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चंबा ! उपायुक्त विवेक भाटिया ने कहा कि महिलाओं के लिए पहली प्राथमिकता स्वास्थ्य और शिक्षा रहनी चाहिए। हमारे देश की महिला शक्ति यदि स्वस्थ और शिक्षित होगी तो समाज अपने आप सुदृढ़ और सुसंस्कृत बनेगा। उपायुक्त ने यह बात आज चंबा में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आयोजित समारोह के समापन पर अपने संबोधन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में अपना व्यवसाय चुन सकती हैं। हमारे सामने आज का अनगिनत ऐसे उदाहरण हैं जो यह साबित करते हैं कि महिलाएं हरेक क्षेत्र में अपना बेहतरीन प्रदर्शन दे रही हैं। महिलाओं और बच्चों के पोषण पर जोर देते हुए उपायुक्त ने कहा कि सरकार द्वारा कार्यान्वित स्कीमों के तहत महिलाओं और बच्चों के पोषण की दिशा में उठाए जा रहे कदमों के अलावा जिला प्रशासन ने यह फैसला लिया है कि चंबा जिला में महिलाओं और बच्चों के पोषण को लेकर अतिरिक्त पोषण किटें भी वितरित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि बालिकाओं के प्रति परिवार और समाज में जनचेतना जागृत करने में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपनी अहम भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 1961 के बाद होने वाली जनगणना के आंकड़ों में यह बात सामने आई है कि शिशु लिंगानुपात में बालिकाओं की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है जो सोच का विषय है और हम सबको ना केवल इस पर चिंतन करना चाहिए बल्कि सामाजिक सोच के बदलाव को लेकर भी उदाहरण स्थापित करने होंगे। उन्होंने कहा कि हालांकि प्रदेश के कई जिलों में संतोषजनक स्तिथि भी मौजूद है। विवेक भाटिया ने अपने संबोधन में श्री गुरु नानक देव जी के उपदेशों का उद्धरण करते हुए कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने यह कहा था कि हम कैसे किसी महिला को बुरा कह सकते हैं क्योंकि महिला ही अनेकों महापुरुषों की जननी रही है। महिला के अस्तित्व की बात करते हुए उपायुक्त ने कहा कि बिना महिला शक्ति के इस दुनिया की कल्पना ही असंभव है। उपायुक्त ने पुरुष समाज का भी आह्वान किया कि पुरुष परिवार में महिलाओं के सम्मान, स्वास्थ्य, शिक्षा और सशक्तिकरण को लेकर सकारात्मक सोच अपनाएं।
चंबा ! उपायुक्त विवेक भाटिया ने कहा कि महिलाओं के लिए पहली प्राथमिकता स्वास्थ्य और शिक्षा रहनी चाहिए। हमारे देश की महिला शक्ति यदि स्वस्थ और शिक्षित होगी तो समाज अपने आप सुदृढ़ और सुसंस्कृत बनेगा। उपायुक्त ने यह बात आज चंबा में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आयोजित समारोह के समापन पर अपने संबोधन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में अपना व्यवसाय चुन सकती हैं। हमारे सामने आज का अनगिनत ऐसे उदाहरण हैं जो यह साबित करते हैं कि महिलाएं हरेक क्षेत्र में अपना बेहतरीन प्रदर्शन दे रही हैं। महिलाओं और बच्चों के पोषण पर जोर देते हुए उपायुक्त ने कहा कि सरकार द्वारा कार्यान्वित स्कीमों के तहत महिलाओं और बच्चों के पोषण की दिशा में उठाए जा रहे कदमों के अलावा जिला प्रशासन ने यह फैसला लिया है कि चंबा जिला में महिलाओं और बच्चों के पोषण को लेकर अतिरिक्त पोषण किटें भी वितरित की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि बालिकाओं के प्रति परिवार और समाज में जनचेतना जागृत करने में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपनी अहम भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 1961 के बाद होने वाली जनगणना के आंकड़ों में यह बात सामने आई है कि शिशु लिंगानुपात में बालिकाओं की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है जो सोच का विषय है और हम सबको ना केवल इस पर चिंतन करना चाहिए बल्कि सामाजिक सोच के बदलाव को लेकर भी उदाहरण स्थापित करने होंगे। उन्होंने कहा कि हालांकि प्रदेश के कई जिलों में संतोषजनक स्तिथि भी मौजूद है। विवेक भाटिया ने अपने संबोधन में श्री गुरु नानक देव जी के उपदेशों का उद्धरण करते हुए कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने यह कहा था कि हम कैसे किसी महिला को बुरा कह सकते हैं क्योंकि महिला ही अनेकों महापुरुषों की जननी रही है। महिला के अस्तित्व की बात करते हुए उपायुक्त ने कहा कि बिना महिला शक्ति के इस दुनिया की कल्पना ही असंभव है। उपायुक्त ने पुरुष समाज का भी आह्वान किया कि पुरुष परिवार में महिलाओं के सम्मान, स्वास्थ्य, शिक्षा और सशक्तिकरण को लेकर सकारात्मक सोच अपनाएं।
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