावित तक समय से ईमानदारी से पहुंचनी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार आपदा प्रभावितों का दर्द समझे और ईमानदारी के साथ काम करे। केंद्र सरकार हमेशा हिमाचल प्रदेश के साथ खड़ी थी और खड़ी है, आगे भी खड़ी रहेगी। हिमाचल प्रदेश के लोगों का दुख दर्द समझने और तत्काल राहत उपलब्ध कराने के लिए हिमाचल प्रदेश के लोगों की तरफ से उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार भी व्यक्त किया।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -