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धर्मशाला ! कोरोना वायरस से बचाव को लेकर जिला कांगड़ा में मेलों, त्यौहारों, टूर्नामेंट्स, रैलियों इत्यादि के आयोजनों पर रोक लगा दी गई है। इस बाबत जिला दंडाधिकारी कांगड़ा राकेश प्रजापति की ओर से आदेश पारित किए गए हैं। इसके साथ ही लोगों को भीड़ वाले सार्वजनिक तथा धार्मिक कार्यक्रमों में भी जाने से गुरेज करने की हिदायतें दी हैं। उल्लेखनीय है कि शिक्षण संस्थानों में पहले से ही 31 मार्च तक बंद रहने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। उपायुक्त राकेश प्रजापति ने कहा कि राज्य तथा पड़ोसी क्षेत्रों में कोरोना वायरस के संदिग्ध मामले उजागर होने के पश्चात कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा आवश्यक आदेश तथा हिदायतें दी गई हैं। जिसकी गंभीरता को देखते हुए कांगड़ा जिला में कोरोना वायरस से बचाव के लिए कोरोना वायरस के संदिग्ध तथा उनके संपर्क में आए लोगों पर धारा-144 लागू करने के आदेश दिए गए हैं। इसके तहत कोरोना वायरस के संदिग्ध व्यक्तियों तथा उनके संपर्क में आए व्यक्तियों को स्वयं स्वास्थ्य केंद्रों या निशुल्क टोल फ्री नंबर 104 पर जानकारी देनी होगी तथा आइसोलेशन में रहना जरूरी होगा। अब कोरोना वायरस के संदिग्ध व्यक्तियों तथा उनके संपर्क में आए व्यक्तियों की स्वयं की जिम्मेवारी होगी कि वे स्वास्थ्य विभाग या टोल फ्री पर सूचना दें तथा समाज में आइसोलेशन में रहें। उन्होंने बताया कि कोरोना के संदिग्ध व्यक्ति या उसके संपर्क में आए किसी भी व्यक्ति को स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार जांच करवाना कानूनी तौर पर जरूरी होगा इसके साथ ही ऐसे व्यक्तियों को आईसोलेशन में रहना भी जरूरी होगा अगर ऐसे व्यक्ति स्वास्थ्य जांच या आईसोलेशन में रहने से इनकार करते हैं तो उनके खिलाफ आईपीसी की धारा-270 के तहत दो साल की सजा तथा जुर्माने का प्रावधान है इसी तरह से संस्थानों, होटलों, होम स्टे इत्यादि में भी कोई कोरोना का संदिग्ध मामला उजागर होता है तो ऐसे सभी संस्थानों को भी स्वास्थ्य विभाग के नियमानुसार स्वास्थ्य जांच प्रक्रिया में शामिल होना जरूरी है तथा जरूरत पड़ने पर ऐसे संस्थानों को बंद करने का प्रावधान भी किया गया है। ऐसे मामलों में अतिरिक्त उपायुक्त, एसीटूडीसी, डीआरओ, सभी उपमंडलाधिकारी, कार्यकारी दंडाधिकारी, मेडिकल सुपरिटेंडट, परियोजना अधिकारी डीआरडीए, जिला पंचायत अधिकारी, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी, उपमंडल आयुर्वेदिक अधिकारी, खंड चिकित्सा अधिकारियों को आदेश करने के लिए प्राधिकृत किया गया है। उपायुक्त ने कहा कि कोरोना वायरस से डरने की आवश्यकता नहीं है तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हिदायतों की अनुपालना करने से कोरोना से बचाव संभव है।
धर्मशाला ! कोरोना वायरस से बचाव को लेकर जिला कांगड़ा में मेलों, त्यौहारों, टूर्नामेंट्स, रैलियों इत्यादि के आयोजनों पर रोक लगा दी गई है। इस बाबत जिला दंडाधिकारी कांगड़ा राकेश प्रजापति की ओर से आदेश पारित किए गए हैं। इसके साथ ही लोगों को भीड़ वाले सार्वजनिक तथा धार्मिक कार्यक्रमों में भी जाने से गुरेज करने की हिदायतें दी हैं। उल्लेखनीय है कि शिक्षण संस्थानों में पहले से ही 31 मार्च तक बंद रहने के आदेश जारी किए जा चुके हैं।
उपायुक्त राकेश प्रजापति ने कहा कि राज्य तथा पड़ोसी क्षेत्रों में कोरोना वायरस के संदिग्ध मामले उजागर होने के पश्चात कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा आवश्यक आदेश तथा हिदायतें दी गई हैं। जिसकी गंभीरता को देखते हुए कांगड़ा जिला में कोरोना वायरस से बचाव के लिए कोरोना वायरस के संदिग्ध तथा उनके संपर्क में आए लोगों पर धारा-144 लागू करने के आदेश दिए गए हैं। इसके तहत कोरोना वायरस के संदिग्ध व्यक्तियों तथा उनके संपर्क में आए व्यक्तियों को स्वयं स्वास्थ्य केंद्रों या निशुल्क टोल फ्री नंबर 104 पर जानकारी देनी होगी तथा आइसोलेशन में रहना जरूरी होगा। अब कोरोना वायरस के संदिग्ध व्यक्तियों तथा उनके संपर्क में आए व्यक्तियों की स्वयं की जिम्मेवारी होगी कि वे स्वास्थ्य विभाग या टोल फ्री पर सूचना दें तथा समाज में आइसोलेशन में रहें।
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उन्होंने बताया कि कोरोना के संदिग्ध व्यक्ति या उसके संपर्क में आए किसी भी व्यक्ति को स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार जांच करवाना कानूनी तौर पर जरूरी होगा इसके साथ ही ऐसे व्यक्तियों को आईसोलेशन में रहना भी जरूरी होगा अगर ऐसे व्यक्ति स्वास्थ्य जांच या आईसोलेशन में रहने से इनकार करते हैं तो उनके खिलाफ आईपीसी की धारा-270 के तहत दो साल की सजा तथा जुर्माने का प्रावधान है इसी तरह से संस्थानों, होटलों, होम स्टे इत्यादि में भी कोई कोरोना का संदिग्ध मामला उजागर होता है तो ऐसे सभी संस्थानों को भी स्वास्थ्य विभाग के नियमानुसार स्वास्थ्य जांच प्रक्रिया में शामिल होना जरूरी है तथा जरूरत पड़ने पर ऐसे संस्थानों को बंद करने का प्रावधान भी किया गया है। ऐसे मामलों में अतिरिक्त उपायुक्त, एसीटूडीसी, डीआरओ, सभी उपमंडलाधिकारी, कार्यकारी दंडाधिकारी, मेडिकल सुपरिटेंडट, परियोजना अधिकारी डीआरडीए, जिला पंचायत अधिकारी, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी, उपमंडल आयुर्वेदिक अधिकारी, खंड चिकित्सा अधिकारियों को आदेश करने के लिए प्राधिकृत किया गया है।
उपायुक्त ने कहा कि कोरोना वायरस से डरने की आवश्यकता नहीं है तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हिदायतों की अनुपालना करने से कोरोना से बचाव संभव है।
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