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शिमला ! शिक्षा, विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की मन की बात कार्यक्रम सुनने के उपरांत प्रधानमंत्री के प्रेरणादायक मार्गदर्शन को आत्मसात कर जीवन और राष्ट्र के प्रति कार्य करने के लिए आगे बढ़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने मार्गदर्शन में चीन के साथ बढ़ रही तकरार और देश पर जान न्यौछावर करने के लिए सदैव तैयार सैनिकों के शौर्य की चर्चा की। उन्होंने पर्यावरण सुरक्षा के प्रति सचेत करते हुए गणेश चतुर्थी पर पर्यावरण मित्र सामग्री से गणेश प्रतिमा बनाकर विसर्जित करने की अपील की ताकि पर्यावरण को स्वच्छ रखने और नदियों को दूषित होने से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि वर्षा ऋतु में पृथ्वी को नई सफुर्ति प्राप्त होती है जो दोहन पृथ्वी का किया जाता है इस ऋतु में उसकी पुनः पूर्ति पृथ्वी द्वारा बरसात में की जाती है। उन्होंने कहा कि बरसात में बिमारियों बढ़ने का अंदेशा रहता है। विशेष रूप से उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए एहतियात बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कि संकटकाल सदैव नई चुनौतियों वाला होता है। ऐसे समय में धैर्य व सहज भाव का परिचय देते हुए इसका सामना करने के साथ-साथ नए अवसरों को अपनाने के लिए आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सहजता का परिचय देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव का जिकर करते हुए उनके जीवन से जुड़े अनेक पहलुओं को उजागर किया। विशेष रूप से 17 साल की आयु में पी.वी. नरसिम्हा राव ने निजाम हैदारबाद द्वारा वंदे मातरम् गायन के विरूद्ध जो आंदोलन किया गया था नरसिम्हा राव उसके विरोध में खड़े हुए थे उसका जिकर भी किया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री को देश की अनेक भाषाओं का ज्ञान होने के साथ विदेशी भाषाओं का भी ज्ञाता बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा मन की बात कार्यक्रम में अनलाॅक की स्थिति में बढ़ती जाने वाली सभी सावधानियों पर अमल करने की बात कही। दो गज की दूरी बनाए रखने, चेहरे को फेस मास्क से ढकने आदि को अनिवार्य रूप से अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को मन की बात कार्यक्रम को अवश्य सुनना चाहिए ताकि प्रधानमंत्री के विचारों से प्रेरणा लेकर हम उसका अनुसरण कर सके।
शिमला ! शिक्षा, विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की मन की बात कार्यक्रम सुनने के उपरांत प्रधानमंत्री के प्रेरणादायक मार्गदर्शन को आत्मसात कर जीवन और राष्ट्र के प्रति कार्य करने के लिए आगे बढ़ने की अपील की।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने मार्गदर्शन में चीन के साथ बढ़ रही तकरार और देश पर जान न्यौछावर करने के लिए सदैव तैयार सैनिकों के शौर्य की चर्चा की। उन्होंने पर्यावरण सुरक्षा के प्रति सचेत करते हुए गणेश चतुर्थी पर पर्यावरण मित्र सामग्री से गणेश प्रतिमा बनाकर विसर्जित करने की अपील की ताकि पर्यावरण को स्वच्छ रखने और नदियों को दूषित होने से बचाया जा सके।
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उन्होंने कहा कि वर्षा ऋतु में पृथ्वी को नई सफुर्ति प्राप्त होती है जो दोहन पृथ्वी का किया जाता है इस ऋतु में उसकी पुनः पूर्ति पृथ्वी द्वारा बरसात में की जाती है। उन्होंने कहा कि बरसात में बिमारियों बढ़ने का अंदेशा रहता है। विशेष रूप से उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए एहतियात बरतने की अपील की।
उन्होंने कहा कि संकटकाल सदैव नई चुनौतियों वाला होता है। ऐसे समय में धैर्य व सहज भाव का परिचय देते हुए इसका सामना करने के साथ-साथ नए अवसरों को अपनाने के लिए आगे बढ़ना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सहजता का परिचय देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव का जिकर करते हुए उनके जीवन से जुड़े अनेक पहलुओं को उजागर किया। विशेष रूप से 17 साल की आयु में पी.वी. नरसिम्हा राव ने निजाम हैदारबाद द्वारा वंदे मातरम् गायन के विरूद्ध जो आंदोलन किया गया था नरसिम्हा राव उसके विरोध में खड़े हुए थे उसका जिकर भी किया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री को देश की अनेक भाषाओं का ज्ञान होने के साथ विदेशी भाषाओं का भी ज्ञाता बताया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा मन की बात कार्यक्रम में अनलाॅक की स्थिति में बढ़ती जाने वाली सभी सावधानियों पर अमल करने की बात कही। दो गज की दूरी बनाए रखने, चेहरे को फेस मास्क से ढकने आदि को अनिवार्य रूप से अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को मन की बात कार्यक्रम को अवश्य सुनना चाहिए ताकि प्रधानमंत्री के विचारों से प्रेरणा लेकर हम उसका अनुसरण कर सके।
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