छोटे किसान-बागवानों को राहत जरूरी- संजय चौहान
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला , 07 अगस्त [ विशाल सूद ] ! बीती पांच अगस्त को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की ओर से क़ब्ज़ाधारियों को बेदख़ली के फ़ैसले पर सेब उत्पादक संघ ने निराशा ज़ाहिर की है. सेब उत्पादक संघ के सह संयोजक संजय चौहान ने राज्य सरकार से मांग उठायी है कि हाईकोर्ट के फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाए. साथ ही राज्य सरकार इस नीति में त्रुटियों का संशोधन कर करे. संजय चौहान ने कहा कि यह मामला आम परिवारों के साथ छोटे किसानों को राहत देने से जुड़ा हुआ है. अगर बड़े बड़े उद्योपतियों को राज्य सरकार सरकारी राहत दे सकती है, तो छोटे लोगों को भी राहत दी जानी चाहिए. वहीं, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने अध्ययन के बाद आगामी फ़ैसला लेने की बात कही है. सेब उत्पादक संघ के सह संयोजक संजय चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार के पास नीति निर्धारण की ताक़त है. ऐसे में राज्य के 1.63 से ज़्यादा परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए जल्द से जल्द इस संबंध में क़दम उठाए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि यह मामला छोटे और आम परिवार के लोगों से जुड़ा हुआ है. हिमाचल प्रदेश में 68 फ़ीसदी वन क्षेत्र है और यहां खेती के लिए भी ज़मीन कम है. ऐसे में राज्य सरकार को राहत देने पर विचार करना चाहिए. संजय चौहान ने केंद्र सरकार से भी मांग उठायी है कि अगर बड़े उद्योगपतियों को वन भूमि में प्रोजेक्ट लगाने के लिए जगह दी जा सकती है, तो ऐसे ही राहत आम लोगों को भी दी जानी चाहिए. यह उनका संवैधानिक अधिकार है.
शिमला , 07 अगस्त [ विशाल सूद ] ! बीती पांच अगस्त को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की ओर से क़ब्ज़ाधारियों को बेदख़ली के फ़ैसले पर सेब उत्पादक संघ ने निराशा ज़ाहिर की है. सेब उत्पादक संघ के सह संयोजक संजय चौहान ने राज्य सरकार से मांग उठायी है कि हाईकोर्ट के फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाए. साथ ही राज्य सरकार इस नीति में त्रुटियों का संशोधन कर करे. संजय चौहान ने कहा कि यह मामला आम परिवारों के साथ छोटे किसानों को राहत देने से जुड़ा हुआ है.
अगर बड़े बड़े उद्योपतियों को राज्य सरकार सरकारी राहत दे सकती है, तो छोटे लोगों को भी राहत दी जानी चाहिए. वहीं, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने अध्ययन के बाद आगामी फ़ैसला लेने की बात कही है. सेब उत्पादक संघ के सह संयोजक संजय चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार के पास नीति निर्धारण की ताक़त है. ऐसे में राज्य के 1.63 से ज़्यादा परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए जल्द से जल्द इस संबंध में क़दम उठाए जाने चाहिए.
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
उन्होंने कहा कि यह मामला छोटे और आम परिवार के लोगों से जुड़ा हुआ है. हिमाचल प्रदेश में 68 फ़ीसदी वन क्षेत्र है और यहां खेती के लिए भी ज़मीन कम है. ऐसे में राज्य सरकार को राहत देने पर विचार करना चाहिए. संजय चौहान ने केंद्र सरकार से भी मांग उठायी है कि अगर बड़े उद्योगपतियों को वन भूमि में प्रोजेक्ट लगाने के लिए जगह दी जा सकती है, तो ऐसे ही राहत आम लोगों को भी दी जानी चाहिए. यह उनका संवैधानिक अधिकार है.
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -