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सुन्नी ! शिमला के अंतर्गत गाँव रेवग में जारी पेयजल संकट से नई महामारी की परिस्थितियाँ बन रही हैं। दिनों दिन गहरा रहे पानी के इस संकट बारे मुख्यमंत्री से गुहार लगाने के बावजूद समस्या यथावत है। वैश्विक महामारी के दौर में लाक डाउन के चलते अपने घरों में बंद लोगों के लिए यह स्थिति किसी कालापानी की स्थिति से किसी मायने कम नहीं है। हिमाराल ने कहा कि इस समस्या को लेकर सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कई बार्व दूरभाष के माध्यम से संपर्क कर सूचित किया गया है। लेकिन सुस्त रवैये के चलते विभाग के कानों पर जून तक नहीं रेंगी। परिणामस्वरूप लोग प्यासे बिलख रहें हैं। हिमाराल ने कहा कि क्षेत्र में पेयजल योजना के दोनों पम्प खराब पड़ें हैं। जिन्हें ठीक करवाए जाने बारे कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग के तहत पम्प ठीक करवाए जाने के लिए धन राशी का खर्च दिखाया जा रहा है जो सरेआम हास्यास्पद और घोटाला प्रतीत हो रहा है। गौरतलब है कि ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की हिमरी पंचायत के कई गांवों में इन दिनों प्राकृतिक जल स्रोत सूखने से पेयजल का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। पेयजल आपूर्ति भी पिछले पाँच दिनों से ठप पड़ी है पर कोई सुनने वाला नही। कांग्रेस अध्यक्ष के राजनैतिक सचिव हरि कृष्ण हिमराल ने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक पत्र लिखकर रोग गांव में पेयजल संकट के निदान बारे एक पत्र लिखा था। आलम यह है कि यहां पशुओं को भी पीने के लिए पानी नही मिल रहा है। उन्होंने इसपर अपनी गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा है कि कही पशु प्यासे ही न मरने लगें। बहरहाल, हिमराल ने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि जल्द ही पेयजलापूर्ति को सुधारा जाए। उन्होंने अपनी मांग को दोहराते हुए कहा है कि जब तक इसमे सुधार नही होता तब तक रोज टेंकरो से पेयजल आपूर्ति की जाए।
सुन्नी ! शिमला के अंतर्गत गाँव रेवग में जारी पेयजल संकट से नई महामारी की परिस्थितियाँ बन रही हैं। दिनों दिन गहरा रहे पानी के इस संकट बारे मुख्यमंत्री से गुहार लगाने के बावजूद समस्या यथावत है। वैश्विक महामारी के दौर में लाक डाउन के चलते अपने घरों में बंद लोगों के लिए यह स्थिति किसी कालापानी की स्थिति से किसी मायने कम नहीं है। हिमाराल ने कहा कि इस समस्या को लेकर सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कई बार्व दूरभाष के माध्यम से संपर्क कर सूचित किया गया है। लेकिन सुस्त रवैये के चलते विभाग के कानों पर जून तक नहीं रेंगी। परिणामस्वरूप लोग प्यासे बिलख रहें हैं।
हिमाराल ने कहा कि क्षेत्र में पेयजल योजना के दोनों पम्प खराब पड़ें हैं। जिन्हें ठीक करवाए जाने बारे कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग के तहत पम्प ठीक करवाए जाने के लिए धन राशी का खर्च दिखाया जा रहा है जो सरेआम हास्यास्पद और घोटाला प्रतीत हो रहा है।
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गौरतलब है कि ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की हिमरी पंचायत के कई गांवों में इन दिनों प्राकृतिक जल स्रोत सूखने से पेयजल का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। पेयजल आपूर्ति भी पिछले पाँच दिनों से ठप पड़ी है पर कोई सुनने वाला नही।
कांग्रेस अध्यक्ष के राजनैतिक सचिव हरि कृष्ण हिमराल ने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक पत्र लिखकर रोग गांव में पेयजल संकट के निदान बारे एक पत्र लिखा था। आलम यह है कि यहां पशुओं को भी पीने के लिए पानी नही मिल रहा है। उन्होंने इसपर अपनी गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा है कि कही पशु प्यासे ही न मरने लगें।
बहरहाल, हिमराल ने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि जल्द ही पेयजलापूर्ति को सुधारा जाए। उन्होंने अपनी मांग को दोहराते हुए कहा है कि जब तक इसमे सुधार नही होता तब तक रोज टेंकरो से पेयजल आपूर्ति की जाए।
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