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शिमला में पानी,कूड़े,बिजली व प्रॉपर्टी टैक्स के भारी भरकम बिलों के खिलाफ शिमला नागरिक सभा ने डीसी ऑफिस शिमला के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इसके बाद नागरिक सभा का एक प्रतिनिधिमंडल ने नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर इन सभी बिलों को माफ करने की मांग की। प्रदर्शन में विजेंद्र मेहरा,कपिल शर्मा,बलबीर पराशर,बाबू राम,चन्द्रकान्त वर्मा,बालक राम,विनोद बिरसांटा,हिमी देवी,अमित,दिनित,रमन,पवन,अनिल,रामप्रकाश,वीरेंद्र,सुरेंद्र बिट्टू,राकेश सल्लू,कपिल नेगी, विद्यादत्त, सुरेंद्र, कमलेश, डोला राम, रजनी, शारदा,रीना, वीना,माला,सुग्गा,जिना,रोमा,मीरा,बेबी व गीता आदि मौजूद रहे। नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व सचिव कपिल शर्मा ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने कोरोना काल में आर्थिक तौर पर बुरी तरह से प्रभावित हुई जनता को कोई भी आर्थिक सहायता नहीं दी है। प्रदेश में कोरोना के कारण सत्तर प्रतिशत लोग कोरोना के कारण पूर्ण अथवा आंशिक रूप से अपना रोज़गार गंवा चुके हैं। मुख्यमंत्री राहत कोष अथवा पीएम केयर फंड से जनता को कोई भी आर्थिक मदद नहीं मिली है। शिमला शहर में होटल व रेस्तरां उद्योग पूरी तरह ठप्प हो गया है। इसके कारण इस उद्योग में सीधे रूप से कार्यरत लगभग पांच हजार मजदूरों की नौकरी चली गयी है। पर्यटन का कार्य बिल्कुल खत्म हो गया है। इसके चलते शिमला शहर में हज़ारों टैक्सी चालकों,कुलियों,गाइडों,टूअर एंड ट्रैवल संचालकों आदि का रोज़गार खत्म हो गया है। इस से शिमला में कारोबार व व्यापार भी पूरी तरह खत्म हो गया है क्योंकि शिमला का लगभग चालीस प्रतिशत व्यापार पर्यटन से जुड़ा हुआ है व पर्यटन उद्योग पूरी तरह बर्बाद हो गया है। हज़ारों रेहड़ी फड़ी तहबाजारी व छोटे कारोबारी तबाह हो गए हैं। दुकानों में कार्यरत सैंकड़ों सेल्जमैन की नौकरी चली गयी है। विभिन्न निजी संस्थानों में कार्यरत मजदूरों व कर्मचारियों की छंटनी हो गयी है। निजी कार्य करने वाले निर्माण मजदूरों का काम पूरी तरह ठप्प हो गया है। ऐसी स्थिति में शहर की आधी से ज्यादा आबादी को दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने मांग की है कि कोरोना महामारी के कारण जनता के सत्तर प्रतिशत हिस्से के आय के साधन पूर्ण अथवा आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं। इसलिए पानी,कूड़े,बिजली व प्रोपर्टी टैक्स के बिलों को पूरी तरह माफ किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रोपर्टी टैक्स व अन्य बिलों को जमा करने की अवधि को बढ़ाया जाए। जो भी उपभोक्ता इन बिलों को तय समय अवधि में जमा न करवा पाए,उसे किसी भी तरह का फाइन न लगाया जाए अथवा उस से अंतिम तारीख के बाद का सरचार्ज न वसूला जाए। उन्होंने कहा कि पानी,कूड़े,बिजली व प्रोपर्टी टैक्स के जारी किए गए बिलों को रेशनेलाइज़ किया जाए।
शिमला में पानी,कूड़े,बिजली व प्रॉपर्टी टैक्स के भारी भरकम बिलों के खिलाफ शिमला नागरिक सभा ने डीसी ऑफिस शिमला के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इसके बाद नागरिक सभा का एक प्रतिनिधिमंडल ने नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर इन सभी बिलों को माफ करने की मांग की। प्रदर्शन में विजेंद्र मेहरा,कपिल शर्मा,बलबीर पराशर,बाबू राम,चन्द्रकान्त वर्मा,बालक राम,विनोद बिरसांटा,हिमी देवी,अमित,दिनित,रमन,पवन,अनिल,रामप्रकाश,वीरेंद्र,सुरेंद्र बिट्टू,राकेश सल्लू,कपिल नेगी, विद्यादत्त, सुरेंद्र, कमलेश, डोला राम, रजनी, शारदा,रीना, वीना,माला,सुग्गा,जिना,रोमा,मीरा,बेबी व गीता आदि मौजूद रहे।
नागरिक सभा अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व सचिव कपिल शर्मा ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने कोरोना काल में आर्थिक तौर पर बुरी तरह से प्रभावित हुई जनता को कोई भी आर्थिक सहायता नहीं दी है। प्रदेश में कोरोना के कारण सत्तर प्रतिशत लोग कोरोना के कारण पूर्ण अथवा आंशिक रूप से अपना रोज़गार गंवा चुके हैं। मुख्यमंत्री राहत कोष अथवा पीएम केयर फंड से जनता को कोई भी आर्थिक मदद नहीं मिली है। शिमला शहर में होटल व रेस्तरां उद्योग पूरी तरह ठप्प हो गया है। इसके कारण इस उद्योग में सीधे रूप से कार्यरत लगभग पांच हजार मजदूरों की नौकरी चली गयी है। पर्यटन का कार्य बिल्कुल खत्म हो गया है।
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इसके चलते शिमला शहर में हज़ारों टैक्सी चालकों,कुलियों,गाइडों,टूअर एंड ट्रैवल संचालकों आदि का रोज़गार खत्म हो गया है। इस से शिमला में कारोबार व व्यापार भी पूरी तरह खत्म हो गया है क्योंकि शिमला का लगभग चालीस प्रतिशत व्यापार पर्यटन से जुड़ा हुआ है व पर्यटन उद्योग पूरी तरह बर्बाद हो गया है। हज़ारों रेहड़ी फड़ी तहबाजारी व छोटे कारोबारी तबाह हो गए हैं। दुकानों में कार्यरत सैंकड़ों सेल्जमैन की नौकरी चली गयी है। विभिन्न निजी संस्थानों में कार्यरत मजदूरों व कर्मचारियों की छंटनी हो गयी है। निजी कार्य करने वाले निर्माण मजदूरों का काम पूरी तरह ठप्प हो गया है। ऐसी स्थिति में शहर की आधी से ज्यादा आबादी को दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो गया है।
उन्होंने मांग की है कि कोरोना महामारी के कारण जनता के सत्तर प्रतिशत हिस्से के आय के साधन पूर्ण अथवा आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं। इसलिए पानी,कूड़े,बिजली व प्रोपर्टी टैक्स के बिलों को पूरी तरह माफ किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रोपर्टी टैक्स व अन्य बिलों को जमा करने की अवधि को बढ़ाया जाए। जो भी उपभोक्ता इन बिलों को तय समय अवधि में जमा न करवा पाए,उसे किसी भी तरह का फाइन न लगाया जाए अथवा उस से अंतिम तारीख के बाद का सरचार्ज न वसूला जाए। उन्होंने कहा कि पानी,कूड़े,बिजली व प्रोपर्टी टैक्स के जारी किए गए बिलों को रेशनेलाइज़ किया जाए।
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