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शिमला ! शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार हिम केयर से इलाज की सुविधा को तत्काल प्रभाव से बहाल करे। लोग अस्पतालों में इलाज के लिए आ रहे हैं और अस्पतालों का भारी भरकम बिल न दे पाने के कारण बिना इलाज या आधे अधूरे इलाज के साथ वापस जा रहे हैं। जान पर बन जाने के बाद लोग मजबूरी में उधार लेकर इलाज करवाने को विवश हैं। आए दिन मेरे पास भी लोगों के फ़ोन आते हैं। सब एक ही बात कहते हैं कि आपका हिम केयर कार्ड चल नहीं रहा है। इलाज के लिए डॉक्टर्स ने मना कर दिया है। पचास हज़ार जमा करने को कहा है, एक लाख जमा करने को कहा है। लोग पूछते हैं कि पैसे कहाँ से लाऊँ? कैसे इलाज करवाऊँ? जब सरकार कह रही है कि हिम केयर बंद नहीं हुआ है तो सरकारी अस्पतालों में चल क्यों नहीं रहा है? लोगों के इलाज क्यों नहीं हो रहा है। लोग फ़ोन करके सिर्फ़ अपना ही दु:ख-दर्द नहीं बताते बल्कि अपने साथ अस्पताल में एडमिट लोगों की समस्या भी बताते हैं। लोगों के सवालों के मेरे पास जवाब नहीं होते हैं। एक भी प्रदेशवासी अपना इलाज करवाने में लाचार ना रहे इसलिए पूर्व सरकार में हमें हिम केयर की व्यवस्था की। लेकिन वर्तमान सरकार ने प्रदेश के हर वर्ग के साथ नाइंसाफी करने के साथ-साथ बीमार लोगों के साथ भी नाइंसाफी कर रही है। जयराम ठाकुर ने कहा कि गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों के इलाज में हिम केयर कार्ड काम नहीं कर रहा है। ऐसे मरीज जिन्हें तत्काल इलाज, ऑपरेशन, स्टंट आदि लगाने की आवश्यकता होती है, उन्हें भी कोई मदद नहीं मिल रही है। हिम केयर होने के बाद भी उन्हें इलाज के लिए पैसे जमा करवाने को कहा जा रहा है। पैसा नहीं तो इलाज नहीं। लोग अपनी जान बचाने के लिए क़र्ज़ ले रहे हैं। क्या इसी व्यवस्था परिवर्तन की बात सरकार द्वारा की गई थी। सरकार से निवेदन है कि ऐसी व्यवस्था करें कि प्रदेश के लोग इलाज के लिए बेबस न नज़र आएँ और लोगों को हिम केयर से निर्बाध इलाज मिलता रहे। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार हर दिन कोई न कोई शुल्क लगा रही है। सुख की सरकार शुल्क की सरकार बन गई है। अब अस्पतालों में भर्ती मरीजों के एक्स रे और ईसीजी की फीस वसूलने जा रही है। नवजात बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र के शुल्क में भी पाँच गुना की वृद्धि कर दी है। इसी तरह अस्पतालों में पर्ची के लिए भी फीस लगा दी है। हर जगह शुल्क लगाने के बाद भी सुविधाओं में कहीं कोई सुधार नहीं है। प्रदेश में हर तरफ़ अराजकता का माहौल है। प्रदेश सरकार के ख़िलाफ़ प्रदेश का हर वर्ग सड़क पर है। केंद्र सरकार द्वारा हर स्तर पर सहयोग दिया जा रहा है। लेकिन सुक्खू सरकार केंद्र पर दोषारोपण के अलावा कोई काम नहीं कर रही है। प्रदेश में जो भी विकास के काम चल रहे हैं सब के सब केंद्र सरकार के सहयोग से ही चल रहे हैं। राज्य सरकार तो खोज खोज के संस्थान बंद करने में व्यस्त है।
शिमला ! शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार हिम केयर से इलाज की सुविधा को तत्काल प्रभाव से बहाल करे। लोग अस्पतालों में इलाज के लिए आ रहे हैं और अस्पतालों का भारी भरकम बिल न दे पाने के कारण बिना इलाज या आधे अधूरे इलाज के साथ वापस जा रहे हैं। जान पर बन जाने के बाद लोग मजबूरी में उधार लेकर इलाज करवाने को विवश हैं। आए दिन मेरे पास भी लोगों के फ़ोन आते हैं। सब एक ही बात कहते हैं कि आपका हिम केयर कार्ड चल नहीं रहा है। इलाज के लिए डॉक्टर्स ने मना कर दिया है। पचास हज़ार जमा करने को कहा है, एक लाख जमा करने को कहा है। लोग पूछते हैं कि पैसे कहाँ से लाऊँ? कैसे इलाज करवाऊँ? जब सरकार कह रही है कि हिम केयर बंद नहीं हुआ है तो सरकारी अस्पतालों में चल क्यों नहीं रहा है? लोगों के इलाज क्यों नहीं हो रहा है। लोग फ़ोन करके सिर्फ़ अपना ही दु:ख-दर्द नहीं बताते बल्कि अपने साथ अस्पताल में एडमिट लोगों की समस्या भी बताते हैं। लोगों के सवालों के मेरे पास जवाब नहीं होते हैं। एक भी प्रदेशवासी अपना इलाज करवाने में लाचार ना रहे इसलिए पूर्व सरकार में हमें हिम केयर की व्यवस्था की। लेकिन वर्तमान सरकार ने प्रदेश के हर वर्ग के साथ नाइंसाफी करने के साथ-साथ बीमार लोगों के साथ भी नाइंसाफी कर रही है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों के इलाज में हिम केयर कार्ड काम नहीं कर रहा है। ऐसे मरीज जिन्हें तत्काल इलाज, ऑपरेशन, स्टंट आदि लगाने की आवश्यकता होती है, उन्हें भी कोई मदद नहीं मिल रही है। हिम केयर होने के बाद भी उन्हें इलाज के लिए पैसे जमा करवाने को कहा जा रहा है। पैसा नहीं तो इलाज नहीं। लोग अपनी जान बचाने के लिए क़र्ज़ ले रहे हैं। क्या इसी व्यवस्था परिवर्तन की बात सरकार द्वारा की गई थी। सरकार से निवेदन है कि ऐसी व्यवस्था करें कि प्रदेश के लोग इलाज के लिए बेबस न नज़र आएँ और लोगों को हिम केयर से निर्बाध इलाज मिलता रहे।
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जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार हर दिन कोई न कोई शुल्क लगा रही है। सुख की सरकार शुल्क की सरकार बन गई है। अब अस्पतालों में भर्ती मरीजों के एक्स रे और ईसीजी की फीस वसूलने जा रही है। नवजात बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र के शुल्क में भी पाँच गुना की वृद्धि कर दी है। इसी तरह अस्पतालों में पर्ची के लिए भी फीस लगा दी है। हर जगह शुल्क लगाने के बाद भी सुविधाओं में कहीं कोई सुधार नहीं है। प्रदेश में हर तरफ़ अराजकता का माहौल है। प्रदेश सरकार के ख़िलाफ़ प्रदेश का हर वर्ग सड़क पर है। केंद्र सरकार द्वारा हर स्तर पर सहयोग दिया जा रहा है। लेकिन सुक्खू सरकार केंद्र पर दोषारोपण के अलावा कोई काम नहीं कर रही है। प्रदेश में जो भी विकास के काम चल रहे हैं सब के सब केंद्र सरकार के सहयोग से ही चल रहे हैं। राज्य सरकार तो खोज खोज के संस्थान बंद करने में व्यस्त है।
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