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शिमला ! कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने पर्यावरण नियमों से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के प्रति सरकार को आगह करते हुए कहा है कि आज वैश्विक माहमारी इसी का एक नतीजा है जो देश भुगत रहा है।उनका कहना है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी बिगड़ते पर्यावरण पर अपनी चिन्ता ब्यक्त करते हुए सरकार से इसके नियमों में किसी भी बदलाव को न करने व ईआइए 2020 की ड्राफ्ट अधिसूचना को निरस्त करने को कहा है,जिसमें खनन जैसे कार्यो में पर्यावरण नियमों में छूट दी गई है। राठौर ने कहा है कि सरकार का यह सामाजिक दायित्व है कि वह पर्यावरण संरक्षण के लिए उचित कदम उठाए।उन्होंने कहा कि देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्व.इंदिरा गांधी भी प्राकृतिक पर्यावरण से किसी भी प्रकार के छेड़छाड़ के सख्त खिलाफ थी। राठौर ने कहा है कि बढ़ते कार्बन उत्सर्जन को रोकने के लिए देश को हराभरा रखने की बहुत जरूरत है।उनका कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की चिन्ता देश के प्रति है। एक सर्वेक्षण के अनुसार पर्यावरण प्रदुषण से देश मे लगभग हर साल 12.4 लाख लोग मौत का शिकार हो रहें है जो बहुत ही चिंता का विषय है।उन्होंने कहा है कि देश मे जन स्वास्थ्य की ओर विशेष ध्यान देने की बहुत जरूरत है।इसके लिए पर्यावरण नियमों में किसी भी प्रकार की ढील देश के लिए आज बड़ा खतरा हो सकती है।
शिमला ! कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने पर्यावरण नियमों से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के प्रति सरकार को आगह करते हुए कहा है कि आज वैश्विक माहमारी इसी का एक नतीजा है जो देश भुगत रहा है।उनका कहना है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी बिगड़ते पर्यावरण पर अपनी चिन्ता ब्यक्त करते हुए सरकार से इसके नियमों में किसी भी बदलाव को न करने व ईआइए 2020 की ड्राफ्ट अधिसूचना को निरस्त करने को कहा है,जिसमें खनन जैसे कार्यो में पर्यावरण नियमों में छूट दी गई है।
राठौर ने कहा है कि सरकार का यह सामाजिक दायित्व है कि वह पर्यावरण संरक्षण के लिए उचित कदम उठाए।उन्होंने कहा कि देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्व.इंदिरा गांधी भी प्राकृतिक पर्यावरण से किसी भी प्रकार के छेड़छाड़ के सख्त खिलाफ थी।
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राठौर ने कहा है कि बढ़ते कार्बन उत्सर्जन को रोकने के लिए देश को हराभरा रखने की बहुत जरूरत है।उनका कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की चिन्ता देश के प्रति है। एक सर्वेक्षण के अनुसार पर्यावरण प्रदुषण से देश मे लगभग हर साल 12.4 लाख लोग मौत का शिकार हो रहें है जो बहुत ही चिंता का विषय है।उन्होंने कहा है कि देश मे जन स्वास्थ्य की ओर विशेष ध्यान देने की बहुत जरूरत है।इसके लिए पर्यावरण नियमों में किसी भी प्रकार की ढील देश के लिए आज बड़ा खतरा हो सकती है।
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