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कांगड़ा ! नूरपुर के विधायक राकेश पठाणीया ने जनता के लिए आपदा प्रबंधन को सबसे पहले शुरू कर दिया है। राजनीतिक तौर यह ऐसी पहल है जो वाया-वाया न होकर सीधी जनता के चूल्हे तक राहत बांटने में कामयाब साबित हुई है। राहत के लिए पठाणीया ने एक कंट्रोल रूम बनाया और सबसे पहले खुद आटा, दाल-चावल को जनता के जरिए ही जनता तक पहुंचाने का बंदोबस्त किया है। जनता और भोजन के बीच कोई इफ़, बट, कौमा टाइप शर्ते नहीं हैं। सिर्फ एक मानवीय अधिसूचना जारी की है कि पता लगाओ कि कौन-कौन से ऐसे घर या झुग्गी झोपड़ी ऐसी है जहां राषन नहीं है। सूचना दीजिए,नाम-पते दीजिए,सीधे राशन उनके पास पहुंच जाएगा। यानि मैन टू मैन मार्किंग टू फाइट एगेन्स्ट हंगर ।
कांगड़ा ! नूरपुर के विधायक राकेश पठाणीया ने जनता के लिए आपदा प्रबंधन को सबसे पहले शुरू कर दिया है। राजनीतिक तौर यह ऐसी पहल है जो वाया-वाया न होकर सीधी जनता के चूल्हे तक राहत बांटने में कामयाब साबित हुई है।
राहत के लिए पठाणीया ने एक कंट्रोल रूम बनाया और सबसे पहले खुद आटा, दाल-चावल को जनता के जरिए ही जनता तक पहुंचाने का बंदोबस्त किया है। जनता और भोजन के बीच कोई इफ़, बट, कौमा टाइप शर्ते नहीं हैं। सिर्फ एक मानवीय अधिसूचना जारी की है कि पता लगाओ कि कौन-कौन से ऐसे घर या झुग्गी झोपड़ी ऐसी है जहां राषन नहीं है। सूचना दीजिए,नाम-पते दीजिए,सीधे राशन उनके पास पहुंच जाएगा। यानि मैन टू मैन मार्किंग टू फाइट एगेन्स्ट हंगर ।
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