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शिमला , 22 मई [ विशाल सूद ] ! अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश की प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने बयान जारी करते हुए कहां कि बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर श्री विमल नेगी जी की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मृत्यु ने प्रदेशभर में चिंता और आक्रोश का माहौल उत्पन्न कर दिया है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने संवेदनशील और उच्चस्तरीय पद पर कार्यरत अधिकारी की मौत के पीछे लगातार नए और चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं, किंतु अब तक कोई स्पष्ट निष्कर्ष सामने नहीं आया है। दिनांक 15 मार्च को प्रदेश के डीजीपी द्वारा प्रथम एसआईटी का गठन किया गया था। इसके कुछ ही दिनों बाद, 18 मार्च को बिलासपुर में तैनात एएसआई द्वारा एक महत्वपूर्ण पेन ड्राइव को छुपाए जाने की जानकारी सामने आई है, जोकि दिवंगत विमल नेगी जी के पास थी। इस पेन ड्राइव की संभावित सामग्री इस पूरे मामले की जड़ तक पहुंचने में अत्यंत महत्वपूर्ण हो सकती है। ऐसे में पेन ड्राइव को छुपाया जाना, और उसका पुलिस अधिकारियों द्वारा सामने न लाना, गंभीर साजिश की ओर संकेत करता है। प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने कहां कि हाईकोर्ट में बुधवार को हुई सुनवाई में इस पूरे मामले से संबंधित गंभीर और चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा हुआ है। सरकार द्वारा जांच के लिए और समय मांगा जाना यह दर्शाता है कि या तो जांच में गंभीरता नहीं है, या फिर मामले को दबाने का प्रयास हो रहा है। प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने कहां कि अत्यंत चिंताजनक बात यह भी है कि इस पूरे मामले में प्रदेश के डीजीपी और संबंधित एसपी शिमला के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। यह स्थिति राज्य की कानून व्यवस्था और जांच प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी प्रश्नचिह्न लगाती है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यह मानती है कि श्री विमल नेगी जी की मृत्यु केवल एक व्यक्तिगत मामला नहीं है, बल्कि यह प्रदेश की प्रशासनिक पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी पर सीधा आघात है। इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच हेतु इसे तुरंत केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को सौंपा जाए।2. पेन ड्राइव में उपलब्ध डेटा को सुरक्षित कर उसकी सार्वजनिक समीक्षा करवाई जाए। 3. जिन पुलिस अधिकारियों ने साक्ष्य छुपाए हैं, उनके विरुद्ध तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाए।4. जांच प्रक्रिया की समयबद्ध निगरानी उच्च न्यायालय के अधीन हो।* अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद प्रदेश की जनता के साथ है, और इस लड़ाई को तब तक जारी रखेगी जब तक कि दिवंगत अधिकारी को न्याय नहीं मिल जाता।
शिमला , 22 मई [ विशाल सूद ] ! अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश की प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने बयान जारी करते हुए कहां कि बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर श्री विमल नेगी जी की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मृत्यु ने प्रदेशभर में चिंता और आक्रोश का माहौल उत्पन्न कर दिया है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने संवेदनशील और उच्चस्तरीय पद पर कार्यरत अधिकारी की मौत के पीछे लगातार नए और चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं, किंतु अब तक कोई स्पष्ट निष्कर्ष सामने नहीं आया है।
दिनांक 15 मार्च को प्रदेश के डीजीपी द्वारा प्रथम एसआईटी का गठन किया गया था। इसके कुछ ही दिनों बाद, 18 मार्च को बिलासपुर में तैनात एएसआई द्वारा एक महत्वपूर्ण पेन ड्राइव को छुपाए जाने की जानकारी सामने आई है, जोकि दिवंगत विमल नेगी जी के पास थी। इस पेन ड्राइव की संभावित सामग्री इस पूरे मामले की जड़ तक पहुंचने में अत्यंत महत्वपूर्ण हो सकती है। ऐसे में पेन ड्राइव को छुपाया जाना, और उसका पुलिस अधिकारियों द्वारा सामने न लाना, गंभीर साजिश की ओर संकेत करता है।
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प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने कहां कि हाईकोर्ट में बुधवार को हुई सुनवाई में इस पूरे मामले से संबंधित गंभीर और चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा हुआ है। सरकार द्वारा जांच के लिए और समय मांगा जाना यह दर्शाता है कि या तो जांच में गंभीरता नहीं है, या फिर मामले को दबाने का प्रयास हो रहा है।
प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने कहां कि अत्यंत चिंताजनक बात यह भी है कि इस पूरे मामले में प्रदेश के डीजीपी और संबंधित एसपी शिमला के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। यह स्थिति राज्य की कानून व्यवस्था और जांच प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी प्रश्नचिह्न लगाती है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यह मानती है कि श्री विमल नेगी जी की मृत्यु केवल एक व्यक्तिगत मामला नहीं है, बल्कि यह प्रदेश की प्रशासनिक पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी पर सीधा आघात है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद प्रदेश की जनता के साथ है, और इस लड़ाई को तब तक जारी रखेगी जब तक कि दिवंगत अधिकारी को न्याय नहीं मिल जाता।
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