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शिमला ! अन्य राज्यों के साथ हिमाचल प्रदेश में भी बड़े पैमाने पर रेगिस्तानी टिड्डों के संभावित आक्रमण के कारण अलर्ट जारी किया गया है। पड़ोसी राज्यों में टिड्डियां फसलों को नष्ट कर रही है। जिसके कारण प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। ख़ासकर कांगड़ा, ऊना, बिलासपुर और सोलन जिले हाई अलर्ट पर हैं। कृषि विभाग टिड्डियों की गतिविधियों पर निरंतर नजर रखने तथा किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए फील्ड अधिकारियों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं। कृषि मंत्री रामलाल मार्कण्डेय ने बताया कि यह रेगिस्तानी टिड्डे आमतौर पर हवा के साथ लगभग 16 से 19 किमी प्रति घंटे की गति से हवा के साथ उड़ते हैं और एक दिन में लगभग 5 से 130 किमी या इससे अधिक की दूरी तय कर सकते हैं। इसके बचाव के लिए 30 लीटर पानी में 200 ग्राम मैथेरिजियम और बाॅवरिया जैसे जैव कीटनाशक का घोल बना कर छिडकाव करने में आदेश दिए गए है।
शिमला ! अन्य राज्यों के साथ हिमाचल प्रदेश में भी बड़े पैमाने पर रेगिस्तानी टिड्डों के संभावित आक्रमण के कारण अलर्ट जारी किया गया है। पड़ोसी राज्यों में टिड्डियां फसलों को नष्ट कर रही है। जिसके कारण प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। ख़ासकर कांगड़ा, ऊना, बिलासपुर और सोलन जिले हाई अलर्ट पर हैं। कृषि विभाग टिड्डियों की गतिविधियों पर निरंतर नजर रखने तथा किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए फील्ड अधिकारियों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
कृषि मंत्री रामलाल मार्कण्डेय ने बताया कि यह रेगिस्तानी टिड्डे आमतौर पर हवा के साथ लगभग 16 से 19 किमी प्रति घंटे की गति से हवा के साथ उड़ते हैं और एक दिन में लगभग 5 से 130 किमी या इससे अधिक की दूरी तय कर सकते हैं। इसके बचाव के लिए 30 लीटर पानी में 200 ग्राम मैथेरिजियम और बाॅवरिया जैसे जैव कीटनाशक का घोल बना कर छिडकाव करने में आदेश दिए गए है।
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