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कुल्लू । जिला में 25 अक्तूबर से शुरू होने वाले उत्सव में सिर्फ सात देवी-देवताओं के ही रथ शामिल होंगे। इन रथों के साथ कोरोना टेस्ट के बाद सिर्फ 50 लोगों को आने की अनुमति होगी। देवता ढालपुर में जहां अपने शिविर में रुकेंगे, वहां रात को सिर्फ 10 लोग ही रुक सकेंगे। उत्सव के पहले दिन भगवान रघुनाथ की भव्य रथ यात्रा निकलेगी। इस रथ यात्रा में एक देवता के साथ 15 लोग ही शामिल होंगे। रघुनाथ की यात्रा में रथ खींचने वाले सभी श्रद्धालुओं को अपना कोविड टेस्ट करवाना होगा। इन लोगों को आईकार्ड जारी किए जाएंगे। दशहरा में देवताओं के आने को लेकर न तो इस बार दशहरा उत्सव कमेटी की ओर निमंत्रण दिया गया है, न ही देवताओं को नजराना दिया जाएगा।दशहरा उत्सव की जो भी परंपराएं होंगी, उनका लोगों को लाइव प्रसारण करने के प्रयास भी किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि इससे पहले देवताओं के रथों के आने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। अमर उजाला ने पहले ही सात देवी-देवताओं के दशहरा में शामिल होने की बात कही थी, जिस पर अब मुहर लग गई है। इन देवी-देवताओं के शामिल होंगे रथ खराहल घाटी के आराध्य बिजली महादेव, राज परिवार की दादी कही जाने वाली माता हिडिंबा, नग्गर की माता त्रिपुरा सुंदरी, खोखन के देवता आदि ब्रह्मा, पीज के जगदग्नि ऋषि, रैला के लक्ष्मी नारायण, ढालपुर के देवता वीरनाथ के रथ गाजे-बाजे के साथ शामिल होंगे। देव समाज के प्रतिनिधियों से बैठक के बाद लिया फैसला दशहरा उत्सव कमेटी के अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि देव समाज के जुड़े विभिन्न प्रतिनिधियों के साथ बैठकों के बाद अब तय हुआ है कि दशहरे में सिर्फ सात देवी-देवताओं के रथ ही शामिल होंगे।उन्होंने कहा कि इस बार कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम उत्सव के दौरान नहीं होंगे। प्रदर्शनी मैदान में किसी प्रकार की प्रदर्शनियों का आयोजन नहीं किया जाएगा। व्यापारिक गतिविधियां भी नहीं होंगी।
कुल्लू । जिला में 25 अक्तूबर से शुरू होने वाले उत्सव में सिर्फ सात देवी-देवताओं के ही रथ शामिल होंगे। इन रथों के साथ कोरोना टेस्ट के बाद सिर्फ 50 लोगों को आने की अनुमति होगी। देवता ढालपुर में जहां अपने शिविर में रुकेंगे, वहां रात को सिर्फ 10 लोग ही रुक सकेंगे। उत्सव के पहले दिन भगवान रघुनाथ की भव्य रथ यात्रा निकलेगी। इस रथ यात्रा में एक देवता के साथ 15 लोग ही शामिल होंगे। रघुनाथ की यात्रा में रथ खींचने वाले सभी श्रद्धालुओं को अपना कोविड टेस्ट करवाना होगा। इन लोगों को आईकार्ड जारी किए जाएंगे। दशहरा में देवताओं के आने को लेकर न तो इस बार दशहरा उत्सव कमेटी की ओर निमंत्रण दिया गया है, न ही देवताओं को नजराना दिया जाएगा।दशहरा उत्सव की जो भी परंपराएं होंगी, उनका लोगों को लाइव प्रसारण करने के प्रयास भी किए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले देवताओं के रथों के आने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। अमर उजाला ने पहले ही सात देवी-देवताओं के दशहरा में शामिल होने की बात कही थी, जिस पर अब मुहर लग गई है।
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खराहल घाटी के आराध्य बिजली महादेव, राज परिवार की दादी कही जाने वाली माता हिडिंबा, नग्गर की माता त्रिपुरा सुंदरी, खोखन के देवता आदि ब्रह्मा, पीज के जगदग्नि ऋषि, रैला के लक्ष्मी नारायण, ढालपुर के देवता वीरनाथ के रथ गाजे-बाजे के साथ शामिल होंगे।
दशहरा उत्सव कमेटी के अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि देव समाज के जुड़े विभिन्न प्रतिनिधियों के साथ बैठकों के बाद अब तय हुआ है कि दशहरे में सिर्फ सात देवी-देवताओं के रथ ही शामिल होंगे।उन्होंने कहा कि इस बार कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम उत्सव के दौरान नहीं होंगे। प्रदर्शनी मैदान में किसी प्रकार की प्रदर्शनियों का आयोजन नहीं किया जाएगा। व्यापारिक गतिविधियां भी नहीं होंगी।
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