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शिमला , 10 जून ! ऑल इण्डिया आर्टिस्ट एसोसिएशन द्वारा शिमला के कालीबाड़ी हॉल में आयोजित 68वें वार्षिक अखिल भारतीय नाटक एवं नृत्य प्रतियोगिता के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि समाज के निर्माण में कला और कलाकार अहम भूमिका निभाता है। कला सजीवता को लिये होती है और यह हर व्यक्ति के जीवन का अभिन्न अंग है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले 6 दशकों में एसोसिएशन ने विभिन्न आयोजनों के माध्यम से सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में प्रशंसनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयास ही समाज को दिशा देते हैं और अन्यों के लिए प्रेरणा का कारण बनते हैं। उन्होंने कहा कि कला के माध्यम से राष्ट्रीय एकता को और सुदृढ़ बनाने की जिस भावना के साथ यह संगठन कार्य कर रहा है, वह प्रशंसनीय है। उन्होंने सभी कलाकारों को उनके उत्कृष्ठ प्रदर्शन के लिए बधाई देता हूं। राज्यपाल ने कहा कि नृत्य और नाटक हमेशा से मानव सभ्यता का अभिन्न अंग रहे हैं। यह अभिव्यक्ति का ऐसा सशक्त रूप है जिस में भाषा की कोई बाध्यता नहीं है। बल्कि जहां शब्द कमजोर पड़ जाते हैं वहां यह भावनाओं, कहानियों और विचारों को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने कहा कि कला का यह रूप हमें अलग दुनिया में ले जाने, हमारे भीतर गहरी भावनाओं को जगाने और हमारी कल्पना को प्रज्वलित करने की क्षमता है। राज्यपाल ने इस अवसर पर श्री प्रशांत भगत को सुदर्शन गौर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड, श्री लोकिन्दर त्रिवेदी को बलराज साहनी पुरस्कार तथा श्री आशीष पिल्लई और श्रीमती मीनू चड्ढा को उनके कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिये गोपी कृष्ण नेशनल अवार्ड प्रदान किया। ऑल इण्डिया आर्टिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री रोहताश्व गौर ने राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि शिमला में 6 से 10 जून तक आयोजित इस प्रतियोगिता में 20 राज्यों के करीब 1000 कलाकारों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि 1955 में यह संगठन अस्तित्व में आया था और तब से आज तक इसके माध्यम से देश भर में अनेक नाट्य एवं नृत्य प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 10 जून ! ऑल इण्डिया आर्टिस्ट एसोसिएशन द्वारा शिमला के कालीबाड़ी हॉल में आयोजित 68वें वार्षिक अखिल भारतीय नाटक एवं नृत्य प्रतियोगिता के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि समाज के निर्माण में कला और कलाकार अहम भूमिका निभाता है। कला सजीवता को लिये होती है और यह हर व्यक्ति के जीवन का अभिन्न अंग है।
उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले 6 दशकों में एसोसिएशन ने विभिन्न आयोजनों के माध्यम से सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में प्रशंसनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयास ही समाज को दिशा देते हैं और अन्यों के लिए प्रेरणा का कारण बनते हैं। उन्होंने कहा कि कला के माध्यम से राष्ट्रीय एकता को और सुदृढ़ बनाने की जिस भावना के साथ यह संगठन कार्य कर रहा है, वह प्रशंसनीय है। उन्होंने सभी कलाकारों को उनके उत्कृष्ठ प्रदर्शन के लिए बधाई देता हूं।
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राज्यपाल ने कहा कि नृत्य और नाटक हमेशा से मानव सभ्यता का अभिन्न अंग रहे हैं। यह अभिव्यक्ति का ऐसा सशक्त रूप है जिस में भाषा की कोई बाध्यता नहीं है। बल्कि जहां शब्द कमजोर पड़ जाते हैं वहां यह भावनाओं, कहानियों और विचारों को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने कहा कि कला का यह रूप हमें अलग दुनिया में ले जाने, हमारे भीतर गहरी भावनाओं को जगाने और हमारी कल्पना को प्रज्वलित करने की क्षमता है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर श्री प्रशांत भगत को सुदर्शन गौर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड, श्री लोकिन्दर त्रिवेदी को बलराज साहनी पुरस्कार तथा श्री आशीष पिल्लई और श्रीमती मीनू चड्ढा को उनके कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिये गोपी कृष्ण नेशनल अवार्ड प्रदान किया। ऑल इण्डिया आर्टिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री रोहताश्व गौर ने राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि शिमला में 6 से 10 जून तक आयोजित इस प्रतियोगिता में 20 राज्यों के करीब 1000 कलाकारों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि 1955 में यह संगठन अस्तित्व में आया था और तब से आज तक इसके माध्यम से देश भर में अनेक नाट्य एवं नृत्य प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं।
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