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बिलासपुर ! मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डाॅ0 प्रकाश दरोच ने जानकारी देते हुए बताया कि जनवरी 2021 से अद्वितीय दिव्यांगता पहचान पत्र (यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड) हेतु दिव्यांगता शिविर हर महीने के पहले शुक्रवार को लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि दिव्यांगजन व्यक्तियों के अधिकार विधेयक 2016 के तहत दिवयांगता के प्रकारों को 7 से बढाकर 21 कर दिया गया है जिसमें अंधापन, कम दृष्टि, कुष्ठ रोग से पीडित व्यक्ति, बहरापन, लोकोमीटर दिव्यांगता, बौनापन, बौद्विक दिव्यांगता, मानसिक बीमारी, ऑथ्टज्म स्पेक्ट्रम विकार, सेरेब्रल पाल्सी, मस्कुलर डिस्टाॅफी, जीर्ण तंत्रिका संबंधी स्थितियां, विशिष्ट सीखने की अक्षमता, मल्टी पल स्केलेरोसिस, भाषण और भाषा दिव्यांगता, थैलेसीमिया, हीमोफिलिया, सिकल सेल रोग, बहरापन सहित कई दिव्यांगता, एसिड अटैक पीडित, पार्किसंस रोग शामिल है। उन्होंने बताया कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन हेतु www.swavlambancard.gov.in वैबसाइट पर जाकर अपना आवेदन कर पंजीकरण अवश्य करवाएं और विशेष शिविरों में व हर महीने के प्रथम शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में आकर अपना अद्वितीय दिव्यांगता पहचान पत्र बनाएं तथा सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाओें का लाभ उठाएं। उन्होंने बताया कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए जरुरी दस्तावेज राशन कार्ड/वोटर कार्ड/आधार कार्ड तथा दिव्यांग व्यक्ति के 4 फोटो शामिल है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में हर महीने के प्रथम शुक्रवार को दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए विशेष चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाता है। शिविर में प्रार्थी की मैडिकल बोर्ड में चिकित्सकों की टीम के द्वारा परीक्षण के बाद दिव्यांगता का आंकलन किया जाता है तथा दिव्यांग प्रार्थियों के पक्ष में दिव्यांगता प्रमाण पत्र मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय द्वारा जारी किया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रार्थी को अपना पंजीकरण सामाजिक कल्याण विभाग में करवाना आवश्यक हैं, इसके बाद ही यूनिक डिसएवलटी आई डी कार्ड के माध्यम से व्यक्ति सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठा सकता है।
बिलासपुर ! मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डाॅ0 प्रकाश दरोच ने जानकारी देते हुए बताया कि जनवरी 2021 से अद्वितीय दिव्यांगता पहचान पत्र (यूनिक डिसेबिलिटी आईडी कार्ड) हेतु दिव्यांगता शिविर हर महीने के पहले शुक्रवार को लगाए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि दिव्यांगजन व्यक्तियों के अधिकार विधेयक 2016 के तहत दिवयांगता के प्रकारों को 7 से बढाकर 21 कर दिया गया है जिसमें अंधापन, कम दृष्टि, कुष्ठ रोग से पीडित व्यक्ति, बहरापन, लोकोमीटर दिव्यांगता, बौनापन, बौद्विक दिव्यांगता, मानसिक बीमारी, ऑथ्टज्म स्पेक्ट्रम विकार, सेरेब्रल पाल्सी, मस्कुलर डिस्टाॅफी, जीर्ण तंत्रिका संबंधी स्थितियां, विशिष्ट सीखने की अक्षमता, मल्टी पल स्केलेरोसिस, भाषण और भाषा दिव्यांगता, थैलेसीमिया, हीमोफिलिया, सिकल सेल रोग, बहरापन सहित कई दिव्यांगता, एसिड अटैक पीडित, पार्किसंस रोग शामिल है।
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उन्होंने बताया कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन हेतु www.swavlambancard.gov.in वैबसाइट पर जाकर अपना आवेदन कर पंजीकरण अवश्य करवाएं और विशेष शिविरों में व हर महीने के प्रथम शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में आकर अपना अद्वितीय दिव्यांगता पहचान पत्र बनाएं तथा सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाओें का लाभ उठाएं।
उन्होंने बताया कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए जरुरी दस्तावेज राशन कार्ड/वोटर कार्ड/आधार कार्ड तथा दिव्यांग व्यक्ति के 4 फोटो शामिल है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में हर महीने के प्रथम शुक्रवार को दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए विशेष चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जाता है।
शिविर में प्रार्थी की मैडिकल बोर्ड में चिकित्सकों की टीम के द्वारा परीक्षण के बाद दिव्यांगता का आंकलन किया जाता है तथा दिव्यांग प्रार्थियों के पक्ष में दिव्यांगता प्रमाण पत्र मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय द्वारा जारी किया जाता है।
उन्होंने बताया कि प्रार्थी को अपना पंजीकरण सामाजिक कल्याण विभाग में करवाना आवश्यक हैं, इसके बाद ही यूनिक डिसएवलटी आई डी कार्ड के माध्यम से व्यक्ति सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठा सकता है।
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