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सोलन , 24 दिसंबर [ पंकज गोल्डी ] ! नगर परिषद बददी क्षेत्र में चल रही भागवत कथा के छठे दिन भागवन श्रीकृष्ण और रूकमणी का विवाह का कराया गया। इससे पहले कथा वाचक जगमोह शास्त्री ने राजा मौर ध्वज की कथा सुनाई जिसे सुन कर श्रोताओं आंखे नम हो गई। उन्होंने बताया कि मौरध्वज राजा एक बहुत ही दयालु और भगवान के भक्त थे। भगवान उनकी परीक्षा लेने के लिए उसके महल में साधु का रूप धारण करके आए और भिक्षा में उसके बेटे को ही मांग लिया।साधु ने कहा उनके साथ एक शेर है जो मनुष्य का मांस खाता है। मौरध्वज इसके लिए तैयार हो गए। संत ने उनकी और कड़ी परिक्षा लेनी चाहिए और कहा कि स्वयं वह पति पत्नी इस बच्चे को अपने हाथों का आरी से काटेंगे और आधा भाग शेर और आधे को फैंक देंगे। लेकिन शर्त यह रहेगी की दोनों की आंख में आंसु नहीं आएगा। अगर आंसु आ गया तो वह शेर मांस नहीं खाएगा। उन्होंने वैसा ही किया। उसके बाद उन्होंने नहा धो कर खाना बनाने के कहा। और शर्त वहीं रखी कि खाना बनाते हुए वह एक क्षण भी अपने बेटे क ो यैद नहीं करेंगे। उन्होंने ऐसे ही किया जब खाना बन गया तो उन्होंने एक खाना अतिरिक्त लगाने को कहा। और कहा कि अपने बेटे को आवाज लगाओ जिस पर मां रोने लग गई कि अपने हाथों से में अपने बेटे को काटा है और उसके बाद शेर को खिला दिया अब किस के लिए आवाज लगाऊं। लेकिन जैसे ही आवाज लगाई तो बेटा भोजन लेने के आ गया। मौरध्वज ने भगवान से कहा कि उन्होंने मेरी ऐसी परीक्षा तो ले कर लेकिन भविष्य में किसी मां बाप के साथ ऐसी परीक्षा नहीं लेना। उसके बाद उन्होंने रूकमणी के विवाह का वृतांत सुनाई कि कैसे रूकमणी मंदिर जाने के बहाने घर से आई और शिशुपाल बारात लेकर आया हुआ और मंदिर से ही भगवान श्रीकृष्ण रुकमणी को लेकर चले गए। विवाह के दौरान बैंड बाजा बजाया गया। जिस पर लोग झूम गए। इस दौरान जगमोहन शास्त्री ने सावंरिया आजा समेत दर्जन भजन प्रस्तुत किए जिससे श्रोता झूम उठे। इससे पहले जगमोहन दत्त ने साध संगत से नशे-मांस से दूर रहने की शपथ दिलवाई व अनैतिक कार्यों को त्यागने का आहवान किया। इस मौके पर नप उपाध्यक्ष मान सिंह मैहता, कृष्ण कौशल, दिनेश काकू, गुरचरण सिंह, दीपू पंडित, हरनेक ठाकुर, बेअंत ठाकुर, जसविंद्र भारद्वाज, तरक्की लाल कौशल, मनोज कौशल, पृथ्वी लवली कौशल, अजय कौशल, ड़ॉ. दीवान, गोल्डी कौशल, पंकज कौशल, बिमल कुमार, रमन कौशल, शीला कौशल, महेश कुमार, दीना नाथ, सविता, वंदना, जगदीश मल्ली, डा श्रीकांत शर्मा, नीलम कौशल, प्रेम लता ठाकुर, कौशल्या देवी, शकुंतला देवी समेत गणमान्य लोग उपस्थित रहे। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
सोलन , 24 दिसंबर [ पंकज गोल्डी ] ! नगर परिषद बददी क्षेत्र में चल रही भागवत कथा के छठे दिन भागवन श्रीकृष्ण और रूकमणी का विवाह का कराया गया। इससे पहले कथा वाचक जगमोह शास्त्री ने राजा मौर ध्वज की कथा सुनाई जिसे सुन कर श्रोताओं आंखे नम हो गई। उन्होंने बताया कि मौरध्वज राजा एक बहुत ही दयालु और भगवान के भक्त थे।
भगवान उनकी परीक्षा लेने के लिए उसके महल में साधु का रूप धारण करके आए और भिक्षा में उसके बेटे को ही मांग लिया।साधु ने कहा उनके साथ एक शेर है जो मनुष्य का मांस खाता है। मौरध्वज इसके लिए तैयार हो गए। संत ने उनकी और कड़ी परिक्षा लेनी चाहिए और कहा कि स्वयं वह पति पत्नी इस बच्चे को अपने हाथों का आरी से काटेंगे और आधा भाग शेर और आधे को फैंक देंगे। लेकिन शर्त यह रहेगी की दोनों की आंख में आंसु नहीं आएगा।
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अगर आंसु आ गया तो वह शेर मांस नहीं खाएगा। उन्होंने वैसा ही किया। उसके बाद उन्होंने नहा धो कर खाना बनाने के कहा। और शर्त वहीं रखी कि खाना बनाते हुए वह एक क्षण भी अपने बेटे क ो यैद नहीं करेंगे। उन्होंने ऐसे ही किया जब खाना बन गया तो उन्होंने एक खाना अतिरिक्त लगाने को कहा। और कहा कि अपने बेटे को आवाज लगाओ जिस पर मां रोने लग गई कि अपने हाथों से में अपने बेटे को काटा है और उसके बाद शेर को खिला दिया अब किस के लिए आवाज लगाऊं।
लेकिन जैसे ही आवाज लगाई तो बेटा भोजन लेने के आ गया। मौरध्वज ने भगवान से कहा कि उन्होंने मेरी ऐसी परीक्षा तो ले कर लेकिन भविष्य में किसी मां बाप के साथ ऐसी परीक्षा नहीं लेना। उसके बाद उन्होंने रूकमणी के विवाह का वृतांत सुनाई कि कैसे रूकमणी मंदिर जाने के बहाने घर से आई और शिशुपाल बारात लेकर आया हुआ और मंदिर से ही भगवान श्रीकृष्ण रुकमणी को लेकर चले गए। विवाह के दौरान बैंड बाजा बजाया गया। जिस पर लोग झूम गए।
इस दौरान जगमोहन शास्त्री ने सावंरिया आजा समेत दर्जन भजन प्रस्तुत किए जिससे श्रोता झूम उठे। इससे पहले जगमोहन दत्त ने साध संगत से नशे-मांस से दूर रहने की शपथ दिलवाई व अनैतिक कार्यों को त्यागने का आहवान किया। इस मौके पर नप उपाध्यक्ष मान सिंह मैहता, कृष्ण कौशल, दिनेश काकू, गुरचरण सिंह, दीपू पंडित, हरनेक ठाकुर, बेअंत ठाकुर, जसविंद्र भारद्वाज, तरक्की लाल कौशल, मनोज कौशल, पृथ्वी लवली कौशल, अजय कौशल, ड़ॉ. दीवान, गोल्डी कौशल, पंकज कौशल, बिमल कुमार, रमन कौशल, शीला कौशल, महेश कुमार, दीना नाथ, सविता, वंदना, जगदीश मल्ली, डा श्रीकांत शर्मा, नीलम कौशल, प्रेम लता ठाकुर, कौशल्या देवी, शकुंतला देवी समेत गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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