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चम्बा ! जिले की डल्हौजी विधानसभा के अंतर्गत पड़ने वाली भांदल पंचायत में एक ऐसा मामला देखने को मिला है जिसमे कई दर्जन ग्रामीण लोगों ने प्रदेश सरकार से भूमिहीन होने को लेकर पंचायत में प्रस्ताव डाला है कि जिसमे उन्होंने कहा है कि उनके पास कोई जमीन नहीं है और वह लोग जंगलों में रहकर अपना और अपने परिवार का जीवन यापन करने को मजबूर है। पर इस मामले की पर्ते तो तब खुली जब भांदल पंचायत के पूर्व प्रधान ने इसकी गहनता से जांच की। उन्होंने प्रदेश मुख्यामंत्री को लिखे शिकायत पत्र में इस बात का खुलासा करते हुए कहा है कि जिन लोगों ने इस तरह का दावा किया है वास्तव में वह लोग ऐसे है नहीं। उनका कहना है कि भूमिहीन होने का दावा करने वाले इन लोगों के पास अपने ही देश के अन्य राज्यों में इनकी मलकियति भूमि है। यह उपमंडल सलूणी के किहार सेक्टर गांव भांदल की तस्वीर है और यह घटना इसी भांदल पंचायत में हुई है। जिसको लेकर भांदल पंचायत के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधि मंडल F R C कमेटी को लेकर नायब तहसीलदार सलूणी विनोद टन्डन से मिला और उनके माध्यम से प्रदेश मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा । भांदल पंचायत के पूर्व प्रधान ने इस बारे बताया कि F R C की ग्राम सभा संघनी में जो प्रस्ताव पारित कर दावे किए गए हैं वो सरासर गलत हैं। उनका कहना है कि इस दौरान करीब 150,मिस्ले बनाई गई है जिसमे यह दर्शाया गया है कि वह लोग जंगल वासी है। उन्होंने इस बात को बिलकुल बेबुनियाद करार देते हुए कहा है कि ऐसा कुछ भी नहीं है,और यंहा के रहने वाले लोग कोई भी जंगल वासी नहीं है यह बिलकुल फ्रॉड है। भांदल पंचायत के पूर्व प्रधान ने तहसीलदार सलूणी के माध्यम से मुख्यमंत्री को लिखे शिकायत पत्र में मांग की है कि F R C की ग्राम सभा संघनी में जो कमेटी बनी हुई है जिसको कि एसडीएम की अध्यक्षता में बनाया गया था वह जाकर इसकी गहनता से जांच की जाये। उन्होंने यह भी बताया कि जिन्होंने भी ऐसी झूठी साजिस के तहत सरकारी जमीन को हथियाने मिस्ले तैयार करवाई है वह लोग जंगलों में नहीं रहते है उनके पास तो अपने राज्य को छोड़ अन्य राज्यों में खुद की मल्कीति जमीने है। उन्होंने इसकी गहनता से जांच करने की मांग की है।
चम्बा ! जिले की डल्हौजी विधानसभा के अंतर्गत पड़ने वाली भांदल पंचायत में एक ऐसा मामला देखने को मिला है जिसमे कई दर्जन ग्रामीण लोगों ने प्रदेश सरकार से भूमिहीन होने को लेकर पंचायत में प्रस्ताव डाला है कि जिसमे उन्होंने कहा है कि उनके पास कोई जमीन नहीं है और वह लोग जंगलों में रहकर अपना और अपने परिवार का जीवन यापन करने को मजबूर है। पर इस मामले की पर्ते तो तब खुली जब भांदल पंचायत के पूर्व प्रधान ने इसकी गहनता से जांच की। उन्होंने प्रदेश मुख्यामंत्री को लिखे शिकायत पत्र में इस बात का खुलासा करते हुए कहा है कि जिन लोगों ने इस तरह का दावा किया है वास्तव में वह लोग ऐसे है नहीं। उनका कहना है कि भूमिहीन होने का दावा करने वाले इन लोगों के पास अपने ही देश के अन्य राज्यों में इनकी मलकियति भूमि है।
यह उपमंडल सलूणी के किहार सेक्टर गांव भांदल की तस्वीर है और यह घटना इसी भांदल पंचायत में हुई है। जिसको लेकर भांदल पंचायत के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधि मंडल F R C कमेटी को लेकर नायब तहसीलदार सलूणी विनोद टन्डन से मिला और उनके माध्यम से प्रदेश मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा । भांदल पंचायत के पूर्व प्रधान ने इस बारे बताया कि F R C की ग्राम सभा संघनी में जो प्रस्ताव पारित कर दावे किए गए हैं वो सरासर गलत हैं। उनका कहना है कि इस दौरान करीब 150,मिस्ले बनाई गई है जिसमे यह दर्शाया गया है कि वह लोग जंगल वासी है। उन्होंने इस बात को बिलकुल बेबुनियाद करार देते हुए कहा है कि ऐसा कुछ भी नहीं है,और यंहा के रहने वाले लोग कोई भी जंगल वासी नहीं है यह बिलकुल फ्रॉड है। भांदल पंचायत के पूर्व प्रधान ने तहसीलदार सलूणी के माध्यम से मुख्यमंत्री को लिखे शिकायत पत्र में मांग की है कि F R C की ग्राम सभा संघनी में जो कमेटी बनी हुई है जिसको कि एसडीएम की अध्यक्षता में बनाया गया था वह जाकर इसकी गहनता से जांच की जाये। उन्होंने यह भी बताया कि जिन्होंने भी ऐसी झूठी साजिस के तहत सरकारी जमीन को हथियाने मिस्ले तैयार करवाई है वह लोग जंगलों में नहीं रहते है उनके पास तो अपने राज्य को छोड़ अन्य राज्यों में खुद की मल्कीति जमीने है। उन्होंने इसकी गहनता से जांच करने की मांग की है।
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