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बिलासपुर ! प्रदेश सरकार में नगर नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यवसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने सोमवार को कोर्ट परिसर घुमारवीं में बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एल.आर. नड्डा की अध्यक्षता में अधिवक्ताओं की विभिन्न समस्याएं सुनीं और मौके पर ही अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।बार एसोसिएशन द्वारा मंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में कुल चार प्रमुख मांगों को उठाया गया, जिनमें बार परिसर में महिला अधिवक्ताओं के लिए शौचालय की सुविधा की अनुपलब्धता, बार रूम और कोर्ट कैंटीन की जर्जर स्थिति, पुस्तकालय एवं ई-लाइब्रेरी हेतु आधारभूत ढांचे की आवश्यकता, तथा राजस्व न्यायालय परिसर स्थित बार रूम की मरम्मत का मुद्दा शामिल था। मंत्री धर्माणी ने सभी मांगों को गंभीरता से लेते हुए पीडब्ल्यूडी के एसडीओ को निर्देश दिए कि सभी सुविधाओं हेतु संशोधित एस्टीमेट शीघ्र तैयार कर फंडिंग प्रक्रिया आरंभ की जाए।चौथी समस्या के रूप में चालानों को वर्चुअल कोर्ट भेजे जाने की नई व्यवस्था से उत्पन्न असुविधा को अधिवक्ताओं द्वारा उठाया गया। बताया गया कि पहले चालान की जानकारी संबंधित मोबाइल पर प्राप्त होती थी, लेकिन अब यह सुविधा बंद हो चुकी है जिससे आमजन को कोर्ट में भटकना पड़ रहा है। इस पर मंत्री धर्माणी ने मामले को राज्य स्तर पर उच्चाधिकारियों के समक्ष रखने का आश्वासन दिया।कार्यक्रम के उपरांत मंत्री धर्माणी ने कोर्ट परिसर का स्थलीय निरीक्षण करते हुए पार्किंग, कैंटीन, पुस्तकालय तथा अन्य अवसंरचनात्मक सुविधाओं की स्थिति का जायजा लिया और सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि आवश्यक मरम्मत कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र पूर्ण किया जाए।मंत्री ने कहा कि अधिवक्ताओं के लिए बेहतर कार्य वातावरण उपलब्ध करवाना सरकार की प्राथमिकता है और बार एसोसिएशन द्वारा उठाए गए सभी बिंदुओं पर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
बिलासपुर ! प्रदेश सरकार में नगर नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यवसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने सोमवार को कोर्ट परिसर घुमारवीं में बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एल.आर. नड्डा की अध्यक्षता में अधिवक्ताओं की विभिन्न समस्याएं सुनीं और मौके पर ही अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।
बार एसोसिएशन द्वारा मंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में कुल चार प्रमुख मांगों को उठाया गया, जिनमें बार परिसर में महिला अधिवक्ताओं के लिए शौचालय की सुविधा की अनुपलब्धता, बार रूम और कोर्ट कैंटीन की जर्जर स्थिति, पुस्तकालय एवं ई-लाइब्रेरी हेतु आधारभूत ढांचे की आवश्यकता, तथा राजस्व न्यायालय परिसर स्थित बार रूम की मरम्मत का मुद्दा शामिल था। मंत्री धर्माणी ने सभी मांगों को गंभीरता से लेते हुए पीडब्ल्यूडी के एसडीओ को निर्देश दिए कि सभी सुविधाओं हेतु संशोधित एस्टीमेट शीघ्र तैयार कर फंडिंग प्रक्रिया आरंभ की जाए।
चौथी समस्या के रूप में चालानों को वर्चुअल कोर्ट भेजे जाने की नई व्यवस्था से उत्पन्न असुविधा को अधिवक्ताओं द्वारा उठाया गया। बताया गया कि पहले चालान की जानकारी संबंधित मोबाइल पर प्राप्त होती थी, लेकिन अब यह सुविधा बंद हो चुकी है जिससे आमजन को कोर्ट में भटकना पड़ रहा है। इस पर मंत्री धर्माणी ने मामले को राज्य स्तर पर उच्चाधिकारियों के समक्ष रखने का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम के उपरांत मंत्री धर्माणी ने कोर्ट परिसर का स्थलीय निरीक्षण करते हुए पार्किंग, कैंटीन, पुस्तकालय तथा अन्य अवसंरचनात्मक सुविधाओं की स्थिति का जायजा लिया और सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि आवश्यक मरम्मत कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र पूर्ण किया जाए।
मंत्री ने कहा कि अधिवक्ताओं के लिए बेहतर कार्य वातावरण उपलब्ध करवाना सरकार की प्राथमिकता है और बार एसोसिएशन द्वारा उठाए गए सभी बिंदुओं पर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
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