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करसोग ! छतरी मानगढ़ के आराध्य देव नाग पचलांदू अपने ऐतिहासिक 10 दिवसीय करसोग दौरे पर निकलेंगे देवता मण्डी छतरी के पनाहर गांव से सोने के सुनेहरे रथ पर सवार होकर अपने कार करिन्दों के साथ 22 मार्च को करसोग के लिए प्रस्थान करेंगे तथा,23 मार्च को कामाक्षा काओ पहुंचेंगे इसमें वो पहली बार नाग कजौणी व ममलेश्वर महादेव और कामाक्षा भगवती काओ के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों का दौरा भी करेंगे।देवता के मुख्य कारदार सुरत राम का कहना है कि सबसे पहले नाग देवता अपनी जाई(कन्या) निलम शर्मा के घर में अतिथि स्वरूप दर्शन देंगे तत पश्चात ममेल में अपने वसणू तनुज शर्मा के घर में पधारेंगे इस बिच कामाक्षा भगवती और ममलेश्वर महादेव मंदिर में दिव्य देव मिलन का भी कार्यक्रम रहेगा।देवता के मुख्य पुजारी कुन्दन लाल शर्मा जी का कहना है कि अपने प्राकट्य के पश्चात् देवता का ममेल का यह पहला दौरा है जबकि देवता का प्राकट्य के साक्ष्य ममेल व चपलांदी में प्राप्त होते है। जिसका प्रमाण देवता की गुर वाणी में भी सुनने को मिलता है। कुन्दन लाल जी का कहना है कि पुरे भारत वर्ष से लोग देवता के मंदिर में दर्शन करने आते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने पर देवता का धन्यवाद करते हैं। नाग देवता के इतिहास के अनुसार देवता धन दौलत, पत्नी ,पुत्र ,प्राप्ती का योग बनाते है। जिसके लिए इन्हें सम्पूर्ण भारत में जाना जाता है। प्राचीन काल में भी मंडी के राजा की मनोकामना पूर्ण होने पर नाग देवता को लगभग 400 विघा जमीन भेंट स्वरूप प्रदान की थी ।
करसोग ! छतरी मानगढ़ के आराध्य देव नाग पचलांदू अपने ऐतिहासिक 10 दिवसीय करसोग दौरे पर निकलेंगे देवता मण्डी छतरी के पनाहर गांव से सोने के सुनेहरे रथ पर सवार होकर अपने कार करिन्दों के साथ 22 मार्च को करसोग के लिए प्रस्थान करेंगे तथा,23 मार्च को कामाक्षा काओ पहुंचेंगे इसमें वो पहली बार नाग कजौणी व ममलेश्वर महादेव और कामाक्षा भगवती काओ के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों का दौरा भी करेंगे।देवता के मुख्य कारदार सुरत राम का कहना है कि सबसे पहले नाग देवता अपनी जाई(कन्या) निलम शर्मा के घर में अतिथि स्वरूप दर्शन देंगे तत पश्चात ममेल में अपने वसणू तनुज शर्मा के घर में पधारेंगे इस बिच कामाक्षा भगवती और ममलेश्वर महादेव मंदिर में दिव्य देव मिलन का भी कार्यक्रम रहेगा।देवता के मुख्य पुजारी कुन्दन लाल शर्मा जी का कहना है कि अपने प्राकट्य के पश्चात् देवता का ममेल का यह पहला दौरा है जबकि देवता का प्राकट्य के साक्ष्य ममेल व चपलांदी में प्राप्त होते है। जिसका प्रमाण देवता की गुर वाणी में भी सुनने को मिलता है। कुन्दन लाल जी का कहना है कि पुरे भारत वर्ष से लोग देवता के मंदिर में दर्शन करने आते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने पर देवता का धन्यवाद करते हैं।
नाग देवता के इतिहास के अनुसार देवता धन दौलत, पत्नी ,पुत्र ,प्राप्ती का योग बनाते है। जिसके लिए इन्हें सम्पूर्ण भारत में जाना जाता है। प्राचीन काल में भी मंडी के राजा की मनोकामना पूर्ण होने पर नाग देवता को लगभग 400 विघा जमीन भेंट स्वरूप प्रदान की थी ।
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