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बददी ! हिंद मजदूर सभा की बैठक झाड़माजरी में हिंद मजदूर सभा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश कुमार कप्पा व कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष संजीव कुमार बस्सी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में हिंद हिमाचल के प्रभारी राम किशन शर्मा का हिंद मजदूर सभा की नई कार्यकारिणी गठित करने पर आभार जताया गया वहीं बीबीएन के उद्योगों में आ रही कामगारों की समस्याओं पर भी गहन चिंतन किया गया। सभी नेताओं का कहना है लॉकडाउन के दौरान ज्यादातर उद्योगपतियों ने कामगारों के वेतन नहीं दिया जिन्हें चेताया गया कि कामगारों की समस्याओं को समाधान करें व कामगारों को उनका वेतन दें। वरना संगठन को मजबूरन उनके खिलाफ आंदोलन की तैयारी करनी पड़ेगी व जल्द ही श्रम विभाग के घेरव की भी रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों ने आर्थिक मंदी व लॉकडाउन का रोना रोकर सरकार से अनेक सुविधाएं ली परन्तु जब कामगारों के वेतन देने की बात आई तो वेतन देना तो दूर की बात उल्टा छंटनी शुरू कर दी।हैरानी की बात तो ये है कि प्रेदश के मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा था कि लॉकडाउन के दौरान कामगारों की पूरी सैलरी दी जाए। लेकिन उद्योगों पर सरकार के आदेशों का भी कोई असर नहीं है। अभी तक कामगारों को मार्च, अप्रैल माह का वेतन नहीं मिला जबकि यह जुलाई महीना चल पड़ा है। ऐसे में कामगार कैसे अपना घर चलाएंगे व बच्चों का पढ़ाएंगे। वहीं प्रदेश सरकार द्वारा कामगारों की रक्षा के लिए बनाया गया श्रमविभाग भी कामगारों के हकों की रक्षा करने की बजाय उद्योगपतियों का हितैशी बनकर बैठा हुआ है। इस मौके पर प्रदेश महामंत्री नरेश मेहता, विक्रम, सोहन, चमकीला, राकेश, गुरदीप, श्याम, अनिल, रमन, मनजीत, राजेश,नीरज व महेश्वर समेत अनेक लोग उपस्थित थे
बददी ! हिंद मजदूर सभा की बैठक झाड़माजरी में हिंद मजदूर सभा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश कुमार कप्पा व कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष संजीव कुमार बस्सी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में हिंद हिमाचल के प्रभारी राम किशन शर्मा का हिंद मजदूर सभा की नई कार्यकारिणी गठित करने पर आभार जताया गया वहीं बीबीएन के उद्योगों में आ रही कामगारों की समस्याओं पर भी गहन चिंतन किया गया। सभी नेताओं का कहना है लॉकडाउन के दौरान ज्यादातर उद्योगपतियों ने कामगारों के वेतन नहीं दिया जिन्हें चेताया गया कि कामगारों की समस्याओं को समाधान करें व कामगारों को उनका वेतन दें। वरना संगठन को मजबूरन उनके खिलाफ आंदोलन की तैयारी करनी पड़ेगी व जल्द ही श्रम विभाग के घेरव की भी रणनीति बनाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों ने आर्थिक मंदी व लॉकडाउन का रोना रोकर सरकार से अनेक सुविधाएं ली परन्तु जब कामगारों के वेतन देने की बात आई तो वेतन देना तो दूर की बात उल्टा छंटनी शुरू कर दी।हैरानी की बात तो ये है कि प्रेदश के मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा था कि लॉकडाउन के दौरान कामगारों की पूरी सैलरी दी जाए। लेकिन उद्योगों पर सरकार के आदेशों का भी कोई असर नहीं है। अभी तक कामगारों को मार्च, अप्रैल माह का वेतन नहीं मिला जबकि यह जुलाई महीना चल पड़ा है। ऐसे में कामगार कैसे अपना घर चलाएंगे व बच्चों का पढ़ाएंगे। वहीं प्रदेश सरकार द्वारा कामगारों की रक्षा के लिए बनाया गया श्रमविभाग भी कामगारों के हकों की रक्षा करने की बजाय उद्योगपतियों का हितैशी बनकर बैठा हुआ है। इस मौके पर प्रदेश महामंत्री नरेश मेहता, विक्रम, सोहन, चमकीला, राकेश, गुरदीप, श्याम, अनिल, रमन, मनजीत, राजेश,नीरज व महेश्वर समेत अनेक लोग उपस्थित थे
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