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शिमला ! कांग्रेस महासचिव रजनीश किमटा ने प्रदेश में दिनों दिन बढ़ते कोरोना के मामलों पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा है कि यह कहीं न कहीं सरकार की इस माहमारी के प्रति लापरवाही नज़र आ रही है।उन्होंने कहा है कि प्रदेश के मुख्य प्रवेश द्वार पर यहां आने जाने वालो की सही ढंग से स्वास्थ्य जांच न होना इसका मुख्य कारण माना जा सकता है जो अब यहां अपने तेजी से पैर पसार रहा है। किमटा ने आज यहां कहा कि जब से प्रदेशवासियों को अपने घर आने की अनुमति सरकार ने दी है,तभी से इसका आंकड़ा दिनों दिन तेजी से बढ़ रहा है।उनका कहना है कि प्रदेश के हर रोज कमर्शियल वाहन एक राज्य से दूसरे राज्यों में आ जा रहें है।ऐसे में इनके चालकों और परिचालकों की भी किसी भी प्रकार के कोई भी सेंपल या टेस्ट नही लिए जा रहें है जो चिन्ता का विषय है।उनका कहना है कि कोरोना की रोकथाम के लिए को लेकर सरकार के सब उपाये राम भरोसे ही चल रहें है।न तो डॉक्टरों के पास पर्याप्त पीपीई किट्स ही है और न ही पर्याप्त कोई सुरक्षा व्यवस्था।उन्होंने कहा है कि प्रदेश के सभी प्रवेश द्वारों पर इस समय सभी लोगों की ब्लड सेम्पलिंग और यात्रा हिस्ट्री को नोट किये जाने की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस मामलें में किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही सहन नही की जानी चाहिए। किमटा ने मुख्यमंत्री के उस बयान पर भी आपत्ति जताई है जिससे उन्होंने प्रदेश कोरोना डेस्टिनेशन बनाने की बात कही थी।उनका कहना है कि इस प्रकार का कोई भी निर्णय प्रदेशहीत में नही होगा।इससे प्रदेश को इस माहमारी का प्रकोप से नही बचाया जा सकेगा। रजनीश किमटा ने कहा है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सरकारी व्यवस्था के आगे बेबस से नज़र आ रहें है।देश प्रदेश में इस माहमारी के चलते जब स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख ही इसके उपकरणों की आपूर्ति के लिए सीधे घूस खा रहा हो तो ऐसे में मुख्यमंत्री भी अपनी किसी जबाबदेही और जिम्मेदारी से नही बच सकतें।उनका कहना है कि इस पूरे मामलें की निष्पक्ष जांच जल्द की जानी चाहिए।आरोपी को किस राजनेता का सरक्षंण प्राप्त है उसे भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
शिमला ! कांग्रेस महासचिव रजनीश किमटा ने प्रदेश में दिनों दिन बढ़ते कोरोना के मामलों पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा है कि यह कहीं न कहीं सरकार की इस माहमारी के प्रति लापरवाही नज़र आ रही है।उन्होंने कहा है कि प्रदेश के मुख्य प्रवेश द्वार पर यहां आने जाने वालो की सही ढंग से स्वास्थ्य जांच न होना इसका मुख्य कारण माना जा सकता है जो अब यहां अपने तेजी से पैर पसार रहा है।
किमटा ने आज यहां कहा कि जब से प्रदेशवासियों को अपने घर आने की अनुमति सरकार ने दी है,तभी से इसका आंकड़ा दिनों दिन तेजी से बढ़ रहा है।उनका कहना है कि प्रदेश के हर रोज कमर्शियल वाहन एक राज्य से दूसरे राज्यों में आ जा रहें है।ऐसे में इनके चालकों और परिचालकों की भी किसी भी प्रकार के कोई भी सेंपल या टेस्ट नही लिए जा रहें है जो चिन्ता का विषय है।उनका कहना है कि कोरोना की रोकथाम के लिए को लेकर सरकार के सब उपाये राम भरोसे ही चल रहें है।न तो डॉक्टरों के पास पर्याप्त पीपीई किट्स ही है और न ही पर्याप्त कोई सुरक्षा व्यवस्था।उन्होंने कहा है कि प्रदेश के सभी प्रवेश द्वारों पर इस समय सभी लोगों की ब्लड सेम्पलिंग और यात्रा हिस्ट्री को नोट किये जाने की बहुत आवश्यकता है।
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उन्होंने कहा कि इस मामलें में किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही सहन नही की जानी चाहिए। किमटा ने मुख्यमंत्री के उस बयान पर भी आपत्ति जताई है जिससे उन्होंने प्रदेश कोरोना डेस्टिनेशन बनाने की बात कही थी।उनका कहना है कि इस प्रकार का कोई भी निर्णय प्रदेशहीत में नही होगा।इससे प्रदेश को इस माहमारी का प्रकोप से नही बचाया जा सकेगा।
रजनीश किमटा ने कहा है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सरकारी व्यवस्था के आगे बेबस से नज़र आ रहें है।देश प्रदेश में इस माहमारी के चलते जब स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख ही इसके उपकरणों की आपूर्ति के लिए सीधे घूस खा रहा हो तो ऐसे में मुख्यमंत्री भी अपनी किसी जबाबदेही और जिम्मेदारी से नही बच सकतें।उनका कहना है कि इस पूरे मामलें की निष्पक्ष जांच जल्द की जानी चाहिए।आरोपी को किस राजनेता का सरक्षंण प्राप्त है उसे भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
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