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शिमला ,04 नवंबर ! आज वन्यप्राणी प्रभाग वन विभाग के द्वारा वन विभाग के फ्रंट लाइन स्टाफ ( वन परिक्षेत्र अधिकारी, उपवनराजिक,एवं वनरक्षक) के लिये एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आरआरसी टूटीकंडी शिमला में किया गया , जिसमे श्री अनिल ठाकुर अतिरिक्त प्रधान मुख्यअरण्यपाल वन्यप्राणी प्रभाग ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की । कार्यशाला में 14 वनमण्डलों के 32 प्रतिभागियों ने भाग लिया।डॉ करण, वेटनरी ऑफिसर ने प्रतिभागियों को रेस्क्यू एवं रिलीज प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी और इस प्रक्रिया में उपयोग किये जाने वाले सभी उपकरणों से अवगत करवाया। अनिल ठाकुर जी ने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उदेश्य वन विभाग के फ्रंट लाइन स्टाफ को वन्यप्राणियों के रेस्क्यू एवं रिलीज़ प्रकिया को सफल बनाने के लिये सक्षम बनाना है ताकि हिमाचल प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में अगर मानव वन्यप्राणी संघर्ष की कोई भी घटना होती है तो वन विभाग का फ्रंट लाइन स्टाफ वन्यप्राणियों के रेस्क्यू एवं रिलीज़ में परिपूर्ण हो सके। उन्होंने कहा कि सभी प्रतिभागी रेस्क्यू एवं रिलीज प्रक्रिया एवं विभिन्न उपकरणों के उपयोगों की पूरी जानकारी प्राप्त कर अपने अपने क्षत्रों में जाकर वन्यप्राणियों के रैस्क्यू में प्रयोग में लाएं और किसी भी वन्यप्राणी को रेस्क्यू एवं संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला ,04 नवंबर ! आज वन्यप्राणी प्रभाग वन विभाग के द्वारा वन विभाग के फ्रंट लाइन स्टाफ ( वन परिक्षेत्र अधिकारी, उपवनराजिक,एवं वनरक्षक) के लिये एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आरआरसी टूटीकंडी शिमला में किया गया , जिसमे श्री अनिल ठाकुर अतिरिक्त प्रधान मुख्यअरण्यपाल वन्यप्राणी प्रभाग ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की ।
कार्यशाला में 14 वनमण्डलों के 32 प्रतिभागियों ने भाग लिया।डॉ करण, वेटनरी ऑफिसर ने प्रतिभागियों को रेस्क्यू एवं रिलीज प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी और इस प्रक्रिया में उपयोग किये जाने वाले सभी उपकरणों से अवगत करवाया।
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अनिल ठाकुर जी ने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उदेश्य वन विभाग के फ्रंट लाइन स्टाफ को वन्यप्राणियों के रेस्क्यू एवं रिलीज़ प्रकिया को सफल बनाने के लिये सक्षम बनाना है ताकि हिमाचल प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में अगर मानव वन्यप्राणी संघर्ष की कोई भी घटना होती है तो वन विभाग का फ्रंट लाइन स्टाफ वन्यप्राणियों के रेस्क्यू एवं रिलीज़ में परिपूर्ण हो सके।
उन्होंने कहा कि सभी प्रतिभागी रेस्क्यू एवं रिलीज प्रक्रिया एवं विभिन्न उपकरणों के उपयोगों की पूरी जानकारी प्राप्त कर अपने अपने क्षत्रों में जाकर वन्यप्राणियों के रैस्क्यू में प्रयोग में लाएं और किसी भी वन्यप्राणी को रेस्क्यू एवं संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।।
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