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चम्बा ,30 अक्टूबर ! सुन्दर शिक्षा (परमार्थ) न्यास के तत्वावधान में कला सृजन पाठशाला (पंजीकृत) द्वारा दिनांक 29 अक्टूबर 2023 को हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध साहित्यकार एवं लेखक उदयराज सिंह की अग्रिम जयन्ती के उपलक्ष्य पर आयोजन सत्र-49 के तहत होटल इरावती में कविता-पाठ तथा लेख-पाठ का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में चम्बा के वरिष्ठ रचनाकारों के साथ-साथ राजकीय महाविद्यालय चम्बा के हिन्दी विभाग के छात्रों ने भी अपनी कलम का जादू बिखेरा। कार्यक्रम की शुरुआत कला सृजन पाठशाला के उपस्थित कार्यकारिणी के सदस्यों द्वारा दीप प्रज्वलित करके की। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए कला सृजन पाठशाला के अध्यक्ष शरत् शर्मा ने मंच पर आरोहित होते ही घोषणा की कि कला सृजन पाठशाला का अगला आयोजन स्वर्णिम सत्र पचास होगा के साथ आयोजन को विस्तार दिया जाएगा। तत्पश्चात संस्था के सक्रिय सदस्य बायोलॉजी के वरिष्ठ लेक्चरर दीपक को उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार पाने के लिए तथा पारूल जसरोटिया को एम एस सी योगा के लिए शूलिनी विश्वविद्यालय से गोल्ड मेडल हासिल करने के लिए संस्था की ओर से बधाई देते हुए उनकी उपलब्धियों को रेखांकित किया के साथ कहा कि इनसे हम सबको प्रेरणा मिलती रहेगी। उपलब्धियों के ऐसे माहौल में इस वर्ष के साहित्य के नोबेल पुरस्कार विजेता नॉर्वेजियन लेखक जॉन फोसे को बधाई देते हुए प्रेरणा लेने की बात कही कि फोसे ने अपनी स्थानीय भाषा में लेखन को जारी रखते हुए अपनी लेखनी का लोहा विश्व का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार प्राप्त करके मनवाया। इसके बाद कला सृजन पाठशाला के अध्यक्ष शरत् शर्मा ने उदयराज सिंह का जीवनवृत्त उपस्थित श्रोताओं के समक्ष रखा तथा उनके लेखन की विस्तृत जानकारी दी। साथ में उनकी रचनाओं पर विश्लेषणात्मक टिप्पणी करके उदयराज सिंह की लेखन क्षमता को विस्तार दिया। महासचिव डॉ. सन्तोष कुमार ने संचालन की बागडोर को सम्भालते हुए महाविद्यालय के छात्र राहुल को लेख पढ़ने के लिए आमंत्रित किया। राहुल ने समाज में व्याप्त अंधविश्वास की अनेक धाराओं को उजागर करते हुए करारा प्रहार किया। उन्होंने इसके वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर बल देकर अपनी बात स्पष्ट की। उमेश कुमार ने 'मेरा भारत महान' नामक व्यंग्यात्मक कविता द्वारा तालियाँ बटोरी। सौरभ ने 'श्रमिक' कविता द्वारा श्रमिकों की व्यथा को उजागर किया। अनुराग ने जीवन के भावी भविष्य पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ कवि एवं समाज सेवक भूपेन्द्र सिंह जसरोटिया ने 'बन्दी-बन्दा' कविता द्वारा समसामयिक समाज पर व्यंग्यात्मक लहजे में तीखा हमला किया।अनूप रही ने 'दिलड़ू है दिलड़ू' कविता से सभी श्रोताओं का मन मोहा। कला सृजन पाठशाला के महासचिव एवं राजकीय महाविद्यालय चम्बा के हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सन्तोष कुमार ने 'तेरी आँखों में समा जाना चाहता हूँ' कविता से श्रोताओं को मन्त्रमुग्ध किया। कला सृजन पाठशाला के संरक्षक एवं वरिष्ठ पत्रकार बालकृष्ण पराशर ने अपने महत्वपूर्ण वक्तव्य में भावों की अभिव्यक्ति पर जानकारी दे कर समृद्ध किया। उन्होंने सभी सदस्यों के सक्रिय योगदान की प्रशंसा करते हुए आगामी आयोजन के लिए अनेक सुझाव दिए। शरत् शर्मा ने कुमार कृष्ण के हस्तलिपि में छपे काव्य संग्रह 'उम्मीद का पेड़' से कविता पाठ किया तथा अपने कविता-संग्रह 'मुक्त अधरों के कारावास' से कविता पढ़ कर श्रोताओं को आकृष्ट किया। महासचिव डॉ. सन्तोष कुमार ने सभी उपस्थित रचनाकारों का आभार सहित सफल मंच संचालन निष्पादित किया। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
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