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चम्बा ! राधाष्टमी पर मणिमहेश यात्रा के अंतिम बड़े शाही स्नान के लिए मंगलवार को श्रद्धालु पवित्र डल झील पर पहुंचे। यात्रा का मुहूर्त मंगलवार सुबह से बुधवार तक जारी रहेगा। त्रिलोचन महादेव के वंशज शिव चेलों ने मंगलवार दोपहर डल झील को पार करने की रस्म पूरी की, जिसके बाद पूरा कैलाश पर्वत शिव के जयकारों से गूंजयमान हो उठा। शिव चेलों के झील पार करने (डल तोड़ने) की रस्म अदा होने के बाद ही स्नान शुरू हो गया । झील की तीन बार परिक्रमा करने के बाद शिव चेले अपने निर्धारित स्थान पर आकर बैठ गए और डल तोड़ने की रस्म आरंभ हुई। कार्तिक स्वामी के चेले ने शिव चेलों की अगुवाई की। कोरोना महामारी के दौरान इस वर्ष स्नान केवल औपचारिकता पूरी करने के लिए करवाया गया चुनिंदा शिव चेलों को ही मणिमहेश जाने की अनुमति जिला प्रशासन ने दी थी।
चम्बा ! राधाष्टमी पर मणिमहेश यात्रा के अंतिम बड़े शाही स्नान के लिए मंगलवार को श्रद्धालु पवित्र डल झील पर पहुंचे। यात्रा का मुहूर्त मंगलवार सुबह से बुधवार तक जारी रहेगा। त्रिलोचन महादेव के वंशज शिव चेलों ने मंगलवार दोपहर डल झील को पार करने की रस्म पूरी की, जिसके बाद पूरा कैलाश पर्वत शिव के जयकारों से गूंजयमान हो उठा। शिव चेलों के झील पार करने (डल तोड़ने) की रस्म अदा होने के बाद ही स्नान शुरू हो गया ।
झील की तीन बार परिक्रमा करने के बाद शिव चेले अपने निर्धारित स्थान पर आकर बैठ गए और डल तोड़ने की रस्म आरंभ हुई। कार्तिक स्वामी के चेले ने शिव चेलों की अगुवाई की। कोरोना महामारी के दौरान इस वर्ष स्नान केवल औपचारिकता पूरी करने के लिए करवाया गया चुनिंदा शिव चेलों को ही मणिमहेश जाने की अनुमति जिला प्रशासन ने दी थी।
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