18 जवानों को विशिष्ट उपलब्धि प्राप्तकर्ताओं को आरट्रेक जीओसी-इन-सी प्रशंसा प्रमाणपत्र देकर किया गया सम्मानित, विकसित भारत में आर्मी को भी योगदान देने का किया आह्वान।
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शिमला , 01 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! सेना प्रशिक्षण कमान (आरट्रेक) शिमला ने अपने 35वें स्थापना दिवस पर 18 जवानों को उत्कृष्ट सेवाओं के लिए जीओसी-इन-सी प्रशंसा प्रमाणपत्र और तीन प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों को वर्ष के लिए वित्तीय उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया। आर्ट्रैक शिमला के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र शर्मा पीवीएसएम, एवीएसएम, एसएम ने सभी को पुरस्कार देकर सम्मानित किया और ARTRAC के 35 वर्ष पूरे होने पर सभी को बधाई दी। लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र शर्मा ने कहा है कि देश विकसित भारत की तरफ आगे बढ़ रहा है।इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्मी के तीनों विंग से तीन चीजों देश की एकजुटता, आत्मनिर्भरता और आविष्कार (इनोवेशन)पर फोकस करने को कहा है।आरट्रेक भारतीय सेना के ‘परिवर्तन का दशक’और ‘तकनीकी आत्मसात का वर्ष’पहल के अनुरूप कार्य कर रहा हैं। आरट्रेक 2030 तक अपने पाठ्यक्रम में 34 नई तकनीकों को शामिल करने के रास्ते पर है जिससे सेना को मजबूती मिल सके। इस मौके पर समकालीन और भविष्य की युद्ध प्रणाली को समर्पित आरट्रेक की वार्षिक पेशेवर पत्रिका ‘पिनैकल’ के 24वें संस्करण का विमोचन भी किया गया। गौरतलब है कि आरट्रेक की स्थापना 01 अक्टूबर 1991 को महू में की गई थी, जिसका उद्देश्य प्रशिक्षण और आधुनिक युद्ध के सोच विचार केंद्रित एक केन्द्रीय एजेंसी बनाना था। 31 मार्च 1993 को शिमला आने के बाद, इसकी भूमिका में बड़ी वृद्धि हुई है। अब आरट्रेक देशभर में फैले 34 श्रेणी ‘ए’प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों में संस्थागत प्रशिक्षण के उच्चतम मानकों के लिए निरंतर मार्गदर्शन देता है।
शिमला , 01 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! सेना प्रशिक्षण कमान (आरट्रेक) शिमला ने अपने 35वें स्थापना दिवस पर 18 जवानों को उत्कृष्ट सेवाओं के लिए जीओसी-इन-सी प्रशंसा प्रमाणपत्र और तीन प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों को वर्ष के लिए वित्तीय उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया। आर्ट्रैक शिमला के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र शर्मा पीवीएसएम, एवीएसएम, एसएम ने सभी को पुरस्कार देकर सम्मानित किया और ARTRAC के 35 वर्ष पूरे होने पर सभी को बधाई दी।
लेफ्टिनेंट जनरल देवेंद्र शर्मा ने कहा है कि देश विकसित भारत की तरफ आगे बढ़ रहा है।इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्मी के तीनों विंग से तीन चीजों देश की एकजुटता, आत्मनिर्भरता और आविष्कार (इनोवेशन)पर फोकस करने को कहा है।आरट्रेक भारतीय सेना के ‘परिवर्तन का दशक’और ‘तकनीकी आत्मसात का वर्ष’पहल के अनुरूप कार्य कर रहा हैं। आरट्रेक 2030 तक अपने पाठ्यक्रम में 34 नई तकनीकों को शामिल करने के रास्ते पर है जिससे सेना को मजबूती मिल सके।
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इस मौके पर समकालीन और भविष्य की युद्ध प्रणाली को समर्पित आरट्रेक की वार्षिक पेशेवर पत्रिका ‘पिनैकल’ के 24वें संस्करण का विमोचन भी किया गया। गौरतलब है कि आरट्रेक की स्थापना 01 अक्टूबर 1991 को महू में की गई थी, जिसका उद्देश्य प्रशिक्षण और आधुनिक युद्ध के सोच विचार केंद्रित एक केन्द्रीय एजेंसी बनाना था। 31 मार्च 1993 को शिमला आने के बाद, इसकी भूमिका में बड़ी वृद्धि हुई है। अब आरट्रेक देशभर में फैले 34 श्रेणी ‘ए’प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों में संस्थागत प्रशिक्षण के उच्चतम मानकों के लिए निरंतर मार्गदर्शन देता है।
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