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शिमला के जिम संचालकों ने आज व्यापार मंडल के माध्यम से प्रदेश सरकार के समक्ष अपनी समस्याओं को रखा। पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने अपनी समस्याओं को सांझा करते हुए कहा कि सरकार ने जब अनलॉक-1 शुरू होते ही अन्य आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों को खोलने का आदेश दे दिया है तो जिम सेंटर्स खोलने के आदेश सरकार क्यों नहीं दे रही है जबकि प्रदेश में कोरोना को लेकर स्तिथि नियंत्रण में है और अनलॉक-2 भी शुरू हो चुका है। इस संबंध में जिम संचालकों ने डीसी शिमला अमित कश्यप से भी मुलाकात की और उन्हें अपनी मांगों के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा। वहीं व्यापार मंडल ने संचालकों की मांगों का पूर्ण समर्थन किया है। व्यापार मंडल के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने कहा कि शहर में लगभग 50 जिम हैं और जिनमें से 70 %जिम रेंट पर आधारित है और आज कोरोना महामारी के चलते पिछले तीन महीने से जिम सेंटर बंद हैं। जहां सरकार ने सैलून, ब्यूटी पार्लर, ढाबे ,रेस्त्रां, लिफ्ट आदि खोल दिए हैं वहीं जिम सेंटर अभी तक बंद रखने के आदेश जारी है। सरकार ने संक्रमण की संभावना वाले सभी स्थान खोलने के आदेश जारी कर दिए हैं लेकिन जिम अभी तक बंद पड़े हैं जहां संक्रमण होने की संभावना न के बराबर हैं। उन्होंने कहा कि जिम में केवल स्वस्थ व्यक्ति ही आएगा और यहां योगा और अन्य प्रकार के स्वास्थ्य वर्धक व्यायाम कराए जाते हैं जिससे व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और वह अधिक स्वस्थ रहता है। उन्होंने कहा कि जिम संचालक सरकार की कोविड-19 की गाइडलाइंस के तहत जिम का संचालन करने को पूरी तरह से तैयार हैं। वहीं जिम संचालक कपिल शर्मा,अजय और अन्य जिम मालिकों ने भी पत्रकार वार्ता के जरिए अपनी समस्याओं को सरकार के समक्ष रखा। उन्होंने सरकार से जिम खोलने की अनुमति देने की मांग करते हुए कहा कि तीन महीने से जिम बंद होने से उनकी आर्थिक तंगी को झेलना पड़ रहा है। अधिकतर लोगों ने जिम रेंट पर लिए हुए हैं और अब उन्हें किराया देने की समस्या से जूझना पड़ रहा है साथ ही जिम में कई उपकरण ऐसे हैं जो लोन पर लिए गए हैं। उनकी भी 3-4 लाख की किश्त की अदायगी सर पर आ पड़ी है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा जिम में ट्रेनर के अलावा अन्य वर्कर भी हैं जिनकी तनख्वाह भी देने को है ,ऐसे में अगर जिम बंद रहते हैं तो संचालको को और अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार उनकी अवस्था पर विचार करे और अगर सेंटर खोलने की अनुमति नहीं देती है तो उनके लिए राहत राशि की व्यवस्था की जाए। जिम संचालकों ने कहा कि वे लोग जिम से होने वाली आय पर ही निर्भर है लेकिन जिम बंद होने से अब उनको आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। बच्चों की स्कूल फीस ,घर के किराए से लेकर अन्य दैनिक जरूरतों को पूरा करना अब उनके लिए दिन प्रति दिन मुश्किल होता जा रहा है। उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द उनकी स्तिथि पर विचार करते हुए जिम खोलने की अनुमति देने का निवेदन करते हुए कहा कि वे लोग जिम में कोरोना संक्रमण से बचाव की पूरी सावधानियों का पालन करेंगे।
शिमला के जिम संचालकों ने आज व्यापार मंडल के माध्यम से प्रदेश सरकार के समक्ष अपनी समस्याओं को रखा। पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने अपनी समस्याओं को सांझा करते हुए कहा कि सरकार ने जब अनलॉक-1 शुरू होते ही अन्य आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों को खोलने का आदेश दे दिया है तो जिम सेंटर्स खोलने के आदेश सरकार क्यों नहीं दे रही है जबकि प्रदेश में कोरोना को लेकर स्तिथि नियंत्रण में है और अनलॉक-2 भी शुरू हो चुका है। इस संबंध में जिम संचालकों ने डीसी शिमला अमित कश्यप से भी मुलाकात की और उन्हें अपनी मांगों के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा।
वहीं व्यापार मंडल ने संचालकों की मांगों का पूर्ण समर्थन किया है। व्यापार मंडल के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने कहा कि शहर में लगभग 50 जिम हैं और जिनमें से 70 %जिम रेंट पर आधारित है और आज कोरोना महामारी के चलते पिछले तीन महीने से जिम सेंटर बंद हैं। जहां सरकार ने सैलून, ब्यूटी पार्लर, ढाबे ,रेस्त्रां, लिफ्ट आदि खोल दिए हैं वहीं जिम सेंटर अभी तक बंद रखने के आदेश जारी है। सरकार ने संक्रमण की संभावना वाले सभी स्थान खोलने के आदेश जारी कर दिए हैं लेकिन जिम अभी तक बंद पड़े हैं जहां संक्रमण होने की संभावना न के बराबर हैं। उन्होंने कहा कि जिम में केवल स्वस्थ व्यक्ति ही आएगा और यहां योगा और अन्य प्रकार के स्वास्थ्य वर्धक व्यायाम कराए जाते हैं जिससे व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और वह अधिक स्वस्थ रहता है। उन्होंने कहा कि जिम संचालक सरकार की कोविड-19 की गाइडलाइंस के तहत जिम का संचालन करने को पूरी तरह से तैयार हैं।
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वहीं जिम संचालक कपिल शर्मा,अजय और अन्य जिम मालिकों ने भी पत्रकार वार्ता के जरिए अपनी समस्याओं को सरकार के समक्ष रखा। उन्होंने सरकार से जिम खोलने की अनुमति देने की मांग करते हुए कहा कि तीन महीने से जिम बंद होने से उनकी आर्थिक तंगी को झेलना पड़ रहा है। अधिकतर लोगों ने जिम रेंट पर लिए हुए हैं और अब उन्हें किराया देने की समस्या से जूझना पड़ रहा है साथ ही जिम में कई उपकरण ऐसे हैं जो लोन पर लिए गए हैं। उनकी भी 3-4 लाख की किश्त की अदायगी सर पर आ पड़ी है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा जिम में ट्रेनर के अलावा अन्य वर्कर भी हैं जिनकी तनख्वाह भी देने को है ,ऐसे में अगर जिम बंद रहते हैं तो संचालको को और अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार उनकी अवस्था पर विचार करे और अगर सेंटर खोलने की अनुमति नहीं देती है तो उनके लिए राहत राशि की व्यवस्था की जाए। जिम संचालकों ने कहा कि वे लोग जिम से होने वाली आय पर ही निर्भर है लेकिन जिम बंद होने से अब उनको आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। बच्चों की स्कूल फीस ,घर के किराए से लेकर अन्य दैनिक जरूरतों को पूरा करना अब उनके लिए दिन प्रति दिन मुश्किल होता जा रहा है। उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द उनकी स्तिथि पर विचार करते हुए जिम खोलने की अनुमति देने का निवेदन करते हुए कहा कि वे लोग जिम में कोरोना संक्रमण से बचाव की पूरी सावधानियों का पालन करेंगे।
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