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चम्बा ! आपदा प्रभावितों से मिलने चम्बा वह नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने चंबा में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि यह सरकार न आपदा से बचाव को लेकर ही गंभीर है और न ही राहत कार्यों को प्रभावित तरीके से क्रियान्वित करने को लेकर। प्रदेश में हमेशा एक चलन रहा है कि जब भी मानसून और सर्दी का सीजन आता है तो सरकार द्वारा हाई लेवल मीटिंग करके तैयारियों की समीक्षा की जाती है। मौसम विभाग द्वारा जारी आंकड़ों और अपनी तैयारियों का मूल्यांकन किया जाता है। आपदा के जोखिम को न्यूनतम करने, आपात स्थिति से निपटने की पूर्व में ही पूरी योजना बनाने, आपात स्थिति से निपटने के लिए मशीनरी और बजट का प्रावधान किया जाता है। जिससे किसी भी अनहोनी की हालत में राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू किया जा सके। लेकिन व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार में इस बार मानसून के पहले तैयारियों की समीक्षा को लेकर कोई भी हाई लेवल बैठक होने की सूचना नहीं आई। इसी से ही सरकार की संवेदनशीलता का पता चलता है। इसके बाद जब आपदा से भारी भरकम नुकसान हो गया तो भी सरकार द्वारा राहत और बचाव कार्यों में युद्ध स्तरीय तेजी लाने के बजाय जुबानी हमले किए गए। आपदा के लिए पूर्व की सरकार को दोषी ठहराया गया। एक सरकार का इससे दुर्भाग्यपूर्ण रवैया नहीं हो सकता है। अब पूरा प्रदेश ही आपदा की चपेट में है तो सरकार के लोग किसी दोष देंगे। मुख्यमंत्री से आग्रह है कि केंद्र द्वारा दिए गए पैसों को जल्दी से जल्दी प्रभावी तरीके से आपदा प्रभावित तो तक पहुंचाएं जिससे उन्हें राहत मिल सके।जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार का झूठ और संवेदनहीनता ही नहीं खत्म होती है। विधान सभा सत्र के दौरान विपक्ष ने आपदा पर चर्चा मांगी और सरकार ने काफी ना नुकूर के बाद उसे स्वीकार किया। चार दिन चर्चा हुई लेकिन दुःख इस बात का है कि उस दौरान मुख्यमंत्री ज्यादातर समय सदन से ही गायब रहे। बिना किसी चुनाव के ही वह बिहार में चुनावी यात्रा निकाल रहे थे। इसी तरह जब चंबा में आपदा आई तो मणिमहेश यात्रियों के फंसे होने की जानकारी हमने सदन को दी और चर्चा की मांग की। हमने सरकार को सदन के माध्यम से बताया कि कम से कम चंबा में 10000 से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं। उपमुख्यमंत्री ने सदन में खड़े होकर हमारी बात का खंडन किया और कहा कि 3300 से कम लोग ही वहां फंसे हुए हैं। 2 दिन बाद तक सरकार को इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि वहां कितने लोग फंसे हैं। वर्तमान सरकार का श्रद्धालुओं को लेकर इस तरीके का प्रबंधन है। उससे भी हैरानी की बात यह है कि वही नेता तीन दिन बाद सदन और मीडिया के सामने खड़े होकर बताते हैं कि हमने 10000 से ज्यादा श्रद्धालु बाहर निकाले हैं, मणि महेश में 15000 से ज्यादा श्रद्धालु फंसे हुए थे। जो लोग वहां से बाहर निकले उन्होंने बताया कि उन्होंने 50- 50 किलोमीटर की पैदल यात्रा करके आए हैं।इसी तरह से सरकार द्वारा सदन में कहा गया कि वहां चार-चार हेलीकॉप्टर मणिमहेश की यात्रियों को रेस्क्यू कर रहे हैं। जब हमने हकीकत पता की तो पता चला वहां पर चार हेलीकॉप्टर वह थे जिन्हें निजी कंपनियां संचालित कर रही थी, जो पहले से ही वहां पर श्रद्धालुओं को लाने ले जाने का काम श्रद्धालुओं के खर्चे पर ही करते थे। आपदा के समय सरकार का उन कंपनियों पर भी नियंत्रण नहीं रहा। चार लोगों को मणिमहेश से निकालने के लिए कंपनियों ने 70 हजार रुपए तक चार्ज किया। मणिमहेश की यात्रा और चंबा की आपदा में फंसे लोगों को सरकार ने उनके हाल पर छोड़ दिया था। हैरानी की बात यह है कि सरकार को पता ही नहीं था कि कितने लोग कहां फंसे और किस हालत में है। सरकार ने सिर्फ यात्रियों से अलग–अलग बहानें से पैसे वसूले। लंगर चलाकर श्रद्धालुओं को भोजन करवाने वाले लोगों को भी इस सरकार ने नहीं बख्शा।भाजपा समाज सेवा में सदैव तत्पर रहने वाली पार्टीनेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सिर्फ राजनीतिक दल के नाते सिर्फ राजनीतिक गतिविधियां ही नहीं करती है। चुनाव लड़ना, चुनाव लड़ाना, चुनाव जीत कर सरकर बनाना, सरकर चलाना यहीं तक सीमित नहीं है। जब समाज संकट महसूस करता है तो समाज को उस वक्त मदद के लिए हमेशा सबसे आगे खड़ी होती है। तन मन धन से लोगों की मदद करती है। आज हिमाचल प्रदेश समेत देश के कई क्षेत्रों में आपदा आई है तो भारतीय जनता पार्टी देश के कोने-कोने से आपदा प्रभावितों के लिए मदद का प्रबंध कर रही है। त्रिपुरा से चलकर राहत सामग्री से भरा ट्रकों का काफिला हिमाचल प्रदेश पहुंच चुका है। जिसे भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता अपनी पीठ पर लाद कर, कई किलोमीटर पैदल चलकर प्रभावितों के कोई घर तक पहुंचाएंगे। देश भर के भाजपा शासित हिमाचल प्रदेश को आर्थिक सहायता भी प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने हिमाचल की मदद करने वाले अन्य प्रदेशों की सरकार का आभार भी व्यक्त किया।जो कहते हैं कुछ नहीं मिला वह बताएं पहले कितना मिलता थापत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए जयराम ठाकुर ने सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि हिमाचल के इतिहास में यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री द्वारा आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया गया हो और दिल्ली पहुंचने के पहले ही केंद्र द्वारा 1500 करोड रुपए की आर्थिक सहायता दी गई हो। इसके अलावा केंद्र द्वारा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एनडीएमएफ, एसडीएमएफ के तहत आपदा से निपटने के लिए अनवरत सहायता मिलती रहती है। आपदा के समय भी एनडीआरएफ से लेकर आर्मी, आइटीबीपी, एयर फोर्स सब के सब राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए थे। इसके बाद भी सरकार द्वारा प्रधानमंत्री के प्रति आभार का एक शब्द भी ना निकलना और किसी न किसी बहाने मदद न करने का आरोप लगाना शर्मनाक है। एक्सप्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल, राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन, सुलह विधायक विपिन परमार, चुराह से विधायक हंसराज, डलहौजी विधायक डीएस ठाकुर, चम्बा के पूर्व विधायक पवन नैयर आदि उपस्थित रहें।
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