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शिमला ! कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के प्रति कतई गम्भीर नही है।उनका कहना है कि एक तरफ यह कूमिनिटी स्प्रेड की तरफ बढ़ रहा है दूसरी तरफ सरकार इसके नियमों की धज्जियां उड़ाने में लगी है। कांग्रेस सचिव हरिकृष्ण हिमराल ने आज यहां कहा कि प्रदेश सरकार ने हाई स्कूलों को खोलने का निर्णय तो लिया है पर न तो बच्चों के ही सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखा गया है और न ही शिक्षकों का। हिमराल ने कहा है कि चूंकि कोविड 19 प्रदेश में सामुदायिक फैलाब की ओर बढ़ रहा है इसलिए लोगों में इसका खतरा ओर बढ़ गया है।उन्होंने कहा है कि हर रोज इस संक्रमण से लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है।अस्पतालों में कोई भी सुविधा रोगियों को नही मिल रही है।खास कर कोविड 19 से ग्रस्त रोगी रामभरोसे है।उन्होंने कहा है कि शिमला के दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल की घटना से कोविड केंद्रों की पूरी व्यवस्था की पोल खुल गई है। हिमराल ने कहा कि स्कूलों में सभी शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य बनाई गई है,जबकि बच्चे केवल नवीं क्लास से ग्यारहवीं क्लास तक के बुलाए जा रहें ऐसे में सभी शिक्षकों को बुलाया जाना कहीं न कहीं सोशल डिस्टेसिंग को तोड़ेगा।अनावश्यक स्टाफ को बुलाना इस संक्रमण को बढ़वा देने का ही आमंत्रण है। हिमराल ने कहा है कि सरकार को अपने इस फैंसले पर पुनः विचार करते हुए छोटे बच्चो व शिक्षकों के प्रति ओर सचेत रहने की बहुत जरूरत है।
शिमला ! कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वह प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के प्रति कतई गम्भीर नही है।उनका कहना है कि एक तरफ यह कूमिनिटी स्प्रेड की तरफ बढ़ रहा है दूसरी तरफ सरकार इसके नियमों की धज्जियां उड़ाने में लगी है।
कांग्रेस सचिव हरिकृष्ण हिमराल ने आज यहां कहा कि प्रदेश सरकार ने हाई स्कूलों को खोलने का निर्णय तो लिया है पर न तो बच्चों के ही सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखा गया है और न ही शिक्षकों का।
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हिमराल ने कहा है कि चूंकि कोविड 19 प्रदेश में सामुदायिक फैलाब की ओर बढ़ रहा है इसलिए लोगों में इसका खतरा ओर बढ़ गया है।उन्होंने कहा है कि हर रोज इस संक्रमण से लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है।अस्पतालों में कोई भी सुविधा रोगियों को नही मिल रही है।खास कर कोविड 19 से ग्रस्त रोगी रामभरोसे है।उन्होंने कहा है कि शिमला के दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल की घटना से कोविड केंद्रों की पूरी व्यवस्था की पोल खुल गई है।
हिमराल ने कहा कि स्कूलों में सभी शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य बनाई गई है,जबकि बच्चे केवल नवीं क्लास से ग्यारहवीं क्लास तक के बुलाए जा रहें ऐसे में सभी शिक्षकों को बुलाया जाना कहीं न कहीं सोशल डिस्टेसिंग को तोड़ेगा।अनावश्यक स्टाफ को बुलाना इस संक्रमण को बढ़वा देने का ही आमंत्रण है।हिमराल ने कहा है कि सरकार को अपने इस फैंसले पर पुनः विचार करते हुए छोटे बच्चो व शिक्षकों के प्रति ओर सचेत रहने की बहुत जरूरत है।
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