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बददी ! दून की भटोली पंचायत के बोणी भटोली गांव में पेयजल किल्लत को लेकर गांव की महिलाएं आईपीएच के सहायक अभियंता से मिली। महिलाओं ने कहा कि 6 माह से उनके गांव में पानी नहीं आ रहा है। आधे गांव में पानी आता है और आधा गांव के लोग पानी की बूंद बूंद के लिए तरसते है। महिलाएं भर गर्मी में मीलो दूर से खड्ड से पानी ढोने पर मजबूर है। बोणी भटोली की ऊषा देवी, ऊर्मिला, गुरप्रीत, निर्मला व अंजू मंगलवार को बद्दी स्थित जल शक्ति बोर्ड के कार्यालय में एसडीओ नीरज गुप्ता से मिली। महिलाओं ने बताया कि मई माह से उनके आधे गांव में पानी नहीं आ रहा है। पूरे दिन में एक आधा बाल्टी पानी की मिलती है। लोगों को अपने मवेशियों व रोजमर्रा के काम के लिए पानी साथ लगती खड्ड से ढोना पड़ रहा है। इस बारे में महिलाओ ने विभाग के जेई व सुपरवाईजर को भी अवगत कराया गया है लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं है। ऊषा देवी ने एसडीओ को बताया कि योजना में पानी की कमी नहीं है लेकिन उनके गांव की ओर आने वाले गेटवाल ही नहीं खुलता है। जिससे यह समस्या बनी हुई है। उन्होंने एसडीओ को बताया कि अगर उनके पास गेटवाल खोलने के लिए कर्मी नहीं है तो वह गेटवाल खोलने के लिए अपने गांव से एक युवा को तैनात कर सकती है। जिसका खर्चा वह स्वयं वहन करेंगी। निर्मला देवी ने बताया कि आर्थिक रूप से संपन्न लोग तो टैंकर मंगा कर अपना काम चले रहे है लेकिन गरीब लोग टैंकर भी नहीं मंगा सकता है। कोराना काल में जहां बीबीएन के लोग घरों में दूबके रहे वहीं बौणी भटोली के लोग पानी के लिए भटकते रहे। सहायक अभियंता नीरज गुप्ता ने जेई को मौका देखने व इस समस्या को जल्द ही हल करने को कहा है। उन्होंने कहा कि अगर पानी छोडऩे वाला व्यक्ति हेराफेरी कर रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करें अन्यथा उन्हेें किसी दूसरी योजना से पाईप लाईन लगा कर पानी मुहैया कराएं।
बददी ! दून की भटोली पंचायत के बोणी भटोली गांव में पेयजल किल्लत को लेकर गांव की महिलाएं आईपीएच के सहायक अभियंता से मिली। महिलाओं ने कहा कि 6 माह से उनके गांव में पानी नहीं आ रहा है। आधे गांव में पानी आता है और आधा गांव के लोग पानी की बूंद बूंद के लिए तरसते है। महिलाएं भर गर्मी में मीलो दूर से खड्ड से पानी ढोने पर मजबूर है।
बोणी भटोली की ऊषा देवी, ऊर्मिला, गुरप्रीत, निर्मला व अंजू मंगलवार को बद्दी स्थित जल शक्ति बोर्ड के कार्यालय में एसडीओ नीरज गुप्ता से मिली। महिलाओं ने बताया कि मई माह से उनके आधे गांव में पानी नहीं आ रहा है। पूरे दिन में एक आधा बाल्टी पानी की मिलती है। लोगों को अपने मवेशियों व रोजमर्रा के काम के लिए पानी साथ लगती खड्ड से ढोना पड़ रहा है। इस बारे में महिलाओ ने विभाग के जेई व सुपरवाईजर को भी अवगत कराया गया है लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं है।
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ऊषा देवी ने एसडीओ को बताया कि योजना में पानी की कमी नहीं है लेकिन उनके गांव की ओर आने वाले गेटवाल ही नहीं खुलता है। जिससे यह समस्या बनी हुई है। उन्होंने एसडीओ को बताया कि अगर उनके पास गेटवाल खोलने के लिए कर्मी नहीं है तो वह गेटवाल खोलने के लिए अपने गांव से एक युवा को तैनात कर सकती है। जिसका खर्चा वह स्वयं वहन करेंगी। निर्मला देवी ने बताया कि आर्थिक रूप से संपन्न लोग तो टैंकर मंगा कर अपना काम चले रहे है लेकिन गरीब लोग टैंकर भी नहीं मंगा सकता है। कोराना काल में जहां बीबीएन के लोग घरों में दूबके रहे वहीं बौणी भटोली के लोग पानी के लिए भटकते रहे।
सहायक अभियंता नीरज गुप्ता ने जेई को मौका देखने व इस समस्या को जल्द ही हल करने को कहा है। उन्होंने कहा कि अगर पानी छोडऩे वाला व्यक्ति हेराफेरी कर रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करें अन्यथा उन्हेें किसी दूसरी योजना से पाईप लाईन लगा कर पानी मुहैया कराएं।
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