
उनके साहित्य पर 30 एमफिल और 20 से अधिक हो रही हैं पीएचडी
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शिमला , 26 मई : भारत के मूर्धन्य रचनाकारों को उनके उल्लेखनीय साहित्यिक अवदान के लिए सम्मानित करने की अपनी परंपरा का निर्वाह करते हुए आधार प्रकाशन की ओर से दो वर्षों के आधार सम्मानों की घोषणा एकसाथ की गई है। हर वर्ष की तरह इस बार भी आधार प्रकाशन 20 दिसंबर को अपने स्थापना दिवस पर दो बड़े रचनाकारों को सम्मानित करने जा रहा है। वर्ष 2024 के 'आधार सम्मान' के लिए हिंदी के बहुचर्चित कथाकार एस आर हरनोट को चुना गया है। जबकि वर्ष 2025 के 'आधार सम्मान' के लिए सुप्रसिद्ध कहानीकार एवं गद्यकार जयशंकर को चुना गया है। यह बात गौर तलब है कि एस आर हरनोट का संबंध हिमाचल प्रदेश से है, जबकि जयशंकर महाराष्ट्र से संबंधित ऐसे रचनाकार हैं, जो मूलतः दक्षिण भारतीय हैं। निर्णायक मंडल के सदस्यों में प्रो देवेंद्र चौबे, आलोचक एवं कथाकार, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली; विनोद शाही, प्रख्यात आलोचक एवं चिंतक; और किरण सिंह, सुप्रसिद्ध कथाकार , लखनऊ शामिल हैं। यह जानकारी आज आधार प्रकाशन संस्थान और पत्रिका के संपादक देश निर्मोही ने दी। उन्होंने कहा कि आधार प्रकाशन भारत का प्रतिष्ठित प्रकाशन संस्थान है जो अपने सहयोगी सतलुज प्रकाशन के साथ मिलकर हिंदी का ही प्रतिष्ठित संस्थान नहीं, साथ-साथ पंजाबी और अंग्रेजी की किताबों को भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान कर रहा है। वर्ष 2024 के आधार सम्मान से सम्मानित होने वाले एस. आर. हरनोट की ख्याति भारत से लेकर विदेश तक दिखाई देती है। उनकी अनेक कहानियों के अनुवाद अनेक अन्य भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त, अंग्रेजी में भी हुए हैं। उनकी बहुत सी कहानियां प्रदेश व देश की कई यूनिवर्सिटीज़ के विविध पाठ्यक्रमों में शामिल हैं। साथ ही उनके साहित्य पर 30 एमफिल और 20 से अधिक पीएचडी हो रही हैं उनकी तीन कहानियों पर लघु फिल्में बनी हैं और कई कहानियों के मंचन हो चुके हैं। उल्लेखनीय है कि इस सम्मान में रचनाकारों को पच्चीस हज़ार रुपए की सम्मान राशि के अतिरिक्त प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किये जाते हैं।
शिमला , 26 मई : भारत के मूर्धन्य रचनाकारों को उनके उल्लेखनीय साहित्यिक अवदान के लिए सम्मानित करने की अपनी परंपरा का निर्वाह करते हुए आधार प्रकाशन की ओर से दो वर्षों के आधार सम्मानों की घोषणा एकसाथ की गई है। हर वर्ष की तरह इस बार भी आधार प्रकाशन 20 दिसंबर को अपने स्थापना दिवस पर दो बड़े रचनाकारों को सम्मानित करने जा रहा है।
वर्ष 2024 के 'आधार सम्मान' के लिए हिंदी के बहुचर्चित कथाकार एस आर हरनोट को चुना गया है। जबकि वर्ष 2025 के 'आधार सम्मान' के लिए सुप्रसिद्ध कहानीकार एवं गद्यकार जयशंकर को चुना गया है। यह बात गौर तलब है कि एस आर हरनोट का संबंध हिमाचल प्रदेश से है, जबकि जयशंकर महाराष्ट्र से संबंधित ऐसे रचनाकार हैं, जो मूलतः दक्षिण भारतीय हैं।
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निर्णायक मंडल के सदस्यों में प्रो देवेंद्र चौबे, आलोचक एवं कथाकार, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली; विनोद शाही, प्रख्यात आलोचक एवं चिंतक; और किरण सिंह, सुप्रसिद्ध कथाकार , लखनऊ शामिल हैं। यह जानकारी आज आधार प्रकाशन संस्थान और पत्रिका के संपादक देश निर्मोही ने दी।
उन्होंने कहा कि आधार प्रकाशन भारत का प्रतिष्ठित प्रकाशन संस्थान है जो अपने सहयोगी सतलुज प्रकाशन के साथ मिलकर हिंदी का ही प्रतिष्ठित संस्थान नहीं, साथ-साथ पंजाबी और अंग्रेजी की किताबों को भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान कर रहा है। वर्ष 2024 के आधार सम्मान से सम्मानित होने वाले एस. आर. हरनोट की ख्याति भारत से लेकर विदेश तक दिखाई देती है। उनकी अनेक कहानियों के अनुवाद अनेक अन्य भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त, अंग्रेजी में भी हुए हैं।
उनकी बहुत सी कहानियां प्रदेश व देश की कई यूनिवर्सिटीज़ के विविध पाठ्यक्रमों में शामिल हैं। साथ ही उनके साहित्य पर 30 एमफिल और 20 से अधिक पीएचडी हो रही हैं उनकी तीन कहानियों पर लघु फिल्में बनी हैं और कई कहानियों के मंचन हो चुके हैं। उल्लेखनीय है कि इस सम्मान में रचनाकारों को पच्चीस हज़ार रुपए की सम्मान राशि के अतिरिक्त प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किये जाते हैं।
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