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चम्बा , 09 नवम्बर [ शिवानी ] ! आज राजकीय महाविद्यालय चम्बा में नॉक आउट फाइट क्लब दिल्ली संस्था के तत्वावधान में एन एस एस ईकाई के सहयोग स्वरूप महाविद्यालय की छात्राओं के लिए आत्म रक्षा, आत्म सुरक्षा, आत्मविश्वास, आत्मसम्मान जागरूकता संबंधित एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया । एन एस एस ईकाई के कार्यक्रमअधिकारी प्रोफेसर अविनाश ने बताया कि कार्यशाला के दौरान नॉकआउट फाइट क्लब दिल्ली के प्रशिक्षक श्री मनन ने सभी छात्राओं को महत्वपूर्ण जानकारी दी व प्रोगात्मक रूप से आत्मरक्षा के गुर सिखाए । श्री मनन ने छात्राओं को किसी विपत्ति के समय अपनी रखा, अपनी सुरक्षा, आत्मविश्वास को बढ़ाना, दिमागी तौर पर शांत रह कर मौके पर अपना व अपने साथियों की रक्षा करना इत्यादि समझाया । उन्होंने कहा कि आत्मरक्षा के तीन मुख्य लक्ष्य हैं: सबसे पहले विपत्ती को पहचाना, अपनी रौद्र भाषा का उपयोग करके विपत्ति से दूर भागना तथा अपने आप को मुसीबत से बचाना । उन्होंने कहा कि किसी भी मुसीबत में हमारा दिमाग ही हमारा सबसे बड़ा हथियार है । अगर हमारा दिमाग शांत होगा और हम अपने दिमाग को काबू में रख कर मौके पर कार्य करेंगे तो निसंदेह किसी भी मुसीबत से बच सकते हैं । उनके अनुसार अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए लक्ष्य को देखना, कभी भी हतोत्साहित नही होना और कभी भी हर न मानना अति आवश्यक है । उन्होंने आत्मरक्षा के विभिन्न प्रकारों को छात्राओं के साथ प्रयोगात्मक रूप से उपयोग करके विस्तार रूप से बताया । इस कार्यशाला के दौरान डॉक्टर पूनम, प्रॉफेसर सुमित, प्रोफेसर शिवानी, प्रोफेसर पूर्णिमा, प्रोफेसर निशा विद्यार्थियों में रंजना, अर्पिता, पल्लवी, साक्षी, स्माइल, निशा, दीक्षा, भारती, ललिता, रोहिणी, काजल, सीमा, सोनिका, तमन्ना, प्रकृति, मोनिका, काजल, कनिका, रिधिमा, गीतिका, उपस्थित रहे । https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
चम्बा , 09 नवम्बर [ शिवानी ] ! आज राजकीय महाविद्यालय चम्बा में नॉक आउट फाइट क्लब दिल्ली संस्था के तत्वावधान में एन एस एस ईकाई के सहयोग स्वरूप महाविद्यालय की छात्राओं के लिए आत्म रक्षा, आत्म सुरक्षा, आत्मविश्वास, आत्मसम्मान जागरूकता संबंधित एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया ।
एन एस एस ईकाई के कार्यक्रमअधिकारी प्रोफेसर अविनाश ने बताया कि कार्यशाला के दौरान नॉकआउट फाइट क्लब दिल्ली के प्रशिक्षक श्री मनन ने सभी छात्राओं को महत्वपूर्ण जानकारी दी व प्रोगात्मक रूप से आत्मरक्षा के गुर सिखाए । श्री मनन ने छात्राओं को किसी विपत्ति के समय अपनी रखा, अपनी सुरक्षा, आत्मविश्वास को बढ़ाना, दिमागी तौर पर शांत रह कर मौके पर अपना व अपने साथियों की रक्षा करना इत्यादि समझाया ।
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उन्होंने कहा कि आत्मरक्षा के तीन मुख्य लक्ष्य हैं: सबसे पहले विपत्ती को पहचाना, अपनी रौद्र भाषा का उपयोग करके विपत्ति से दूर भागना तथा अपने आप को मुसीबत से बचाना । उन्होंने कहा कि किसी भी मुसीबत में हमारा दिमाग ही हमारा सबसे बड़ा हथियार है । अगर हमारा दिमाग शांत होगा और हम अपने दिमाग को काबू में रख कर मौके पर कार्य करेंगे तो निसंदेह किसी भी मुसीबत से बच सकते हैं ।
उनके अनुसार अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए लक्ष्य को देखना, कभी भी हतोत्साहित नही होना और कभी भी हर न मानना अति आवश्यक है । उन्होंने आत्मरक्षा के विभिन्न प्रकारों को छात्राओं के साथ प्रयोगात्मक रूप से उपयोग करके विस्तार रूप से बताया ।
इस कार्यशाला के दौरान डॉक्टर पूनम, प्रॉफेसर सुमित, प्रोफेसर शिवानी, प्रोफेसर पूर्णिमा, प्रोफेसर निशा विद्यार्थियों में रंजना, अर्पिता, पल्लवी, साक्षी, स्माइल, निशा, दीक्षा, भारती, ललिता, रोहिणी, काजल, सीमा, सोनिका, तमन्ना, प्रकृति, मोनिका, काजल, कनिका, रिधिमा, गीतिका, उपस्थित रहे ।
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